अमरनाथ झा, महरैल, झंझारपुर। जुलाई ६, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
जुलाई ५, रवि दिन साहित्यिकी, सरिसब-पाही केर 259म बैसार लक्ष्मीबती संस्कृत महाविद्यालय, सरिसबक प्राङ्गण मे डा0 विश्वेश्वर मिश्रक अध्यक्षता आ श्री उदयचंद्र झा ‘विनोद’क विशिष्ट आतिथ्य मे संपन्न भेल। कार्यक्रमक प्रारंभ डा0 यशोदानाथ झा रचित आ हुनकहि स्वर मे भगवती वंदना सँ भेल। स्वागत भाषण डा0 किशोरनाथ झाक द्वारा कएल गेल।
एहि बैसार द्वारा श्रीमती लीली रेक चारिटा पोथीक एक संग विमोचन भेल। सब पोथीक संकलन-संपादन श्री रमानंद झा “रमण” द्वारा कएल गेल अछि। पोथी सभक नाम अछि:- समय कें धंगैत, विशाखन, उपसंहार आ पटाक्षेप। चारू पोथी पर आगत विद्वान लोकनि द्वारा परिचर्चा कएल गेल। उपस्थित विद्वान् साहित्यकार लोकनि मे श्रीमती नीरजा रेणु, कथाकार अशोक, श्याम दरिहरे, रमानंद झा रमण, डा0 नारायण जी, डा0कुलधारी सिंह, डा0 किशोर नाथ झा, डा0 जगदीश मिश्र (संयोजक साहित्यिकी), डा0 यशोदानाथ झा, डा0 सतीरमण झा, प्रो0 केदारनाथ झा, अमरनाथ झा सहित अनेको विद्वान् एवं गणमान्य साहित्यकार सब रहथि। अपने लोकनि द्वारा मैथिली साहित्यक भूत, वर्तमान तथा भविष्य प्रति चिन्तन करैत साहित्यिकी केर उद्देश्य प्राप्तिक दिशा मे योगदान निरंतर देबाक वचनबद्धता प्रकट कैल गेल।
सचिव डा0विद्यानंद झा द्वारा धन्यवाद ज्ञापनक संग बैसार समापन कैल गेल। अगिला बैसार दिनाङ्क 9-8-2015 केँ डा0 विश्वेश्वर मिश्रक आवास पर हएब सुनिश्चित भेल। एहि बैसार मे विशेष रूप सँ सहभागी होयबा लेल महिषीधाम (सहरसा) सँ पहुँचल मैथिली अभियानी अमित आनन्द मैथिली जिन्दाबाद सँ ग्राम सरिसब आ पाही अलग-अलग होयबाक संग डा. सर गंगानाथ झा केर कुटियाक पवित्र दर्शन सँ अति प्रसन्नता भेटबाक बात कहलनि। संगे ओ एहि कार्यक्रम मे सहभागी व्यक्तित्व सब स्वयं मे एकटा संस्था सँ कम नहि होयबाक विशेष जानकारी सेहो करौलनि। साहित्यिकी केर निरंतर बैसार मे अमल झा जी केर योगदानक विशेष चर्चा सेहो केलाह।