“देश के विरांगना सभ कोनो वीर सँ कम नहि, मरि मिटलथि देशपर तकर हुनका दुःखक लेश नहि”

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— इला झा।     

स्वतंत्रता संग्राम मे नारी शक्तिक भूमिका “
भारतवर्ष बहुत विशाल आ समृद्ध देश अछि। इतिहास गवाह अछि जे देशक स्वतंत्रता संग्राम लेल लड़’ वाला वीर सभ संग मे बहुत सन देशभक्त आ त्यागी विरांगना सेहो छलथि। जखुनका समयमे स्त्रीके घरक चाहरदीवारी सँ बाहर भेनाइ मना छल ताहि समयमे अनेको विरांगना देशक रक्षा हेतु अंग्रेजक लाठी गोली सहलनि। बहुत बहादुरी सँ लड़ैत अपनाके देश पर न्यौछावर केलथि। ओहिमे कतेको सुनल अनसुनल बहादुर महिला छथि। बहादुर देशभक्त अप्रतीम महिला सभक स्मरण क’ हम गौरवांवित छी। स्वतंत्रता संग्राममे आहुति देनिहारि विरांगनाक किछु नाम निम्नलिखित छनि।
सुचेता कृपलानी – १९०८ मे नेहरूजी आ अन्य स्वतंत्रता सेनानी संग जेल गेलथि।
अरुणा आसफ अली- भारत छोड़ो आंदोलन मे अहम भूमिका रहनि। ग्वालियरके मैदान मे पहिल बेर कांग्रेसक झंडा फहरेलथि। बाद मे दिल्लीके मेयर चुनल गेलथि।
रानी लक्ष्मी बाई – भारत मे जखनहु महिला सशक्तिकरणक नाम अबैत अछि तखन विरांगना लक्ष्मी बाईके नाम बहुत श्रद्धा सँ लेल जाइत छनि। बचपन मे हिनक नाम मणिकर्णिका छलनि बाद मे लक्ष्मी बाई बनलथि। देवी लक्ष्मीक सम्मान मे अपन नाम लक्ष्मी बाई रखलथि। चौदह वर्षमे हुनक विवाह झांसीके राजा गंगाधर राव सँ भेलैन। विधवा आ संतानहीन भेला के बाद बहुत कम वयसमे राजगद्दी सम्हारलथि।हुनक दत्तक पुत्रकेँ अंग्रेजी सरकार मान्यता नहि देलक आ राज्य हड़प’ चाहैत रहै। ओहो १८५७ ई अंग्रेजी सरकारके विरुद्ध बगावत मे शामिल भेलथि। बहुत बहादुरी दर्शावैत चतुराई सँ अंग्रेजी सेनाक सामना केलथि। हुनक साहस देखि एकटा अंग्रेज शासक सुन्दर आ चलाक महिला कहि सम्बोधित केलकैन। १८५८ ई २२ सालक उम्रमे ब्रिटिश सँ लोहा लैत शहीद भ’ गेलीह।
बेगम हजरत महल- अवध के नवाब वाजिद अलीशाहक दोसर पत्नी रहथि।अंग्रेज हुनका कलकत्ता निर्वासित कय लखनऊ रियासत हड़प’ चाहलक। अपन रियासत के बहुत बहादुरी सँ बचाक’ रखलथि आ १८५७ ई भारतीय विद्रोह के दौरान ब्रिटिश इस्ट इंडिया कम्पनीक खिलाफ विद्रोह केलथि। अंत मे नेपाल मे शरण लेलथि आ
ओहिठाम देहांत भेलनि ।
भीकाजी रुस्तम कामा- भारतीय मूलक पारसी महिला जे लंदन, जर्मनी, आ अमेरिका मे भ्रमण कय भारतक स्वतंत्रताक पक्षमे माहौल बनेलथि। जर्मनीमे २२ अगस्त १९०७ ई ७ वीं अन्तरराष्ट्रीय कांग्रेसक, भारतके प्रथम तिरंगा झंडा फहराबय लेल प्रसिद्ध छथि।
दुर्गा भाभी- क्रांतिकारी भगवती चरणक धर्मपत्नी छलथि। भारतक स्वतंत्रता संग्राममे क्रांतिकारी सभक प्रमुख सहयोगिनी रहथि। १८ दिसंबर १९२८ ई भगत सिंह अहि दुर्गा भाभी के संग भेष बदलिक’ कलकत्ता मेल सँ यात्रा केने रहथि।
किट्टूर रानी चिनम्मा- किट्टूर कर्नाटक के राजधानी छल। १८२४ ई रानी चिनम्मा सँ अंग्रेज किट्टूर हड़प’ चाहलक। ओहि विरुद्ध मे अंग्रेज सँ निरंतर संघर्ष करैत वीरगतिके प्राप्त भेलथि। स्वतंत्रता लेल संघर्ष कर’वाली पहिल महिला शासक मे हुनक नाम छनि।
प्रितिलता पाटेदार- १९११ई बंगाल मे जनमल एहन नाम अछि जे मात्र २१ वर्ष मे देश के लेल मौत के गला लगेलथि। १९३२ चटगाँव मे युरोपियन क्लब मे भेल हमला के पाछु यैह क्रांतिकारिक सभक हाथ रहैक।
सरोजनी नायडू – सविनय अवज्ञा आंदोलन मे भूमिका निभेलथि आ महात्मा गांधी संग जेल गेलथि। १९४२ ई भारत छोड़ो आंदोलन मे अहम भूमिका रहैन आ गिरफ्तार भेलथि। ई आजाद भारतक उत्तर प्रदेशक प्रथम महिला गवर्नर बनलथि।
एनीबेसेंट- हेलेना ब्लावत्सकी द्वारा स्थापित थियोसिफिकल सोसाइटीक सदस्या रहथि। भारत आबिक’ महिला अधिकार लेल लड़लथि।
ऊषा मेहता- जिनक कार्यकाल १९२०-२००० ई तक रहैन। मात्र पाँच सालक उम्रमे गाँधीजी हुनक विचार सँ बहुत प्रभावित भेलथि।आठ सालक उम्रमे साइमन गो बैक विरोध प्रदर्शन मे हिस्सा लेलथि। अंग्रेजक विरूद्ध अपन रेडियोक प्रसारण सेहो करैत रहथि।
कस्तूरबा गाँधी-स्वतंत्रताक आन्दोलन मे महात्मा गाँधीजीक संग देलथि। भारत छोड़ो आन्दोलनमे जेल गेलथि। आगा खान महल मे मृत्यु भेलैन। प्रथम विश्वयुद्ध मे योरोप मे गंभीर रूप सँ घायल अंग्रेजी सेनाक भारतीय सैनिक सहायतार्थ स्वेच्छा सँ नर्स बनि ईंगलैंड जाक’ सेवा केलथि।।
विजयलक्ष्मी पंडित – भारतक प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लालक बहिन रहथि। भारतक स्वतंत्रता मे हिनक अमूल्य योगदान छनि।
लक्ष्मी सहगल- आजाद हिंद फौजक रानी लक्ष्मी रेजिमेंट के कमांडर छलथि। व्यवसाय सँ डाक्टर रहथि ई द्वितीय विश्व युद्ध के समय प्रकाश मे आयल। भारतक स्वतंत्रता संग्रामक सेनानी आजाद हिंद फौजक सरकार मे महिला मामला मंत्री छलथि।
ज्योतिर्मयी गांगुली – सरकारी नौकरी छोड़लथि। आइ एन ए सिपाही के कैद सँ छोड़ब’ लेल ब्रिटिश सरकार के पाछु पड़लथि बगावत केलथि। १९४७ पुलिस एक्शन प्रोटेस्ट मे मारल गेलथि।
रानी गेंदीवुली-नागा रानी तिरंदाजी आ गुरिल्ला युद्ध मे माहिर छलथि। अंग्रेजकेँ छकाब’ मे महारत हासिल छलैन।
आंध्रक दुर्गा बाइ देशमुख, मिथिलाक सुभद्रा देवी, सुधा देवी, मोती देवी इत्यादि चरखा पर सूत काटिक’ बेचिक’ यथाशक्ति योगदान दैत रहथि। गाँधी जीक एक बेर कहला पर अंग्रेजी वस्त्र पहिर खद्दरधारी भ’ गेलीह।कतेको माय अपन संतान के स्वतंत्रता संग्राम मे आगू बढ’ के हिम्मत देलथि। ताहि संग्रामक भीषण यातना चुपचाप सहैत गेलीह। स्वतंत्रता भेटलाक बादो विरांगना मोल नहि मँगलथि। कतेको क्रांतिकारी परिवार चुपचाप बिला गेल तकर समाज कोनो सुधि नहि लेलक। देशभक्त क्रांतिकारी शहीद चन्द्रशेखरक माए झांसी लगक जंगल सँ सुखल लकड़ी बिछि – बिछी जीवन यापन केलथि।
देशक संग्राम मे नारी शक्तिक बहुमूल्य योगदान अतुलनीय अछि। अपन अप्रतीम साहस आ धैर्य सँ दुश्मन के देश सँ भगाबय मे सक्षम छथि। अंतमे-
“ देश के विरांगना सभ कोनो वीर सँ कम नहि
मरि मिटलथि
देश पर तकर
हुनका दुःख लेश नहि
राष्ट्रक निर्माण मे हुनक योगदान काल्हियो छल
आइयो छन्हि काल्हियो हेतैन तकर हुनका कोनो संशय नहि”
जय मिथिला जय मैथिली
जय नारी शक्ति
इला झा 20.1.2023
बैंगलुरू