सोशल मीडिया गतिविधि
– कीर्ति नारायण झा
फेसबुक समूह ‘दहेज मुक्त मिथिला’ पर चलि रहल विभिन्न गतिविधिक साप्ताहिक समीक्षा – २४ दिसम्बर २०२२ ।
ग्रुप के लिंकः https://www.facebook.com/groups/dahejmuktmithila– एहि समूह पर केवल दहेज विरूद्ध संकल्पित लोक टा जुड़ि सकैत छथि। आपस मे वैवाहिक परिचय लेनदेन कय सकैत छथि। एकर उद्देश्य समाज सँ मांगरूपी दहेज केँ समाप्त करैत स्वच्छ स्वेच्छाचारिता धर्म अनुसार विवाह केँ बढावा देब अछि।
“भागीरथ संग में चलली गंगा, पावन करय मनुज के धाम। रोकि सकत के ओज हुनक, शिव शंकर छोड़ि ने आन॥” गंगा स्तुति मीना मिश्रा के लिखल सुंदर पांती सँ आजुक साप्ताहिक समीक्षा के शुभारम्भ कऽ रहल छी।
नवीन झा के नवीन प्रयास अन्तर्गत “गाम सँ भऽ गेल छी सब दूर, दूर होवय लेल छी मजबूर” नीक पांती छैन्ह। गौरी कान्त झा के “दुर्गा दुर्गति नाश करै छी, महिमा अगम अपार। एहि बेर अबियौ, गज पर भेल सवार” भगवती के नीक आह्वान छैन्ह। समूह पर जन्मदिन के शुभकामना गुडिया बहिन के मनाओल गेल। एक बेर पुनः बधाई। दीपा ठाकुर के राजनगर सँ नवाह के लाइव बहुत सुंदर। समूहक संचालिका श्रीमती वन्दना चौधरी के “अहाँ सीता छी, वैदेही छी, हे जनकसुता, हे राम प्रिया” बहुत सुंदर पांती छैन्ह।
लेखनी के धार प्रतियोगिता के एहि सप्ताह के विजेता के नाम क्रमशः उग्रनाथ झा, अरूण कुमार मिश्र, आभा झा, इला झा, कीर्ति नारायण झा, पूजा कुमारी, रिंकू झा, नूतन झा, विद्या चौधरी, आदिति सिंह आ क्षमा कुमारी। विषय छल प्रवासी मैथिल अपन संस्कृति के संरक्षण आ सम्वर्धन कोना करैथि?
मिथिला के बेटी सोनी झा के कल्कि गौरव सम्मान सँ सम्मानित कयल गेल जकर उत्सव समूह पर मनाऒल गेल। किरण झा के “दाइ गे बड्ड अजगुत देखलौँ हम फूलवाड़ी में, सें बौह खयलक एकहि थारी में” जमाना पर कटाक्ष करैत बहुत सुंदर लिखने छैथि। हिनक लिखल ‘दहेज’ बहुत सुंदर रचना अछि। लाल बुझक्कर के सबाल मोथी अहाँ सभ के नीक लागल से आभार। उदय शंकर झा के पांती “मुंड मुंड मति भिन्न भेलै, सब दोसर सँ दूर, विखरि गेल हो जेना पात्र में, लड्डू मोतीचूर “बहुत सुंदर लिखलन्हि। किरण झा केर वसंत ऋतु नीक रचना छैन्ह।
समूह के माडरेटर रंजना मिश्रा बंगलोर में समूहक मिलन हेतु प्रयासरत छैथि। सुवहे बनारस के छवि बहुत सुंदर लगैत अछि। शिव कुमार जी के हास्य विनोद के कार्यक्रम हँसगुल्ला बहुत सुंदर। किरण झा के हास्य, समूह संचालक प्रवीण चौधरी आ संचालिका वन्दना चौधरी में झगड़ा भऽ गेलैन्ह नीक हास्य छैन्ह। सोहन कुमार झा के अप्पन माँ के संग संग अपन कनियाँ केर सम्मान खूब करवाक चाही अपन अन्तर्मनक बात बड्ड सुंदर लिखलनि।
इला झा के सुंदर युवती सँ ट्रेन में धक्का मुक्की नीक हास्य छैन्ह। नूतन झा के हास्य पत्नी कहै छथिन्ह जे मरै लए जा रहल छी, चलब? पति कहलखिन्ह नहि नहि। अहाँ चलू। हम बाद मे अबैत छी, नीक हास्य छैन्ह । उग्रनाथ झा के हास्य एहनो होइत छैक बहुत सुंदर छैन्ह। प्रवीण चौधरी जी के फुच्चू बाबू कहलखिन्ह जे सभक बच्चा मैथिली बाजय आ हम्मर बच्चा हिन्दी कारण जे हम पैघ लोक छी बहुत सुंदर हास्य छैन्ह। बर कनियाँ के झगड़ा स्वास्थप्रद अहाँ सभके नीक लागल। आभार।
मेरी झा के शादी शुदा लोक अपन कनियाँ के कोना मनबैत छैथि नीक हास्य छैन्ह संगहि कार्टून देखवाक मोन भऽ रहल छलैन्ह से नीक मनोरंजन कयलनि। अखिलेश जी के गीदर के जखन मौत अबैत छैक तऽ ओ शहर दिस भागैत अछि नीक हास्य छैन्ह। माला मिश्रा के मध्यम वर्गीय परिवार नीक हास्य छैन्ह। आभा झा के सांताक्लाॅज बला नीक हास्य प्रस्तुति छैन्ह। प्रभाकर मिश्रा जी के सासु पुतोहु बला नीक हास्य छैन्ह। स्मिता झा के वेस्टर्न टायलेट बला नीक हास्य छैन्ह। दयानाथ मिश्र के अपटुडेट भीखमंगा बला बहुत सुंदर हास्य छैन्ह। यू के झा के कनियाँ, कुंडी लगा कए सूतल करू नीक हास्य छैन्ह। देवेन्द्र झा के हास्य ७०० रूपैया के मिठाई के बदले ५०० रूपैया गोरलगाइ नीक प्रस्तुति छैन्ह।
प्रवीण नारायण चौधरी जी के रवि दिन के ठिठियेनाइ के संग संग किछु तथ्य पर आधारित हँसगुल्ला लिखवाक आग्रह कयलनि अछि नहि तऽ विदेश्वरनाथ के मेला भऽ जाएत नीक आह्वान छैन्ह। एहि पर ध्यान देवाक आवश्यकता अछि। लाइव में सेहो आबि कऽ प्रवीण जी लेखक लेखिका सँ आग्रह सेहो कयलनि अछि।
हमरा गामक बाबा जागेश्वर नाथ महादेव केर दर्शन एकटा आस्था केर वातावरण समूह पर बनेबा मे सफल भेल। संगहि विभा झा के उगना महादेव केर प्रसंग समूह पर शिवमय कयलक। समूहक माडरेटर श्रीमती अंजू झा रूचि साझा करवाक क्रम में महाकाल केर छवि दर्शनीय अछि। श्रीमती वन्दना चौधरी के शिव हऔ उतरव पार कवन विधि भोलेनाथ केर आह्वान नीक लगैत अछि।
श्री प्रवीण नारायण चौधरी जी के गीता सँ जूड़ल महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी नीक वातावरण प्रस्तुत करैत अछि। रंजना मिश्र द्वारा भव सागर में नाव फंसल अछि कोन विधि उतरब पार आस्था के झकझोरि दैत अछि। मंजूषा झा के हम जानकी बेटी छी नीक काव्य रचना छैन्ह । वन्दना चौधरी के काशी के मृत्युंजय बाबा के दर्शन समूह के भक्तिमय वातावरण में डूबकी लगबैत अछि। रूचि साझा करवाक क्रम में अपन पोखरि के माछ बंसी सँ पकड़ि पुनः पोखरि मे राखि देनाइ, हमर ई रूचि अपने सभ के नीक लागल। इला झा के रूचि हिन्दी, मैथिली, अंग्रेजी आ बंगलाक प्रमुख लेखक केर उत्कृष्ट किताब सभ पढवाक छैन्ह।
पहिले अपना सभक ओहिठाम स्त्रीगण सभ आन आँगन सँ आगि आनि कऽ चुल्हा पजारैत छलीह एहि विषय पर नीक नीक कमेंट आयल। कमेंट के नाम सँ एक बेर पुनः स्मरण भेल जे समूह पर जे लाइक कमेंट करैत छी ओ अत्यंत महत्वपूर्ण गतिविधि अछि जाहि मे श्रीमती ज्ञानदा झा, मिटू झा, श्यामा झा, श्रीमती विद्या चौधरी, श्रीमती सुशीला ठाकुर सन अनेको सदस्य सतत सक्रिय रहैत छैथि जे अपन सकारात्मक कमेंट सँ लेखन के उत्साहित करैत रहैत छैथि, समूह एहि वास्ते हुनका सभकेँ आभारी अछि।
आदिति सिंह के बहुत सुंदर रूचि दोसरा सभ के नीक नीक पकवान खुएवाक छैन्ह। वैदेही नारी शक्ति सम्मान समूहक प्रिय लेखिका एवं गायिका श्रीमती बेनी झा के देल गेल समूह के दिस सँ अनेकानेक बधाई। आभा झा द्वारा समूहक विदुषी माडरेटर श्रीमती दीपिका झा के बहुचर्चित किताब अन्तिम स्त्री के नीक विश्लेषण समूह पर कयल गेल अछि जे समूहक शान बढबैत अछि।
मंजूषा झा अपन एकटा सहेली के बेटी के बियाह के बायोडाटा देलन्हि अछि जकरा लेल बहुत बहुत शुभकामना। मधु मिश्रा अपन विद्यालय के जमाना के नीक रूचि साझा कयलनि। कलम सँ निकलल काव्यक धार के विषय छल “पान माछ आ मखान” जकर विजेताक नाम पिताम्वरी देवी, उग्रनाथ झा, पूजा कुमारी, ज्योत्सना कुमारी, कीर्ति नारायण झा, रिंकू झा, क्षमा कुमारी, अर्चना मिश्र अर्शी, आभा झा, आदिति सिंह आ नूतन झा रहलीह। सभ के बहुत बहुत बधाई।
मंगल दिन के भक्ति में अंजू झा के नहिं हम संत, नहिं हम छी ज्ञानी नीक आह्वान छैन्ह। समूहक एकटा अन्य माडरेटर श्रीमती सुमन झा कलकत्ता मे सदस्य मिलन समारोह नववर्ष के पहिल तारीख कऽ आयोजन कऽ रहलीह अछि ओकर तैयारी मे लागल छैथि। प्रवीण चौधरी जी के अन्तर्मनक ओ बात नीक संकेत छैन्ह। दिलीप झा के विस्थापित युवा सँ आह्वान नीक प्रस्तुति छैन्ह। आशा चौधरीक वीर हनुमाना अति बलवाना नीक पांती छैन्ह । रूपेश मिश्रा जी के बालेश्वर बालाजी हनुमान दर्शन नीक आस्था के परिचायक अछि। मंजूषा झा द्वारा ओनलाइन सिलाई प्रशिक्षण के प्रमाणपत्र प्रदान कयल गेल रितू मिश्रा, विद्या चौधरी आ रूपा मिश्रा के, सभ के बहुत बहुत बधाई।
मिथिला चित्रकला प्रतियोगिता के विजयी सीमा कुमारी झा, कंचन झा, रिचा झा, अर्चना झा, नम्रता कुमारी, रिंकू झा, भावना सोहन झा, आभा झा, साधना बबली, कामिनी मिश्रा, पूजा कुमारी, खुशबू झा, अंजली झा अम्बिका झा, सरिता झा, रेखा झा आ सोनी झा रहलीह । सभके बहुत बहुत बधाई।
वन्दना जी के बेटी देवांशी के सुमधुर सरस्वती वन्दना समूह पर नीक आस्थाक स्वर झंकृत कयलक। माय गुण धी पिता गुण घोर में पिता पुत्री के स्नेह के अहां सभ बहुत समर्थन कयलहुँ से आभार। मेंहदी प्रतियोगिता सँ समूह रांगल रहल। सिंधु झा के हम मैथिलानी मैथिल कहवैत छी नीक रचना छैन्ह।
मैथिली भाषाक बिहार सरकार द्वारा समुचित स्थान नहि भेटवाक सम्बन्ध में प्रवीण नारायण चौधरी जी के लाइव नीक छलैन्ह । हमरा सभ के अपन भाषा अपन संस्कृति पर सदैव गर्व होयवाक चाही तखने हमर भाषा आ संस्कृति केर विकास भऽ सकैत अछि। तऽ आउ सभ मिलि संकल्प करी जे अपन भाषा के आगू बढेवा में हमरा लोकनि कोनो प्रकारक कोताही नहिं करब एहि संकल्प केर संग आजुक विश्लेषण के विराम दैत छी। जय मिथिला आ जय मैथिली