भारत मे नेपालक राजदूत संग भेंट कय सौंपल गेल ज्ञापन पत्र

नई दिल्ली, भारत। 29 सितम्बर 2022, मैथिली जिन्दाबाद।

अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति नई दिल्ली केर प्रतिनिधिमंडल भारत मे नेपालक राजदूत संग भेंट करैत नागरिकता विधेयक आ ताहि मे उठि रहल राजनीतिक वाद-विवाद प्रति संज्ञान लैत अनावश्यक आ अराजक राजनीति सँ बचैत दुइ मित्रराष्ट्र भारत आ नेपाल बीच विशिष्ट सम्बन्ध केर संरक्षण के मांग कयलनि। ओ सब इतिहास के विभिन्न परिप्रेक्ष्य के सन्दर्भ दैत दुनू देश मे अवस्थित साझा भाषा-संस्कृति मैथिली-मिथिला के कारण विशिष्ट जनस्तर पर दु देशक मित्रता केँ खत्म करबाक कुत्सित राजनीतिक बात-विचार के विरोध कयलनि अछि।

राजदूत से भेंट केलक संघर्ष समिति

पिछला सप्ताह अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल दिल्ली स्थित नेपाल राजदूतावास मे राजदूत डा० शंकर प्रसाद शर्मा के नाम सं एकटा ज्ञापन सौंपलक . प्रतिनिधिमंडल में अंतर्राष्ट्रीय संयोजक प्रो० अमरेन्द्र कुमार झा, राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी ईंजीनीयर शिशिर कुमार झा, दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष हीरालाल प्रधान, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डा० अरविंद दास, सजन झा तथा अवध पांडे छलाह. राजदूत सं भेंट नहिं भ सकल ओहि दिन छलन्हि ओहि दिन, लेकिन जल्दी मीटिंग लेल समय देबाक आश्वासन स्वयं राजदूत प्रवक्ता शिशिर कुमार झा केँ देने रहथि।

ज्ञापन में कहल गेलय जे नेपाल राजनीति मे नागरिकता कानून मिथिला और मैथिल विरोधी अछि, मैथिल के नागरिकक अधिकार देनाय नेपाल सरकारक कर्तव्य आ’ जिम्मेदारी छैक. मिथिला के लोकक भारत और नेपाल मे दूनू तरफ सुगौली संधि (1816-2016) के 200 साल के बाद सरकार के कानून के मुताबिक अखंड मिथिला का निर्माण आ’ सम्मान करबाक चाही कियैक त २०० वर्ष के एहि संधि के समय सीमा समाप्त भ चुकल छैक. दूनू स्वतंत्र राष्ट्र छैक. तइयो 31 जुलाई 1950 के दूनू देशक बीच शांति आ’ दोस्ती पर समझौता भेल.

बता दी कि भारत आओर नेपाल के दोस्ती बहुत बेसी खास छैक. एकर मुख्य कारण छैक कि दूनू तरफ, एक क्षेत्र सनातनी मिथिला, मैथिलक एक भाषा मैथिली, समान सभ्यता एवं संस्कृति, आपसी स्नेह एवं सहयोग और खुजल सीमा मे बेटी- रोटी के महत्वपूर्ण सम्बन्ध छैक.

एखन चलि रहल नागरिकता कानून के विवाद मे जाहि तरहें मैथिल के सब अधिकार से वंचित कएल जा रहलैक अछि, ताहि सं मैथिल मे आक्रोश छैक. ओहि पर सं नेपाली नेता सब द्वारा मिथिला विरोधी बयान सं लागि रहल अछि कि डा० लक्ष्मण झा द्वारा 1951-53 मे “पाया तोङो आंदोलन” सही छल आओर ओहि आंदोलन के फेर सं जीवंत करबाक समय आबि गेलैक अछि.

आइ २९ सितंबर २०२२ के नेपाल के राजदूत सं प्रतिनिधिमण्डल के भेंट भेल. राजदूत सं वार्ता मे मिथिला मे बाढ़ि के विभिषिका पर सेहो विस्तृत चर्चा भेल. राजदूत डा० शंकर प्रसाद शर्मा कहलनि कि पिछला सप्ताह देल गेल ज्ञापन नेपाल सरकार के भेज देल गेल अछि. डा० शर्मा संघर्ष समिति के मांग के गम्भीरता सं लैत कहलनि जे कि नागरिकता कानून सं मैथिल के अधिकार हनन, नेपाल के कारण मिथिला मे बाढ़ि के समस्या, मिथिला के सभ्यता – सँस्कृति आ’ मैथिली भाषा पर काज करबाक जरूरत छैक. डा० शर्मा कहलनि कि उपरोक्त समस्या के निदान कय मिथिला मे सौहार्दपूर्ण वातावरण स्थापित करबाक लेल हम दृढ संकल्प छी, ई हमर प्राथमिकता रहत.

संघर्ष समिति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और विदेश मंत्री, भारत सरकार के सावधान केलक अछि जे उपरोक्त समस्या के निदान यदि जल्द नहिं हएत त मिथिला के दूनू तरफ अशांति के वातावरण पसरबाक डर छैक. प्रतिनिधि मण्डल मे संघर्ष समिति के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक प्रो० अमरेन्द्र कुमार झा, राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी ईंजीनीयर शिशिर कुमार झा, भूतपूर्व दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विनोद राज झा, डा० अरविंद दास, सजन कुमार, दिल्ली प्रदेश प्रवक्ता मिहिर कुमार छलथि.

पिछला सप्ताह एहि बाबत संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा० बैद्यनाथ चौधरी बैजू के अध्यक्षता मे श्यामा माई मंदिर, दरभंगा मे “भारत खुला सीमा विवाद” संगठन के अध्यक्ष श्री राजीव झा के उपस्थिति मे एकटा बैसार सेहो भेल छल जाहि मे कवि चन्द्र मोहन झा “परबा”, डा० गोपाल जी बाबू, प्रो० चन्द्रशेखर झा, डा० अरूण कुमार सिंह, हेमन्त राय, पुजारी बौआजी उपस्थित छलथि. डा० बैद्यनाथ चौधरी बैजू नेपाल सरकार द्वारा नागरिकता कानून के खारिज करैत कहलनि जे मैथिल पर अत्याचार बंद हुअ, नहिं त दूनू देश मे मैथिल के द्वारा एकर विरोध मे वृहत् आंदोलन काएल जायत.