— आभा झा।
कोरोनाकालक चलते बच्चाक पढ़ाई ऑनलाइन शिक्षा तक सिमैट कऽ रहि गेल। एकर बच्चा सभक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ल जकर परिणामस्वरूप निराशा ,तनाव और अवसाद सहित मनोवैज्ञानिक समस्या सब भेल। बच्चा सब एक-दोसर सँ भौतिक रूप सँ नहिं भेट कऽ पाबि रहल छल।स्पर्शक अपन एक भाषा होइत छैक। घुलै-मिलैकेँ आनंद अलगे होइत छैक जे बच्चाकेँ प्रफुल्लित करैत छैक। ऑनलाइन शिक्षाकेँ कारण एक-दोसर सँ घुलै-मिलै के सुख सँ वंचित भऽ जाइत छल बच्चा सब।जाहि कारण बच्चा सब में अवसाद बढ़ि रहल छल।दसवींकेँ एक छात्रा हमेशा अव्वल अबैत छल। माँ हुनकर मजदूरी करैत छलखिन। ओहि बच्ची पर पढ़ाई केँ दवाब रहै।मोबाइल या लैपटॉप किननाइ ओकरा लेल असंभव छलैक।ओ हीनभावना
के शिकार भऽ गेल और अपन जिंदगी दाँव पर लगा देलक। गरीबक लेल ई ऑनलाइन शिक्षा लऽ पेनाइ कठिन छल।ऑनलाइन शिक्षाक बहुत सीमित प्रभाव होइकेँ सब सँ पैघ कारण ग्रामीण क्षेत्र में स्मार्ट फोनक उपलब्धता नै भेनाइ छैक।ऑनलाइन पढ़ाई सँ विशेष रूप सँ ग्रामीण क्षेत्रक बच्चाक भविष्य दाँव पर लागल छलैक। ग्रामीण इलाका में रहै वाला बच्चा सब लग संसाधनक कमीकेँ संग ही कतेको सुविधा सँ ओ वंचित रहैत छल। विद्यार्थी सभकेँ लंबा समय तक शिक्षण संस्थान सँ दूर रखै के दूरगामी व नकारात्मक असर सेहो होइत छल।ऑनलाइन शिक्षाक वजह सँ बच्चा सभमें मोटापा, माइग्रेन, सीखबाक क्षमतामें कमी और देखय में दिक्कत और अनुचित एक्सपोजर जेहेन परिणाम भेट रहल छलैक। ऑनलाइन शिक्षा सँ छात्रकेँ दिमाग पर शारीरिक और मानसिक असर बेसी पड़ि रहल छैक। एकर बच्चा सभ पर सही और गलत दुनू तरहक प्रभाव पड़लै।ऑनलाइन शिक्षा नहिं रहला सँ तऽ आरो भयंकर स्थिति उत्पन्न भऽ सकैत छल।इंटरनेट शिक्षक और छात्र दुनू लेल महत्वपूर्ण छैक। आइ काल्हि ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा प्रणालीकेँ दौर छैक। बच्चा सभकेँ सीखैकेँ लेल सब सामग्री उपलब्ध छैक। इंटरनेटक माध्यम सँ अहाँ कोनो स्थान सँअपन विषयक संचारण कऽ पूरा दुनियामें कतौ बच्चाकेँ पढ़ा सकै छी।शिक्षाक क्षेत्रमें इंटरनेटक महत्व एतेक जरूरी भऽ गेल अछि कि बहुत रास शिक्षण संस्थान में एकरे माध्यम सँ स्मार्ट क्लासेज सँ बच्चाकेँ पढ़ाओल जाइत छैक। इंटरनेट पर कोनो विषयकेँ सर्च करि कऽ सिखनाइ आसान भऽ गेल छैक। शिक्षाक लेल इंटरनेट पर विभिन्न विषय सँ संबंधित पैघ-पैघ लेखक या ओहि विषयक ज्ञाताकेँ लेख पढ़ि सकैत छी।वर्तमान में इंटरनेटक माध्यम सँ विज्ञान,चिकित्सा,कृषि,शिक्षा
ऑनलाइन नौकरीक आवेदन,ऑनलाइन खरीद-बिक्री,रेलवे,
हवाई जहाज,बस,कार आदिकेँ बुकिंग घर बैसल ही कऽ सकै छी।कोरोनाकालक बाद इंटरनेटक उपयोगिता आर बढ़ि गेल छैक। इंटरनेट सँ उच्च शिक्षा ग्रहण करि कऽ आजुक छात्र एक अलग मुकाम हासिल कऽ सकैत छथि।महामारी कालमेँ ऑनलाइनक माध्यम सँ शिक्षाक अलख जागल।
आभा झा
गाजियाबाद