श्याम सुन्दर यादव, राजविराज। जुन ३०, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
मैथिली भाषा, साहित्य, कला, संस्कृति एवम् साहित्यक संरक्षण ग्रामीण भागक सर्वसाधारण जनता द्वारा जोगेबाक कार्य होइत आयल अछि, राजविराज मे आयोजित एक कार्यक्रमक वक्ता लोकनि बतौलनि। जिल्ला विकास समिति सप्तरीक सहयोग मे मैथिली मिडिया प्रा.लि.द्वारा आयोजित मैथिली श्रव्य तथा लेखन सम्बन्धी पँच-दिना पत्रकारिता प्रशिक्षण समारोह केर वक्ता द्वारा उपरोक्त बात कहल गेल। मैथिल महासंघ नेपालक अध्यक्ष विष्णुकुमार मण्डल कहलनि जे ग्रामीण भाग मे बाजल जायवला मैथिली मे विशिष्ट मौलिकता रहैत अछि आ भाषाकेँ जोगेबाक कार्य सेहो करैत आयल अछि। मैथिली भाषा, साहित्य, कला, संस्कृति एवम् साहित्य संरक्षण मे सर्वसाधारण द्वारा देल गेल योगदानक सराहना करैत ओ बजला जे – मैथिलीक संरक्षण सम्वर्धन लेल राज्यपक्ष केर तरफ सँ कोनो खास रुचि नहि देलाक बादो ग्रामीण जनता द्वारा एकर संरक्षण सम्वर्धन होइत रहल अछि । स्थानीय जनताक बोली-भाषा उत्कृष्ट होइत अछि, मुदा सञ्चार माध्यम द्वारा बाजल जाय वला वा लिखल जाय वला भाषा मे एकरुपता होयबा पर ओ बल देलनि।
कार्यक्रम मे अन्तर्राष्ट्रिय मैथिली परिषद् नेपालक अध्यक्ष करुणा झा भाषिक शुद्धताक नाम मे ग्रामीण भाग मे बाजल जायवला भाषा (बोली) सबकेँ नकारब उचित नहि होयबाक बात कहलनि। मैथिली भाषा–संस्कृति केँ राम, डोम, दुसाध, मण्डल, बातर, महतो, शर्मा, कुम्हार सहित अनेको जाति सब द्वारा मूल बीज जेकाँ जोगाकय रखने अछि – यदि ओहो सब मैथिली दैनिक जीवन मे प्रयोग नहि करय तऽ ई भाषा बहुत पहिने लोप भऽ गेल रहैत, ग्रामीण भागक वासिन्दा सब नाच, महराई, पराती, भगैत आदिक रुपमे एकरा संरक्षण करैत आयल अछि । भाषा कुनु जाति वा सम्प्रदायक मात्र नहि भऽ ई सबहक साझा होइत छैक आ एकर संरक्षण करब सेहो सबहक दायित्य थिकैक ।
कार्यक्रम मे महेन्द्र विन्देश्वरी बहुमुखी क्याम्पस राजविराजक पूर्व क्याम्पस प्रमुख प्राध्यापक अमरकान्त झा मैथिली केँ विश्वकेर उत्कृष्ट एवम् मीठ भाषा हेबाक चर्चा करैत राज्यपक्ष द्वारा कैल गेल उपेक्षाक कारण उल्लेखनीय विकास नहि हेबाक बात बतौलनि । ग्रामीण भाग मे प्रयोग कैल जा रहल भाषाक अपन अलगे व्याकरण होइत छैक जाहि विषय मे व्यापक अध्ययन–अनुसन्धान करबा पर सेहो ओ जोर देलनि । मैथिलीक बोलाइ आ लिखाइ मे भिन्नता हेबाक तथ्य स्पष्ट करैत मैथिली साहित्य परिषद्क पूर्व अध्यक्ष समेत रहल प्रा. झा कहलनि – सञ्चार माध्यम सबमे समाचारक रुपमे तथा कार्यक्रम सबमे प्रयोग कैल जाय वला मैथिली भाषा स्तरीय आर सर्वमान्य होयब जरुरी छैक ।
मैथिली साहित्य परिषद् केर पूर्व अध्यक्ष सेहो रहल प्रशिक्षक देवेन्द्र मिश्र कहलनि जे पत्रकारिता तालिम पश्चात् सहभागी सब सञ्चारकर्मी लोकनि भाषा शैली मे व्यापक सुधार आनि पेला अछि, एहि पर एक प्रशिक्षकक रूप मे हुनका बहुत पैघ विश्वास छन्हि । मैथिल महिला परिषद् राजविराजक संस्थापक अध्यक्ष मीना ठाकुर स्थानीय एफएम सब द्वारा मैथिली भाषाक प्रवर्धन मे देल जा रहल योगदानक चर्चा करैत सञ्चारकर्मी सब केँ आरो सशक्त रुपसँ भूमिका निर्वाह करबाक आग्रह केलनि । तालिमक प्रशिक्षक सेहो रहल मैथिली साहित्य परिषद् केर सचिव श्यामसुन्दर यादव मैथिली पत्रकारिता केर विकास हेतु राज्यपक्ष उदासीन रहबाक कारण अपेक्षानुकूल विकास नहि होमय सकल कहलनि। तालिम मे सहभागी पिंकी झा आर रविन्द्र साह तालिम हुनका सबहक लेल काफी प्रभावकारी होयबाक बात स्वीकार करैत प्रो–एक्टिभ समाचार लेखन तालिम सञ्चालन करबाक जोरदार माँग केलनि ।
परिषद् केर अध्यक्ष शुभचन्द्र झाक अध्यक्षतामा आयोजित तालिम समापन समारोहक सञ्चालन सहभागी दीपा कर्ण केने छलीह । तालिम मे विभिन्न सञ्चारमाध्यम मे कार्यरत ३१ जन सञ्चारकर्मी लोकनिक सहभागिता रहल छल । तालिम मे समाचार लेखन तथा वाचन, भाषा अनुवाद, उद्घोषण, शब्दक चयन तथा शुद्ध–अशुद्ध आदि विषय मे प्रशिक्षण देल गेल अछि ।