अमित आनन्द, नई दिल्ली। जुन २७, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
सेंट स्टीफेन्स महाविद्यालय सँ दिल्ली विश्वविद्यालय धरि स्थापित विद्वान् – एसोशियेट प्रोफेसर पंकज मिश्र आइ सँ ‘विश्व संस्कृत सम्मेलन’ मे विशिष्ट कार्यपत्र-प्रस्तोताक रूप मे सहभागिता देबाक लेल भारत सरकारक दूत बनिकय बैंकाक लेल यात्रा प्रारंभ करता। १६म सभा थाइलैन्ड केर राजधानी बैंकाक मे आयोजित अछि, जाहि मे करीब ४२ देश सँ संस्कृत विद्वान् लोकनि अलग-अलग विषय पर कार्यपत्र सहित सहभागिता देमय जा रहला अछि।
‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ समान वेदान्तसिद्ध मानवीय मर्म केँ जिवन्त बनेबाक उद्देश्य सँ बनल संगठन – ईन्टरनेशनल एसोशियेशन अफ संस्कृत स्टडीज – अन्ताराष्ट्रियसंस्कृताध्ययनसमवाय: अर्थात् संस्कृत अध्ययन केर अन्तर्राष्ट्रीय संघ द्वारा आयोजित एहि कार्यक्रम सँ समकालीन विश्व समुदाय बीच समन्वय स्थापित करबाक हेतु ‘मानवीय एकता ओ शान्ति स्थापना’क पुनीत उद्देश्य पर कार्य कैल जाइत अछि।
१९७२ ई. सँ भारत केर राजधानी दिल्ली सँ शुरु भेल ‘विश्व संस्कृत सम्मेलन’ केर आयोजन मोटामोटी ३ वर्ष पर विश्व केर अलग-अलग देश मे होइत अछि। वैश्विक समुदाय केर साझा विषय पर आपसी सहयोगक सृजनाक संग अनुशासनक रक्षा आ महत्त्वपूर्ण क्षेत्र मे शोध करबाक कार्यकेँ संवर्धन-प्रवर्धन करबाक महत्त्वपूर्ण कार्य एहि सभा सँ होइत रहल अछि। १९७२ दिल्ली (भारत), १९७५ टोरिनो (इटली), १९७७ पेरिस (फ्रान्स), १९७९ वीमर (जर्मनी), १९८१ वाराणसी (भारत), १९८४ फिलाडेलफिया (अमेरिका), १९८७ लिदेन (निदरलैन्ड), १९९० वियाना (आस्ट्रिया), १९९४ मेलबोर्न (आस्ट्रेलिया), १९९७ बंगलौर (भारत), २००० टोरिनो (इटली), २००३ हेलसिंकी (फिनलैन्ड), २००६ एडिनबर्ग (स्काटलैन्ड, यूके), २००९ क्योटो (जापान) आ २०१२ नई दिल्ली (भारत) लगायत कुल १५ सम्मेलन एहि सँ पूर्व मे भऽ चुकल अछि। एहि बेर १६म सम्मेलन थाइलैन्डक राजधानी बैंकाक मे आ पुन: २०१८ मे वैंकूवर मे आयोजन कैल जायत।
१६म सम्मेलन केर उद्घाटन मे भारतीय विदेश एवं शिक्षा विभागक मंत्री द्वय क्रमश: सुषमा स्वराज एवं स्मृति इरानी सेहो उपस्थित रहती। एहि अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन मे डा. पंकज मिश्र द्वारा ‘A Fresh Interpretation of Abhijnan in Abhijnan Saakuntalam’ – ‘अभिज्ञान साकुन्तलम् केर अभिज्ञानक नव विश्लेषण’ विषय पर कार्यपत्र प्रस्तुत कैल जायत। डा. मिश्र मूल रूप सँ चैनपुर (सहरसा) गाम सँ छथि आ अपन कूशाग्र बुद्धि, विद्या तथा विवेकक संग कतेको रास महत्त्वपूर्ण पद पर देशक सुप्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान दिल्ली विश्वविद्यालय मे कार्य करैत आबि रहला अछि। डा. मिश्र एक विद्वान् होयबाक संग-संग अपन मातृभूमि तथा मातृभाषा मैथिली लेल सेहो ओतबे यत्नशील रहैत छथि। हालहि संपन्न एक संछिप्त मैथिली कवि सम्मेलन जे महात्मा गाँधी स्मारक राजघाट पर मैथिली साहित्य महासभा दिल्ली तथा मैथिली जिन्दाबाद डट कम केर संयुक्त तत्त्वावधान मे आयोजित छल ताहि मे सेहो डा. मिश्र केर प्रमुख आतिथ्य रहल छल। निश्चित रूप सँ हिनक समर्पण व्यक्ति निर्माण सँ लैत समुदाय, राज्य, राष्ट्र सहित ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ केँ प्रत्यक्ष जिबैत छन्हि आ समस्त मिथिलाक लेल ई गर्वक विषय अछि। इतिहास रहल अछि जे समस्त भारतवर्ष केँ पाण्डित्य दिशा देनिहार मिथिला भेल आ ताहि सत्य केँ डा. मिश्र अपन व्यवहार आ निष्ठापूर्ण तप सँ आइयो प्रतिष्ठित करैत छथि। मैथिली जिन्दाबाद केर तरफ सँ डा. मिश्र केर यात्रा एवं प्रस्तुतिक अपार सफलताक शुभकामना दैत अछि।