अरे हमरो ई पता अछि जे लोक जतेक बजैत अछि ततेक करैत नहि अछि… उदाहरण एखन हम ‘मैथि
ली जिन्दाबाद’ केर देब…. मैथिली-मैथिली करनिहार स्वयं मैथिली कतेक पढैत अछि तेकर सब तथ्यांक हम देखि पबैत छी। बड पैघ पैरोकार पर्यन्त एतेक फुर्सत नहि निकालैत छथि जे एक बेर कम सँ कम अपन भाषाक समाचार पोर्टल खोलिकय पढता… नीक सँ नीक लोक केँ देखि रहल छी जे कहियो एतबो विवेक नहि होइत छैक जे एकटा कोनो रचना वा आलेख वा समाचार केँ शेयर करैत आरो बेसी सँ बेसी पठन संस्कृति केँ बढाबा दितय। बस कहाय लेल पैघ लोक बनि गेलहुँ, बात खत्म भेल। मैथिलीक काज फूकास्टिंग सँ नहि चलतैक यौ भाइ लोकनि। एकरा वर्चस्ववादी बनाउ। ई अहाँक भाषा थीक, एकरा प्रति सिनेह उत्पन्न करबाक लेल उन्मादी बनय पड़त तैयो नहि हिचकिचाउ। अहाँ तऽ हमरे उन्टे डाँटय लेल आबि गेलहुँ…!!

मैथिली साहित्य वर्तमान समय मे प्रिन्ट सँ बेसी डिजिटलाइज्ड भाषा मे लोकप्रिय बनि रहलैक अछि। कियैक? कियैक तऽ एहि लेल समर्पित मात्र १०० गोटा एतेक बेसी लिखि रहलैक अछि जाहि सँ चारूकात लोक केँ मैथिली-मैथिली टा नजैर आबि रहल छैक। हमरा नीक लागल जे सांसद कीर्ति आजाद एक बेर फेर जड़ियायल गप केँ प्रधानमंत्री मोदी धरि पहुँचेला अछि। ओना प्रधानमंत्री मोदी खाली चुनाव प्रचारे टा मे मैथिली केँ सम्मान नहि दय अपन अधिनस्थ सब मंत्री केँ सेहो भाषा व्यवहार मे २२ टा संवैधानिक भाषा प्रति समान दृष्टि अपनेबाक गूढ राष्ट्रवादी नीति केँ बढेला अछि। सब बात पेपर मे पढय लेल भले अहाँ केँ वा हमरा नहि भेटय, मुदा नीति निर्माण करनिहार तक सब बात बढियां जेकाँ पहुँचैत छैक। दूरदर्शन पटना केँ सेहो एहि क्रम मे निर्देशन ई सरकार बनिते दऽ देने छैक। आब जरुरत छैक जे मैथिली मे प्रोडक्सन बढय। बेसी सऽ बेसी एन्टरप्रेन्यर आगू बढय। वेट-वेट! मेनी थिंग्स आर गोईंग टू हैप्पेन इन मैथिली।
मैथिली जिन्दाबाद!!
हरि: हर:!!