लाल देव कामत द्वारा मैथिली पोथी समीक्षाः श्री नन्दविलास राय कृत् ‘अप्पन बीतल’

मैथिली पोथी समीक्षा

– लाल देव कामत

श्री नन्दविलास राय कृत् अप्पन बीतल

आईएसबीएन प्राप्त एहि मैथिली साहित्य पोथी’क पल्लवी प्रकाशन, निर्मली केर विषय-सूचीमे पाठक्रम ३केँ १पर रखबाक, आ क्र. १केँ २ पर, क्र. २केँ ३पर देबाक चाही। संगहि क्र. ४केँ ५ पर आ ५केंँ ४ पर, क्र. ६केँ ७ पर एवं ७केँ क्र. ६ पर सजाओल गेल रहैत तँ समयकाल खंड अनियमित नहिं बुझाइत। ओना श्री रायजीक ई रचनावली आत्मकथा सन बुझाइछ, तेँ आरम्भिक क्रियाकलाप सँ अद्यतन दिश बढैक शीर्षक लगावल रहैत तँ पाठकके फरीछसन बुझाइत। भविष्य मेँ अपन आत्मकथा वा वायोग्राफी लिखथि नन्द विलास जी तँ एहि पोथी सँ पूर्वक इतिहास आ पोथीक बादक निजी जिनगी कोना बीत रहल छन्हि, से डायरी लिखैत जाथु तँ ठोसगर गाँधीजी सन सत्य केर प्रयोग बनि जायत।

अबैत छी निहितार्थ विषय पर। मनुखपन शीर्षक पाठमे अपना माथक चोटके दुखेनाइ कोना छुटय, ताही लेल सरकारी दरिभंगा वाह्य अस्पतालक डाक्टर केँ तकलीफ देखबैछ। मेटरोला सँ सीटी स्केन ९५० द’ क’ ओतह करबैछ। रिपोर्ट लेमय स्वास्थकर्मी मंगलदिन आबय कहैत छैक। होलीक बाद बुध दिन एन एच ५७ नरहियामे बस पकैड़ दिल्ली मोड़ जाय चाहैत छथि। पुर्णिया बला बसमे सीट एकोटा नँय रहने फुलपरास धरि ठाढ भ’ यात्रा करय पड़ैत छन्हि। कोनू व्यक्ति भलमानुष देखेबाक सहानुभूति सँ परहेजे रहि, एतेधरि जे जिन्सपेंट आ टीसर्ट बला यात्री तँ हिनके मथटनकी केँ बेपरबाह भ’ डाँटितो छैक। कोविड काल रहलो सँ सोशल डिस्टेंस कोय नहिँ बनेने रहैक। क्लिनीक डाक्टर नहिँ भेटैत छैक तँ जनतब पाबि सर्जरी विभाग मेँ जतय डा० पी एन मिश्राक ड्युटी पँचमंजीला कोठाक चारिम फ्लोर पर गेलाह। एकटा पोता उमेरक छौड़ा सेहो डाक्टर साहेब केँ अपना मायके माथक सीटी स्कैन देखाकय औषधि लिखेबाक छलैक, तकरा सँ रायजी केँ गपसप होइ छन्हि। डाक्टर केँ आबयमे एखनो बहुत देरी रहैक, ता चाह-पानि पिबय ओहि नवजुबक केर आग्रह पर दूरक होटलधरि जाइ छथि। ओहि बौआक बाबा सम्बोधन सँ आ मानवीय व्यवहार सँ अप्रतिम सोचिते रहैत जाइकाल टेम्पुपर बच्चाक जेबीमे सयटाकिया दैत अपने पोतासन आत्मसुख के अनुभूति जीवन में पहिलबेर पाबैत छथि। दादा दिश सँ मिठाई खयबाक नामोपर टका जेबी सँ वापस देबाक धृष्टताके तत्क्षण रोकहि पड़लैक। से मनुखपन स्पष्ट झलकैत छैक एहि पाठके सार्थकता बुझयमे सहजे पाठकके आबि जाइछ। दोसर पाठ छैक – भोज; अद्यतन समय धरि भूतपूर्व विधायक श्री देवनाथ यादव जीक राजनीतिक कार्यकर्ता बनले छथि श्री रायजी। नेताजी क’ पत्नी सेहो दू बेर ल’ के फुलपरास क्षेत्रक जद(यू) सँ विधायिका रहलथिन। एहि विधानसभा केर घोघरडीहा प्रखंड सभ पंचायतमे दू-दू सदस्य मोटरसाइकिल सँ यात्रा करैत छथि, हिनका संगे बैकचालक दलक अध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार पिरोजगढ जाइछ। ओतय पार्टी आ मुख्यमंत्री प्रति जनताक रुझान विषय में जनतव आगू बढैछ तँ स्थानीय कार्यकर्ता दिनेश कुमार रामदेव सँ भेंट होइत छन्हि। महादलित परिवारक श्राधीभोज खायले हुनका दूनुगोटे क’ आग्रह करैत छैन। नहियो चाहैत जीवनमे पहिलबेर एहन अछुतक भोज खाय छथि। भोजनक विन्यास केर चर्चाधरि प्रशंसा रूपेँ करय पड़ैत छन्हि। घोघरडीहा नगर पंचायतमे किछु स्पष्टवादी जनता नीतीश कुमार जीक पक्षमे तँ किछलोक विपक्षमे देखाय पड़ैत छैक। एक बात जे भोजन करते सँ छँटय चाहैक लाल बंजारा कयलनि, परंच से रायजी नँय सुतरैत देख वैष्णव भोजनमे सोन्हिएबाक मुकरती सँ धर्वेन्द्र जीक बाल्य बबाजीपनक असरा लैवय ले भावना व्यक्त करैत य, मुदा अपना केँ साकठ कहि आ रही सँ नाकबोन भी जेबाक कथन सुनि हिनक बुधियारी साँच चेन्हासी पर नै बैसैत छैक।

मेंबर कथा कोरोनाक जाँच मेँ अबैत छी। मानव छठम महामारीक रूपमे कोविड-१९ अएला सँ समुदाय आक्रान्त रहैक।किनका कान की पोजीटिव रिपोर्ट आबि जेतैक से सब सर्दी उकासी आ माथदुखी ज्वर अधिक साधारणों रोगीक मन सशंकित रहैक। देखिकय पहिचानक लोक सँ कन्निकाटि लैक। से राय जीके मोबाईल ठीक कराबय जेबाक एहि लाकडानमे महाक मोशकील बुझाइछ। शादी विवाह आ अंतिम संस्कार मेँ धरि २० गोटामात्र भाग लेबाक बिहार सरकार क’ आदेशक पालन सबके करय पड़ैक। बोखारमे १५ दिन भेलासन्ता नीक डागदर सँ इलाजक सभ सलाह दैत छन्हि, से टायफाईड रोग रहैक। सीटी स्कैन करैलापर माथक चोट सँ कोनू नशमे शोणित जमि गेलाक कारणेँ बेसी दिनधरि दबाई खाय पड़लनि। साँस लेबामे दिक्कत सेहो उत्पन्न भेलापर निर्मली जाँच कराबय गेलापर निगेटीव करोना रिपोर्ट अबैत देरी दरिभंगा लहेरियासराय ईलाज कराबय गेलाह।

हमर साहित्यिक यात्रा “शीर्षक”मेँ १९७४ई०मे नरहिया सँ प्रवेशिकोत्तीर्ण भेलासन्ता निर्मलीक कालेजमे तेसर बैचक अन्तरस्नातक विज्ञान संकायमे रायजी नामांकन लेलनि। सखुआ भपटियाही गांव सँ क्लास करयमे अबैत जाइत, फेर भाड़ा पर एक कोठरी लैत नियमित अध्ययन करैत रहैत छथि। फेर ओही कौलेजक पुस्तकालय अध्यक्ष श्री रामजी प्रसाद मंडलजी ओहिठाम रहैत हुनको बाल-बच्चा सबके पढाबैत आ अपनो पढथि। श्रीमंडलजी पहिले व्याख्याता सेहो निर्मली महाविद्यालय मेँ हिन्दी विभागमे केने रहथि, से हुनका लग कतेको विद्वानक पोथी सुलभ भेलै; पढय लेल उपलव्ध रहनि। सन् १९७५मेँ इन्दिरा गांधी पर हिन्दी मेँ पहिलबेर कविता रैच नरहैया (लौकही) क’ राजनीतिक मंच पर, जाहिमे कांग्रेस पार्टी केर नेतागण एम एल ए, एमपी आर जिला परिषद अध्यक्ष स्व० हीतनारायण झा रहथिन, हुनकर सभक बीच काव्यपाठ कयला सँ आत्मबल बढैत जाइन। १९७८मेँ एकटा कवि सम्मेलन मेँ श्रोता रूपे निर्मलीक तेरापंथ भवन में जतय उपकुलपति डा० रमाकांत पाठक रहथि, सबके बीच नीक लगलैन। अम्बेडकर जयन्तीमे गीतकार स्व. जय प्रकाश मंडल हमरा मझौरा बजेने रहथि, ओतय डा० उमेश मंडल जी सँ भेंटवार्ता में मैथिली साहित्य प्रति बेशीरास समर्थक गप्प भेल रहैन।

८३म् कथा गोष्ठी भपटियाही मेँ दि० ३०-८-२०१४, पोथीक दू हिस पन्नामे ६टा अध्याय आ एक हिस्सामे एक इयह पाठ पृष्ठ सं० ४०सँ ७७ धरि दीर्घ वृतांत छैक। ओना सम्पूर्ण पोथीक पृष्ट सं० १०७ छैक। चौरचन पाबनिक प्रयाण दूध दहीक तँ अभावे आ तरकारी क’ मंहगी सेहो छैक। तैयो आयोजन में भोजन पानि, साउण्ड बाजा आ टेन्ट सँ जाजिम, तोशक-तकियाक ओरियाउन सुविधेमे भ’ जाइछ। सहयोगी सभक आर्थिक मदैत सँ काज सम्पन्न केर बादो हजार टका बचत भ’रहला सँ मोन हलुकसन भेलैनि। गोष्ठीक भार देलापर बडवेसी भारी आ अबूह बुझायत रहय। तैयारी लेल नीक परामर्श आ विचारक कारणे सफल होइछ। धरि गामक लोक विद्वान गोष्ठी सँ नीक भजनी टीम के बूझैत, चर्चा करैत पबैत छैक। जहनकि ओतय १० गोट पोथीक लोकार्पण, बहुतों लेखकक कथापाठ आ ताहिपर समालोचकक विश्लेषण रातिभरि चलैत रहलैक । कोनू श्रोता समीक्षा मुहेँपर कय सकैत छैक, तेहना स्थिति मेँ कथाकार अपन कमी सुधारिए सकता से फरिच्छाओल बुझाइछ। एहि रचनावलीक केन्द्रीय पाठकेँ पाठक रोचकताक सँग वर्णन चलचित्र सन आयोजनक वर्णन बुझि सकैत अछि। एहेन दबाव बला काज रहितो रायजी अपन स्वरचित सुआगत गीत प्रस्तुते नहिँ कयलनि जे पाँचम सत्रमे कथा “दिव्या” केर पाठ सेहो कयलथि। जाहि समीक्षामे भाग देलनि क्रमश: कमलेश झा, दुर्गानन्द मंडल, रामकुमार मंडल, फागुलाल साह आ रामदेव मंडल।

“जहल यात्रा” पाठ मेँ नन्दविलासजी लिखैत छथि हम १९७८ई० मेँ दिसम्बर मास निर्मली कालेज करय आयल रही।१५ दिनपूर्व कनिया द्विरागमन भी आयले रहथिन। गणितक छात्रक साते बजे सँ वर्ग चलैत रहैक। दोसर घंटी भौतिकी विषय रहैक। ओहि असैरमे मो० बदरूद्दीन सँ सुनैत यह जे “तेरा नेता श्रीमती इन्दिरा गांधी को तो गिरफ्तार कर कर रहे जेल भेज दिया है मुरारजी देशाई।” एहि आशय केर खबेर ओही दिनक अखबारमे देखतहि बेहोश भ’ घुमि डेरा पर आबि जाइछ। चाची जीसँ कहैत जे हम जेल विदा भ’ रहल छी। पीसाक डेरा आबि अपन लांगल बाकस फोलि पेटीसँ ४०गो टाका बहार करैत माथक सीटों घरी राखि युवा कांग्रेस केर प्रखंड कार्यालय तुमि ओतय अध्यक्ष स्व० कृष्णावतार शर्मा, स्व० विन्देश्वर प्रसाद सिंह, राजन कामत, जागेश्वर दास, स्व० कमल शेखर आ दिनेश चन्द्र झा सहित निर्मलीक बीडीओ लग जे स्व. जीबछ यादव मकान तक गिरफ्तारी देमय आइलैक।

निर्मली कौलेजमे बीएस्सी क’ पढ़ाई “शीर्षक” मेँ कहल गेल छैक, १०अगस्त १९६४केँ जे संस्था निर्मली महाविद्यालय निर्मली (सहरसा) खुजल रहय से दि० ४-६-२०१२ केँ संशोधित नामकरण “हरिप्रसाद साह महाविद्यालय निर्मली (सुपौल) बनि गेल अछि। जाहिठाम शिक्षा ग्रहण करय आईएस्सीक छात्र ननन्दविलास रायजी १९७६मेँ परीक्षा अनुत्तीर्ण रहथि। हुनका दोसर बेर १९७७केर नवम्वर मासमे परीक्षा पास हेबाक समाज पितियौत भाय स्व० सूरज नारायण राय ‘सुमन’ सँ अपना अंगनामे भेटैत छन्हि, से खुशीक पाराबार नै रहै छनि। ओ चाह पीयैतकाल निर्मली बजारमे २-३ चटियामेँ कयल गेल वार्ता सँ परीक्षाफलक संक्षिप्त प्रसंग सुनने रहैक। कालेजोक अधूरा पढ़ाई के पुरा करयमे सर अपन दुर्गापूजाक छुट्टीमेँ अतिरिक्त पढौनी करैत आज्ञा सँ विद्यार्थी धरि बेँच पर ठाढ भ जाय। गोविन्द बाबू आ जीतेन्द्र बाबू केँ पैर छूबि गोरलगैत छैक तँ एक गोटे बाजलैनि जाउ दोसर सर बजलखिन जाकर मिठाई खाओ। से आखरि पंक्तिमे सद्यः प्रकाशित हिनक पोथीमे स्पष्ट नँय देखायल।