नहि रहलाह हारुन रसीद गाफिल – मशहूर शायर व मंच उद्घोषक मैथिली कवि

अलविदा गाफिल
 
मैथिली संग हिन्दी एवं उर्दू के जानल मानल शायर व मंच उद्घोषक हारून रसीद गाफिल केर असमय निधनक दुखद समाचार अछि।
 
साभार किरण झा, अररिया, बिहार। २९ नवम्बर २०२१। 
 
आइ एक मिथिला आँचल के आँगन सँ दिल के घड़कन मशहूर व्यक्ति अनेक नाम सँ पहचान बनाक चैल बैसलाह। शायर, स्टेज एनाउंसर, वकील, पत्रकार, साहित्यकार, मैथिली कवि – अनेक पुरस्कार सँ सम्मानित, हर दिल के अजीज, कवि हारूण रसीद गाफिल जी नहि रहलैथ। हुनकर आत्माक शांति लेल विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करैत छी।
 
गाफिल जीक मैथिली मिथिलाक लेल अलग विचार छलैन। हम मने मन सोचने छलौ यदि दहेज मुक्त मिथिला स्मारिका हाथ लागत तँ पहिले हम हारूण जी हाथ मे एकरा समर्पित करब, किया तँ ओ हरदम मैथिली बजैत छलाह। एक दिन कचहरी अररिया गेट पर ओ चाय पिबैते रहथिन और हुनकर सँग अररिया के वकील मदन मोहन झा जी बिहार काँग्रेस पार्टी प्रदेश सचिव जी हुनका कहलखिन हमरा द जे हिनका चिनहैत छी, ई बहुत नीक गीत मैथिली मे गाबै छथिन। एतेक प्रसन्न व्यक्ति आइ तक अररिया मे हम ककरो नैय देखलौ मैथिलीक लेल जतेक हुनका देखलियैन, ओ अपन मुस्लिम वर्ग के कुल्हिया रहितो मैथिल प्रेम और प्रेरणा सँ जीवंत आदमी छलाह। अमर प्रेम कवि भाषा के लेल सेहो रहता। दिवंगत कवि जी हमर पति जी के साथी होबाके कारण ओ भौजी कहैत छलाह लेकिन हमर स्वास्थ्य विभाग के प्रथम प्रशिक्षण मे शिक्षक रूप मे छलाह ओ। हमरा मुनिटर बनेने रहैथ, आशीर्वाद छल हुनकर और अभिलाषा रहैत छलैन हृदय सँ हुनक जे किरण जी के नीक कार्य के लेल विभागीय प्राइज कुनो मिलक चाही किरण के। जुझारू महिला हम हुनकर नजर मे रही। अंतिम सलाम महान आत्मा केँ। हे भगवती हुनकर परिवार के ई समय मे धैर्य दिय। अंतिम श्रद्धांजलि नमन!
गाफिल के रचनाधर्मिता
 
प्राप्त सूचना अनुसार गाफिल जी के उमेर ६३ वर्ष रहनि आ आइ अचानक दिल के दौड़ा पड़बाक कारण ओ एहि इहलोक सँ परलोक लेल गमन कय गेलाह। मैथिली जिन्दाबाद केँ प्राप्त भेल हुनकर किछु रचना मे आम लोक सँ साक्षरता प्रति आकर्षित करबाक आ संगहि सरकार द्वारा चलायल गेल अनेकों तरहक लोक जागरण अभियान केँ सेहो अपन सहज रचनाक मार्फत आमजन धरि पहुँचेबाक लेल ओ गीत सब लिखल करथि। अररिया जिला आ बाहरो हुनकर विशिष्ट मंच उद्घोषण लेल लोक हुनका बजबैत रहनि। मैथिली जिन्दाबाद केर तरफ सँ गाफिल जी केँ श्रद्धाञ्जलि अर्पित, एहि तरहक महान सपूत बेर-बेर मिथिला मे अबैत रहय!!