गजल
साच्चे आँहाक याद बड तड्पाबैत रहैय !
बिछोडक पीडा बहुते सताबैत रहैय !!
तरेगन गनि-गनि राति कटै छी सजनी !
मन साँझे बिरहक गीत गाबैत रहैय !!
आँखिक सोझाँ सँ हटैत नै चेहरा आँहाक !
सपना में आबि सदैब पिराबैत रहैय !!
सु-मधुर स्वर सँग कुहकि-कुहकि क यै !
अहीक बराई कोइली सुनाबैत रहैय !!
रहैछी उदास मौन जखन चानक आगु !
अँहिक गुणगथा सुना हसाबैत रहैय !!
सरल बार्णिक बहर
वर्ण ~ १६
अशरफ राईन
सिनुरजोडा