विचार
– प्रवीण नारायण चौधरी
पारिवारिक कलह सँ बचबाक विवेक
कतेक बेर देखल गेलैक अछि जे दहेज दय कय विवाह भेल कनियाँ अपन सासु-ससुर सँ एहि बात लेल घोर घृणा आ विद्रोह बाद मे करैत छथिन, सासु किछु बजली कि टप् दय जवाब दय देल करैत छथिन पुतोहु जे कोनो हमर माय-बाप मंगनी मे हिनका घर विदाई कयलखिन अछि… आदि। आर, एहि तरहें सासुर परिवार मे पति के सिवाय ओ कनियाँ केकरो ठीक सँ मान-सम्मान नहि दय अपनहि मर्जीक मलकाइन बनल रहैत छथिन। परिवार मे मधुर सम्बन्ध आ सौहार्द्रताक बदला खटास आ तनाव-विवाद सब अक्सर होइते रहैत छैक।
फेर ईहो देखल गेलैक अछि जे यदि सासु-ससुर वा सासुर परिवार द्वारा दहेज नहियो लेल गेलैक तैयो कनियाँ अपन माय-बापक पक्ष धरि सासुर मे यदा-कदा बखेड़ा ठाढ़ कय देल करैत छथिन। समूह के एक सदस्य कृष्ण कान्त झा एहि पर अपन एकटा पोस्ट सेहो कयलनि अछि जे दहेजक एक नया पैसा तक नहि लेल गेल कनियाँ मे सेहो एटीच्यूड देखल गेल अछि त फेर लोक दहेज कियैक नहि लियए, किछु एहने विन्दु सब रखने छलखिन। हमहूँ कय टा दहेज मुक्त विवाह भेल कनियाँ केँ नैहर सँ बेस अटैच्ड रहैत सासुर परिवार मे रंग-बिरंगी बात करैत देखने छियनि। लेकिन से स्वाभाविक सत्य बुझैत रहलियैक, दहेज लेनदेन अथवा दहेजमुक्त विवाह भेल ताहि बातक त असर बिल्कुले नहि रहैत छैक, तखन बात एकतरफा नहि रहि दूतरफा रहल करैत छैक। कियो जँ कनियाँक नैहरा के बारे मे कनिको टा बात बाजल कि ओकरा ओ लपैक कय रुसनाय-फुलनाय आ पतिक संग सासुर सँ दूर नितान्त असगर मे परिवार निर्माण कार्य मे लागि गेनाय अपन सार्वभौम अधिकार बुझैत छथिन। एक हद तक आजुक समय मे ई जायजो छैक। सासु-ससुर केँ सेहो अपन प्राणक रक्षा करबाक होइन त कबाहैट सँ दूर रहबाक चाही। बेसी इन्टरफेयर करब घातक होइत छैक। बेटा सेहो हाथ सँ निकलि जेतनि, धरि कनियाँ मे मोरब्बत ताकब संभव नहि हेतनि।
उपरोक्त दुनू बात नकारात्मक पक्ष देखबैत अछि। सकारात्मक पक्ष सेहो अनेक छैक – नव कनियाँ बनि कियो सासुर एलीह, दहेजक लेनदेन भेल वा नहि से गार्जियन सब बुझथि… नव कनियाँ अपन कर्तव्य नीक सँ बुझि एतेक नीक सँ अपन पति आ परिवार केर हरेक सम्बन्ध प्रति सम्मान के भाव रखैत मधुर व्यवहार करैत छथि जे सभक दिल जीत लैत छथि आ महारानी बनिकय सुखद दाम्पत्य व पारिवारिक जीवन जियैत छथि, न अपना कोनो टेन्सन आ न परिवारे के। कतेको पुतोहु अपन सासु-ससुर सँ दूरो छथि त दू टा नीक बोले-वचन सँ अपन भूमिका नीक बनेने रहैत छथि। परिवारक महत्व बुझनिहाइर सब कनियाँ आ सब सम्बन्धी सेहो हरेक परिस्थिति मे सन्तुलन बनेबाक काज कयल करैत छथि।
ई बात तय छैक जे आगू भऽ कय अहाँ केकरो दुःख देबैक त पाछू सँ ओ अहाँ पर फुफकार छोड़त, काटय के कोशिश करत। जेना कोनो विषधर साँप! ओ अपने अपन बिल सँ नहि निकलैत अछि एहि डर सँ जे हमरा जहाँ कियो देखत त मारि देत… तथापि जीवन भेटल छैक त भोजनो के जोगार लेल बाहर त यदाकदा निकलहे पड़तैक, से जखन ओ निकलबाक सोच बनबैत अछि त पहिनहि निर्णय कय केँ जे जँ दुश्मन भेट गेल त फेर वैह कि हमहीं! बिल्कुल आजुक परिवेश मे यूनिट फेमिली मे रहनिहाइर सासु-ससुर या परिवार द्वारा अपन सन्तान केँ कर्तव्यनिष्ठ बनबाक कम आ ‘विषधर’ समान दुश्मन सँ निबटबाक प्रशिक्षण देल जेबाक कारण कतेको कनियाँ या वर – अपन गलत शिक्षा आ संस्कारक कारण अपने सँ अपनहि जीवन केँ विनाशक पथ पर अग्रसर कय लेल करैत छथि।
हमरा सामने मे एहनो-एहनो उदाहरण सब अछि जे बेटी यदि भला लोक छथिन तैयो नैहराक लोक हुनका जबरदस्ती – “तूँ बौआ बजय नहि छँ, तूँ जरूर समस्या मे छँ, कह न ईंट सऽ ईंट बजा देबउ तोहर सासुर मे…” आदि तरहक भाषा सेहो प्रयोग करैत छथिन। “गय, तोहर सासुरवला कि बाजत… ओ चौधरी…. फेसबुक पर रामायण करैत छथि तय स बड़का लोक नहि भ जेता… तूँ अपन शान मे रहल कर…. चौधरी के होइत छथि तोहर मामिला मे बाजयवला?” आब चौधरी अपन प्रतिष्ठा बचेता या पर-पंचायती मे पड़िकय यैह सब तरहक उपमा सुनता? हम एहि तरहक उपमादि सँ दु-चारि होइते रहैत छी। अपन अन्तरात्मा सँ बात करैत रिटालियेट करबाक बदला हुनका अन्तर्ज्ञान भेटनि से कामना कय लेल करैत छी।
कहबाक यैह अछि जे मांगिकय कोनो वस्तु लेबाक जिद्द पकड़क, शर्त बान्हब, लोभ मे फँसब… ई सब जे दहेज छैक ओ घातक त छहिये… मुदा अहु सँ पैघ घातक छैक गलत शिक्षा, विषालू व्यवहार, घातक मानसिकता आ कुसंस्कार। परिवारक महत्व नहि बुझब, जे मन मे आओत से करब…. एहि तरहक अराजक व्यवहार सँ अहाँ अपन नुकसान बेसी कय लैत छी से बाद मे बुझय मे आओत। आइ जे क्षणभंगुरता आबि गेल छैक लोकक जीवन मे से सबटा एहि तरहक ऐकिक परिवार मे सीमित कय संयुक्त परिवार आ सभक प्रति हमर कि दायित्व अछि से बुझय मे चूक करबाक कारण। त, हम सब त नीक समाज निर्माण लेल प्रयास मे छी। कखनहुँ हरमूठ नहि बनू। समाधान शान्ति सँ भेटैत छैक, हल्ला-गुल्ला आ गलत आकलन-व्यकलन सँ कथमपि नहि। हमेशा विवेक सँ काज लेल करू। जानवर वला बुद्धि कतहु पटैक देत। सावधान।
सभक जीवन सुखद हो!!
हरिः हरः!!