८ अगस्त २०२१, मैथिली जिन्दाबाद!!
दहेज मुक्त मिथिला स्मारिका – २०२१ केर प्रकाशन संग ‘निर्धन कन्या सहायता अक्षय कोष’ केर निर्माण कयल जेबाक सूचना दहेज मुक्त मिथिला संचालिका वन्दना चौधरी करेलनि अछि। एहि सन्दर्भ अभियानक संस्थापक प्रवीण नारायण चौधरी द्वारा कयल गेल पोस्ट स्वयं सब बातक विवरण दैत अछि, तेकर उतार निम्न अछिः
निर्धन कन्या सहायता अक्षय कोष
पैघ उद्देश्य – सहज काज!!
जी, उद्देश्य पैघ रहितो सभक एकजुटता आ सदाशयता सँ काज सहज भऽ जाइत छैक। बेर-बेर सुनय लेल भेटैत अछि –
“फल्लाँ महिला बड़ा असहाय आ दीन अवस्था मे छथि। हुनका देखनिहार कियो नहि छन्हि। ओ बड अवला नारी छथि। जँ अहाँ सब किछु सहयोग कय देबनि त बड पैघ उपकार होयत।”
आब एहेन अवस्था मे किनको किछु करब केकरो लेल कतेक पार लगैत छैक आ के कि केकरा करैत छैक ताहि सँ सब कियो परिचिते छी। करता एक, बजता दस, खरखाँही लुटबाक लेल मात्र किछु सहयोग करैत हमहुँ कतेको लोक केँ देखलहुँ। बेर पर हम स्वयं कतेक किनका लेल केना सक्षम भऽ सकलहुँ से आत्मनिरीक्षण कयला सँ सच्चाई बुझिते छी सब कियो। प्रैक्टिकली (व्यवहारिकता) मे ई केकरो लेल सम्भव नहि छैक, कतबो कियो सम्पन्न आ अर्थवान-धनवान हो, ओकरा अपनहि जंजाल सँ फुर्सत नहि भेटैत छैक। तखन बाबा-पुरुखाजन के सिखायल किछु मार्ग एहेन अछि जाहि पर चलिकय हम-अहाँ बहुत किछु कय सकैत छी।
*मुठियादान
*श्रमदान
*स्वयंसेवा
*स्वैच्छिक योगदानक संग्रह
*सामूहिक कल्याणार्थ सामूहिक बचत
ई सब किछु उपाय बहुत पहिनहि सँ चलैत आबि रहल अछि। अपन मिथिला मे पैघ-पैघ काज समाज स्वयं करैत अछि। सरकार या राज्य द्वारा कोनो काज हो ताहि लेल कियो इन्तजार मे नहि रहि समाजक दस लोक मिलि गेल आ सभक सहयोग सँ बड़का-बड़का बजट मे खूब उत्साहक संग काज सब होइत रहैत अछि। जेना, नवाह कीर्तन, दुर्गा पूजा, कृष्णाष्टमी, काली पूजा, यज्ञ, पोखरि-इनार खुनेनाय, मरचर आ चारागाह आदिक निर्माण, श्मशान घाट या पोखरिक घाट… कतेक कहू! हम-अहाँ स्वयं अपन-अपन गाम मे नजरि दौड़ायब त देखा जायत जे एमपी-एमएलए या मुखिया-मैनजन कतेक काज करैत अछि आ स्वयं गामक लोक मिलिजुलि कतेक पैघ-पैघ काज करैत अछि। यैह थिकैक मिथिलाक अपन समृद्ध सभ्यता। जे कियो एहि विधानक परिकल्पक रहथि, यथा राजा जनक जी, ओ प्रणम्य छथि। अपना समाज मे ‘साली’ देबाक सेहो परम्परा रहल अछि, कोनो नदी टपबाक लेल नाविक (मलाह जाति-समुदायक नाव खेबैया परिवार) केँ सालाना हर घर सँ उपज भेल अन्न मे सँ किछु सेर ‘साली’ देल जाइछ। तहिना नौआ व अन्य श्रमजीवी समुदाय सहित पुरहित, पंडा, आदि केँ सेहो “साली” देबाक परम्परा अछि। ई सब कि कहैत अछि जे ‘स्वयं मे मजबूत संकल्प राखू, कोनो काज असम्भव नहि छैक’।
“दहेज मुक्त मिथिला” किछु एहि तरहक परिकल्पना संग शुरू सँ ‘स्वयंसेवा’ मार्फत चलेबाक संकल्प थिकैक। हम-अहाँ अपन-अपन जीवनयापन मे विभिन्न स्थान पर छितरायल अवस्था मे छी। हमर-अहाँक सोच अछि जे मिथिला एहि कुप्रथा सँ मुक्त हुए। मांगरूपी दहेजक प्रतिकार करनिहार सामाजिक समूह बनय। व्यवहारिक खर्च वरपक्ष-कन्यापक्ष आपसी सहमति सँ वगैर एक-दोसर केँ कोनो तरहक दबाव देने, कर्जा करबेने, हँसी-खुशी सँ विवाह जेहेन पवित्र सम्बन्ध बनय। तखनहि एहि मिथिला मे फेर सँ कपिल, गौतम, जनक, याज्ञवल्क्य, भामती, भारती, गार्गी, मैत्रेयी आदि जेहेन सन्तान आबि सकत। नहि त आइ-काल्हि जहिना बक्रबुद्धि लगबैत अन्ट-शन्ट देखाबा करैत विवाह कम आ प्रदर्शनकारी इवेन्ट बेसी करय जाइत छी आ सन्तान सब केहेन-केहेन जन्म लय रहल अछि सेहो देखिये रहल छी… त कुरूपता दिन-दिन बढिते जायत।
स्मारिका २०१४ मे निकलल छल। एकर प्रति एखनहुँ समूह पर उपलब्ध अछि डिजिटल मोड मे। पहिल बेर १००० प्रति प्रकाशित भेल छल। बहुत सफल आ ऐतिहासिक उपलब्धिक काज भेल छल। लाखों परिवार मे एकर प्रेरणा जरूर पहुँचल। आब २०२१ मे १० वर्ष पूर्णता पर स्मारिकाक प्रकाशनक नियार भेल अछि। हालांकि कलियुग एक दिश विचित्र ढंग सँ अपन प्रभाव देखा रहल अछि, टेढी मे हम सब कियो मस्त छी, सामुहिक कार्य करबाक सामर्थ्य घटैत जा रहल अछि… तथापि किछुए गोटा मात्र यदि फाँर्ह बान्हि लेब त बड़का-बड़का काज भऽ जाइत छैक। त २०२१ केर स्मारिका सँ एकटा पैघ लक्ष्य लेल गेल अछि ‘निर्धन कन्या सहायता अक्षय कोष’ केर निर्माण। देखी जे हमरा लोकनि अपन जीवन मे कतेक पैघ अक्षय कोष (कहियो नहि खर्च होइवला स्थिर राशि) ठाढ़ कय पबैत छी!! एकर ब्याज लाभ वा एकर सदुपयोगिता सँ निकलल लाभांश सँ प्रत्येक वर्ष एक निश्चित नियमानुसार किछु निर्धन कन्या केँ सहयोग करबाक परम्परा आरम्भ होयत। कोनो जरूरी नहि जे हम सब लाख-करोड़ आ कि पैघ-पैघ राशि देबैक, जतबे सम्भव होयत ओतबे, लेकिन देबैक जरूर। यैह लक्ष्य अछि।
अपने सब सँ सब बात बेर-बेर निवेदन करैत आबि रहल छी। अपनो लोकनि विश्वास जतबैत अपन योगदान पठेबाक कार्य आरम्भ कय चुकल छी। कतेक लोक चुप्पी सेहो लादि देलनि। कोनो बात नहि। काज हेब्बे करतैक। जानकी जी विहुँसैत सब किछु देखि रहल छथिन। तारीख फिक्स्ड छैक। ३१ अगस्त लास्ट डेट राखल गेल छैक। एहि भीतर सब कियो अपन-अपन योगदान पठा दी। सब किछु अपडेट कयल एहि पोस्टर केँ ध्यान सँ देखू आ ससमय अपन सहयोग स्वेच्छा सँ दान करू। खबरदार जे कियो गोटे कौचर्य मे लागब आ सहयोग त दूर अगबे काज करनिहारक कुचिष्टा कतहु करब, कारण स्वेच्छाचारिताक धर्म केँ सर्वोपरि मानि मात्र कोनो योगदान पठेबाक पहिल आ अन्तिम नियम अछि। बाकी भगवती स्वयं देखथिन!! किनको कोनो चिन्ता नहि करबाक अछि। हुनकर आह्वान जखन भऽ जाइत छैक त स्वयं अपने ओ कोनो न कोनो रूप मे सब काज पूरा करबैत छथिन। अस्तु! तारीख मोन राखब – ३१ अगस्त २०२१! तेकर बाद हमर दिमाग कियो गोटे कतहु सँ नहि चाटब! से प्रार्थना। आइ-काल्हि हमर घरोवाली दिमाग खाइत रहैत छथि, से हुनको कहय चाहबनि जे नियमबद्ध ढंग सँ काज करू।
हरिः हरः!!