५ अगस्त २०२१, मैथिली जिन्दाबाद!!
ईश्वरीय चमत्कारक एक प्रत्यक्ष प्रकरण
किंवदन्ती भक्त लोकनिक भावना सँ एकर नाम ‘भीम शिला’ राखि देलक।
श्री केदारनाथ ज्योतिर्लिंग केर पेज सँ कहल गेल कथा पर गौर करूः
कलियुग मे भोलेनाथ केर उपस्थितिक साक्षात् प्रमाण भीम शिला केदारनाथ
16 जून 2013 केँ केदारनाथ #महाजलप्रलय केर दौरान अपन जान बचाकय ऊंचाई वाला स्थान सबपर लोक पहुंचल छल। प्रत्यक्षदर्शी लोकनि बतेलनि जे आपदाकाल के दौरान ओ सब प्रचंड वेग सँ एहि शिला केँ मंदिर दिश अबैत देखलनि, हुनका सब केँ त पहिने एना लगलनि जे ई शिला मंदिर सँ टकरायत आ मंदिर केँ ध्वस्त कय देत। मुदा ओ सब देखला जे मंदिर समीप अबिते एहि शिलाक वेग अचानक थमि गेलैक आ संगहि ओ सब जोर-जोर सँ चलयवला धाप (पदचाप) केर आवाज सुनलथि जेना कोनो अदृश्य महाशक्ति एहि शिला केँ मंदिरक पाछाँ बीचो-बीच सही दिशा मे व्यवस्थित कय रहल छल! शिलाक व्यवस्थित होइतहि महाजलप्रलय एकदम प्रचंड रूप धारण कय लेलक आर पानिक प्रबल वेग शिला सँ टकराइत दुइ भाग मे विभक्त भऽ कय मंदिर केर दुनू किनारा सँ निकलय लागल। एहि तरहें मंदिर एवं ओहि मे शरण लेल लोक सुरक्षित बचि गेल। मंदिर केर अर्चक, प्रबंध समितिक सदस्य सेहो एहि बात सँ इनकार नहि करैत छथि जे यदि ई शिला प्रगट नहि भेल रहैत त मंदिर केर बचि पेनाय असम्भव भऽ जाइत। धार्मिक विद्वान एवं स्थानीय लोक मे मान्यता अछि जे एहि शिलाक स्थापना स्वयं महाबली भीम द्वारा अपन आराध्य केर मंदिर केँ महाआपदा सँ बचेबाक लेल कयल गेल छल। ओनाहू आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण सँ महाआपदाक दौरान एहि शिला केर एना प्रगट होयब तथा शिलाक आकार मंदिर केर चौड़ाई सँ बिल्कुल बराबर होयब एखन धरि नहि जानल जा सकल अछि।
भक्तगण सब एहि चमत्कारिक लीला केँ देखि-देखि मंत्रमुग्ध होइत छथि। ओ लोकनि जयजयकार करैत “जय श्री जागृत महादेव – हर हर महादेव” केर जयकारा लगबैत रहैत छथि। जय श्री केदारनाथ!! हे ईश्वर अहाँक लीला अपरम्पार अछि, कलियुग एहेन घोर अकलबेरा मे अहाँक एहि चमत्कार केँ मूढ़-मचन्ड सेहो बुझि जायत आ अपन जीवन सही मार्ग पर अग्रसर करत। ॐ तत्सत्!!
हरिः हरः!!