मिथिलानी विशेष व्यक्तित्व परिचय
– रेखा झा, पटना
#मिथिलानी व्यक्ति विशेष

हिनक प्रारंभिक रंगमंच के नाटक “टूटैत लोक” आ “लेटायल आंचर” छल जाहि में हिनकर अभिनय के बड्ड प्रशंसा भेलनि। १९८१ मे मैथिलीक पहिल सिनेमा “ममता गाबय गीत” में विधवा भाऊज के भूमिका कयलनि। प्रेमलता जी के “दामूल”, “कन्यादान” मे काज कयलाक उपरांत पहिल भोजपुरी सिनेमा “दूल्हा गंगा पार के” आ “बबुआ हमार” मे सेहो अभिनय देखल गेल। फेर चर्चित मैथिली सिनेमा “सस्ता जिनगी महग सेनूर” मे काज कयलथि। दूरदर्शन पटना के लेल़ धारावाहिक “पर्व भरा मिथिला” आ “देहाती दुनिया” में सेहो अभिनय कयलथि। मैथिली सिनेमा “ललका पाग” मे सेहो आ “मिथिला मखान” मे सेहो हिनकर अभिनय सराहनीय अछि।
अभिनय संग प्रेमलता जी एक सुपरिचित साहित्यकार सेहो छथि। हिनकर कथा संग्रह “एगो छलीह सिनेह”, हिनकर एक संस्मरण “वो दिन वो पल” आ कथा संग्रह “शेखर प्रसंग” छैन्हि। महिला रंगकर्मी के रूपें प्रेमलता जी बहुत रास संस्था सबसं जुड़ल छथि, जेना चेतना समिति, भंगिमा, अरिपन, मैथिली महिला संघ, आदि।
प्रेमलता जी के साहित्य, कला संस्कृति, अभिनय लेल बहुत रास सम्मान सेहो भेटल छैन्हि। पटनाक चेतना समिति, दिल्लीक अखिल भारतीय संस्थान, दिल्ली नाट्य संस्था मैलोरंग द्वारा (ज्योतिरिश्वर सम्मान) आ भामती स्त्री सम्मान (२०१८) सं सम्मानित कयल गेल छन्हि। मैथिली संस्थाक तुलना में हिनका हिन्दी संस्था सँ बेसी सम्मान भेटल छैन्हि। जेना – नूर फातिमा सम्मान, पाटलिपुत्र एवार्ड, आदि। मिथिला विभूति दू-दू बेर कोलकाता द्वारा, रहिका मैथिल समाज द्वारा सेहो सम्मान भेटलनि।
प्रेमलता मिश्र प्रेम मिथिलाक बेटी के रूप में ओ धरोहर छथि जे ई देखा देलथि कि नारी कोनो समय केर रहथि, कनि अलग डेग उठेबाक लेल साहस आ हिम्मत सदैव संग मे राखैथ त अपन चयनित सम्मानजनक स्थान हमेशा बना सकैत छथि। ई नारी शक्ति केँ प्रेरणा दैत हमेशा अपन रंगकर्मी दुनिया मे स्थान बनौने छथि।