ज्योति कुमारी – “साइकिल गर्ल”

मिथिलानी विशेष व्यक्तित्व परिचय

– आभा झा, गाजियाबाद

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ज्योति कुमारी – ” साइकिल गर्ल “
लाॅकडाउन के दौरान अपन पिता केँ साइकिल पर बइसा कऽ गुरूग्राम सँ 1200 किलोमीटर के दूरी तय करय वाली मिथिला के ज्योति कुमारी पूरा देश में चर्चा के विषय बनि गेल छलीह। ज्योति के पिता गुरू ग्राम में ई- रिक्शा चलाबै के काज करय छलखिन। जनवरी में हुनकर एक्सिडेंट भऽ गेलनि आर ठेहुन में चोट लागि गेलनि तखन ज्योति, माँ आर जीजा गुरू ग्राम पहुँचलखिन। ज्योति के माँ आर जीजा किछु दिनक बाद गाम लौटि गेला। आर ज्योति अपन पिता के देखरेख लेल रूकि गेली। ओहि समय लाॅकडाउन भऽ गेल छल आर पाइ सेहो खत्म भऽ गेलनि किराया देब के पैसा सेहो नहिं छलनि। ज्योति एकटा सेकेंड हैंड साइकिल एक हजार में खरीदलनि आर 500 उधार सेहो रखलनि। पिता मना करैत रहथिन मुदा ज्योति ठानि लेने रहैथ कि गाम वापस जेबाक अछि। ओतय गेला के बाद ज्योति के जिंदगी बदलि गेलनि। पैर में चोट खेने अपन पिता के साइकिल पर बइसा कऽ दरभंगा तक अनने रहथि। दरभंगा के सिरहुल्ली गाम में ज्योति के घर छैन। ओहि समय ज्योति के घर एक कमरा के छलनि, जाहि में माता-पिता, तीन बहिन आर दू भाई तथा जीजा सहित करीब 8-9 लोक रहैत छलखिन।
ज्योति कुमारी केर एहि बहादुरी लेल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान कयल गेल रहनि। पुरस्कार स्वरूप हुनका एक लाख टका, प्रशस्ति पत्र एवं मेडल प्रदान कयल गेलनि। बिहार सरकार द्वारा दरभंगा जिला के सिंहवाड़ा प्रखंड के सिरहुल्ली गाम निवासी मोहन पासवान के बेटी ज्योति के बारे में जिलाधिकारी कहलखिन कि दरभंगा लेल ई गर्व के बात अछि। ज्योति के नशा मुक्ति अभियान के लेल राज्य सरकार द्वारा पहिने ही ब्रांड एंबेसडर बनाओल गेल छलनि। ऐहन मिथिला के धिया पर सबके गर्व हेबाक चाही।