दृढ़ ईच्छाशक्ति केर सामने केहनो चुनौतीक सामना सहज अछि – सिद्ध कयलीह दीपिका

मिथिलानी विशेष व्यक्तित्व परिचय

– शिव कुमार सिंह

ई छथि मैथिली और हिन्दी साहित्य के प्रखर लेखिका और समाजसेवी “दीपिका झा”।
अपन मिथिला में एक सँ एक महान, गुणवती और उच्च व्यक्तित्व के मैथिलानी सब छै, जिनकर गिनती केनाय संभव नय। ताहि में एकटा हिनकर नाम सेहो छन्हि – “दीपिका झा”। जिनकर व्यक्तित्व हमरा बहुत प्रभावित केलक। हिनक रचना, विचार समाज में जनजागृति पैदा करैत अछि। हिनक संघर्षपूर्ण जीवन आजुक नव पीढ़ीक मैथिलानी के लेल प्रेरणादायक अछि।
दीपिका झाक जन्म 30 नवम्बर 1988 ई. में मधुबनी जिलाक पोखरौनी गाम में भेलैन। हिनक पिताजी के नाम स्व. विश्वंभर चौधरी और माताजी के नाम रीता चौधरी अछि। हिनक विवाह बसौली (मधुबनी) में आदित्य झा नामक उच्च स्वभावक व्यक्ति सँ भेलनि। विगत 15 साल सँ पुणे (महाराष्ट्र) में रहि रहल छथि। कियाकी हिनकर पति केर कार्यक्षेत्र ओहि ठाम अछि।
हिनक जीवन बहुत संघर्षपूर्ण रहल। जखन ई लगभग नौ महीना केर छलीह तखन हिनकर बाबूजीक देहांत भऽ गेलनि। परिवार पर एकटा दुःखक पहाड़ खसि पड़लनि। हिनक माताजी बहुत कठिनाई केर सामना करैत हिनका पढ़ौलनि-लिखौलनि। माँ केर एकलौती सन्तान छलीह। पढ़य में बहुत मेधावी छलीह।
हिनकर परिवार केर आर्थिक स्थिति कमजोर होय के कारण समस्या बेसी छल, हिनक बाबूजी केर देहान्तक बाद पूरा भार हिनकर माता जी पर पड़ि गेलैन। आर्थिक स्थिति कमजोर और ताहि पर बेटी विवाह करय केँ रहय छै तऽ स्वाभाविक छैक जे चिन्ता बेसी बढ़ि जाइत छैक। ताहि कारणे हिनकर विवाह मात्र सोलह साल में करा देल गेलनि। पढ़ाई-लिखाई सेहो छुटि गेलनि।
विवाहक बाद हिनकर परिवारिक जिम्मेदारी बेसी भऽ गेल, फेर दू टा संतान भेलाक बाद ओकर पालन-पोषण। लगभग पाँच साल अहि सब में बीत गेल। हिनकर मनोबल टूटि गेल छल, निराश भऽ गेल छेलीह, जे आब हम किछ नय कऽ पायब, हमरा सँ किछु संभव नय भऽ सकैया। लेकिन हिनकर प्रतिभा, मनक अभिलाषा किछु करय लेल अंतरात्मा सँ प्रेरित करैत छलन्हि। अन्ततः दृढ़ आत्मविश्वास और पति केर प्रेरणा व सहयोग सँ फेर सँ पढ़ाई शुरु कयलथि। हिनका साहित्यिक रचना में बहुत बेसी रुचि छलनि, तऽ लेखन केर काज सेहो शुरु कयलथि। समय करोट फेरलक। संकटरूपी अंधकार केँ पाछाँ छोड़ैत संघर्षरूपी प्रकाश केर तरफ आगू आबि गेलीह। आब हिन्दी और मैथिली में हिनकर एक सँ एक रचना अछि। हिनकर लिखल एकटा किताब “आकांक्षा” (हिन्दी काव्य-संग्रह) प्रकाशित भेल अछि। हिनकर उच्च और प्रखर लेखनी सँ प्रभावित भऽ TSP Publication केर द्वारा प्रकाशित साझा काव्य संग्रह “मेरी अल्फाज” में सेहो हिनकर रचना केँ सम्मिलित कयल गेलनि। मैथिली में “भाग्य-विधाता” और “हमरो ह्रदय बसै छथि राम” एहेन महत्वपूर्ण रचना केर संग बहुत रास एक सँ एक रचना सब छन्हि। हिनकर रचना रोचक और प्रेरक होइत अछि। एखन एकटा स्कूल में शिक्षिका केर पद पर कार्यरत सेहो छथि। समाजिक कार्य में रुचि रखैत छथि। मिथिला के एकटा समाज कल्याणकारी अभियान “दहेज मुक्त मिथिला” केर समूह संचालन समिति केर सदस्य सेहो छथि।
हिनका सँ नव पीढ़ीक मैथिलानी सब केँ प्रेरणा लेबाक चाही। एतेक संघर्ष और समस्या केँ झेलैत किछु करय के सोच और जज्बा छलनि ताहि बल पर आय ई एहि मुकाम पर पहुँचि सकल छथि। अगर परिस्थिति सँ समझौता कऽ लेने रहितथि, ई सोचितैथ कि आब हमरा सँ किछ नया नहि भऽ सकैया, हमर समय पार भऽ गेल, आदि… त हिनकर एहेन प्रभावशाली प्रतिभा जागृत नय भऽ पाबैत, बस एकटा कल्पना बनि कऽ रहि जइतय। ई साबित कयलथि जे किछु करय के लेल उम्र और विवाह बाधा नय बनि सकैत अछि, विवाहोपरान्त सेहो सफलता प्राप्त कऽ सकै छी, बस लक्ष्य के प्रति सजगता और दृढ़ता हेबाक चाही।
मिथिलावासी गौरवान्वित अछि जे आहाँ सनक होनहार बेटी केँ माँ जगत जननी सीता के अय पावन धरती पर जन्म भेलनि। शुभकामना अछि, अहिना समाजक कल्याण के लेल काज करैत रहू, और मिथिला-मैथिली के संग देश के नाम रौशन करैत रहू।