बहुत कम समय मे रेकार्डतोड़ सफलता – गायिका कुमकुम मिश्रा संग साक्षात्कार

साक्षात्कार

मैथिली भाषाक एक अनुपम आ विलक्षण गायिका छथि ‘कुमकुम मिश्रा’। बहुत कम समय मे लगभग ५०० गीतक रेकर्डिंग करेनिहार विरले कोनो नाम होयत मिथिला सँ। बालीवुड के चर्चित पार्श्वगायक उदित नारायण, सुप्रसिद्ध लोकगायिका शारदा सिन्हा, एहि स्तरक आरो किछु नाम संभव भऽ सकैत अछि – कुमकुम मिश्राक नाम एतेक पैघ रेकर्ड बनेबा मे सफल भेल अछि ई असाधारण बात थिक। हिनकर एक खासियत ईहो अछि जे मिथिलाक पारम्परिक आ मौलिक गीत यथा चर्चित लोकगीत, कजरी, नचारी, सोहर, समदाउन आदि जे अदौकाल सँ बाबी-नानीक समय सँ गायल जाइत रहल अछि ताहि सब गीत केँ अपन आवाज संग ओतबे गहींर भाव-अनुराग प्रदान करैत रेकर्डिंग करौलीह अछि। एहि सँ दुनू बात भेल – एकटा बहुचर्चित गायिका अपन अमर आवाज संग लोकप्रियता हासिल कयलीह आ ओ हेराइत-भोथियाइत पारम्परिक-मौलिक मैथिलत्वक पहिचान केँ दृढ-स्थापित करयवला गीत सब सेहो संरक्षित आ संवर्धित भेल। कुमकुम मिश्रा आइ स्थापित नाम छथि। गूगल कयला सँ हिनकर सैकड़ों गीतक यूट्यूब लिंक भेटि जाइत अछि। प्रसिद्ध म्यूजिक चैनल जे मैथिली गीत केँ प्राथमिकता सँ स्थान दैत अछि ताहि सब पर कुमकुम जीक गायल गीत सब भेटि जाइत अछि। आब कुमकुम मिश्रा नाम सँ अपन यूट्यूब चैनल सेहो अछि जाहि पर लगभग १ लाख सब्सक्राइबर उपलब्ध छथि आ अनेकों गीत केँ लाखों व्यूज सेहो भेटि चुकल अछि। ‘भोरे-भोरे भांग पीबिकय कतय गेला त्रिपुररिया’ – एहि सुप्रसिद्ध गीत सँ प्रारम्भ कयल गीत-संगीत यात्रा मे अनेकों अमर-स्तम्भ स्वरूप कीर्ति ठाढ़ केनिहाइर कुमकुम मिश्रा संग मैथिली जिन्दाबाद केर सम्पादक हम प्रवीण नारायण चौधरी एकटा साक्षात्कार एतय प्रकाशित कय रहल छी। आशा अछि जे मिथिला मे दबल-छुपल लाखों कुमकुम मिश्रा अपन कलाकारिता सँ हिनकहि जेकाँ सफलता प्राप्त करबाक लेल आगू बढती।

https://www.youtube.com/c/KumkumMishra/videos – कुमकुम मिश्राक अपन यूट्यूब चैनल केर लिंक

हमः कुमकुम जी, अपन प्रारम्भिक जीवन, शिक्षा-दीक्षा, ग्रामीण परिवेश सँ प्रेरणा आ माता-पिता एवं समाज सँ प्राप्त अविस्मरणीय अनुभूति के सम्बन्ध मे किछु बताउ।

कुमकुम मिश्राः हमर जन्म दरभंगा जिला स्थित भवानीपुर ग्राम मे भेल। बाबा स्व. रामचन्द्र मिश्र, भूतपूर्व सरपंच भवानीपुर पंचायत छलाह। पिता श्री कमलकिशोर मिश्रा, रिटायर्ड पेशकार धनबाद-बोकारो आ वर्तमान समय बिरौल अनुमंडल न्यायालय मे वकालत कय रहल छथि। माता श्रीमती इन्दिरा देवी गृहिणी छथि। हमर नाना (बाबा) नेपाल स्थित झापा जिलान्तर्गत पंचगछिया मे आयुर्वेद औषधिक एक प्रसिद्ध चिकित्सक छलाह। हुनक मूलग्राम सेहो भवानीपुर छन्हि। प्रारम्भिक शिक्षा धनवाद सँ आ फेर बीए प्रतिष्ठा एसएसएलएनटी कालेज धनबाद सँ प्राप्त कयलहुँ। शुरुए सँ अपन गाम भवानीपुर सँ बेसी जुड़ल रहबाक कारण अपन दादी-नानी सब सँ काफी करीबी रखैत मैथिलीक पारम्परिक गीत सब बेसी सुनैत-बुझैत रहलहुँ। स्वयं हमर माँ बहुत नीक स्वर के मलिकाइन छथि। हमर मान्यता अछि जे हमरा जे किछु गुण अछि ओ माँ के देल अछि। जीवन प्रारम्भ धनबाद मे रहैत भेल आ संगहि हमर विवाहो धनबादहि मे भेल। धर्मपिता ससुर स्व. रामलोचन मिश्रा, रिटायर्ड स्टोरकीपर, भारत कोकिंग कोल लिमिटेड, धनबाद आ सासु माँ श्रीमती हेमलता देवी छथि। पति श्री नवीन कुमार मिश्र पूर्व मे मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव आ फेर नेश्ले इंडिया लिमिटेड मे बाजार प्रबन्धक केर पद पर कार्य कयलथि, हाल अपन व्यवसाय संचालक संग एकटा प्रखर गीतकार सेहो छथि। हमरा दुइ टा जुड़वाँ सुपुत्र अछि, आर्यन आ आर्यब, दुनू बी-टेक तृतीय वर्ष मे अध्ययनरत अछि।

हमः गीत त बच्चे सँ गाबैत होयब? अहाँक गायिकी मे विशिष्टता अछि से सर्वप्रथम कहिया बुझय मे आयल?

कुमुकुम मिश्राः माँ हमर कुशल गीतगायिन छथि। तेँ कतेको बेर हुनका संग-संग गीत गबैत रहलहुँ। हुनका संगे कतेको बेर मिथिला-मैथिलीक मंच पर सेहो गेबाक अवसर प्राप्त भेल। सामा-चकेवा आदि कार्यक्रम सब मे मंच पर गेबाक अवसर पहिनहुँ भेटल छल। लेकिन मूल रूप सँ गायिकी के शुरुआत विवाह उपरान्त अपन परिवार मे बैसि गीत गबैत रही आ भाववश हमर माँ नवीनजी सँ कहलखिन जे कुमकुम के गीतक एकटा कैसेट बनक चाही मिसरजी। नवीनजी सेहो गीत-संगीत मे काफी रुचि रखैत छथि, संगहि गीतकार सेहो छथि, तेँ हुनका संग बहुत रास मैथिली कलाकार सब जुड़ल रहल छलन्हि। सभक प्रोत्साहन सँ हमर पहिल कैसेट भगवती गीतक बनल – “हे मैया सुनियौ पुकार” जे मिथिलांचल मे बहुत लोकप्रिय भेल। ओहि मे एकटा गीत नवीनजीक लिखल ‘दिया मे तेल बिना बाती जरइ य, खोलियौ केबाड़ मैया बेटी कनइ य’, से गीत ओहि समय वीडियो संग गीत रिलीज भेल। ओ हमरा लेल बहुत पैघ खुशीक अनुभूति छल। हमर गीत-संगीतक यात्रा एतहि सँ लोकयात्रा प्रारम्भ कयलक।

हमः अहाँ जखन गबैत छी त एना लगैत अछि जे गीतक शब्द आ भाव मे आकंठ डूबि जाइत छी। चूँकि पहिने स्वयं ओकर तत्त्व आ रस केर स्वाद अहाँ लैत छी तेँ एतेक नीक सँ श्रोताक मन आ हृदय धरि सीधे पहुँचि जाइत छी। कि अछि अहाँक एहि विशिष्ट गायिकी केर रहस्य? जँ ई रहस्य उद्घाटन योग्य हो त मैथिली जिन्दाबाद केर पाठक लेल जरूर बताउ।

कुमकुम मिश्राः जी, हालांकि कोनो विशेष रहस्य त हमरो नहि बुझल अछि, लेकिन हमर मानब अछि जे कोनो गीत केँ यदि भाव आ अनुराग सँ गाबी त देवाधिदेव महादेव केर सहज विद्यमान हेबाक अनुभव होइत अछि। हुनक असीम कृपा हमरा पर अछि यैह मूल रहस्य अछि।

हमः एखन धरि कुल कतेक गीत रेकर्डिंग करेलहुँ अछि? एहि मे स्वयं द्वारा कतेक आ अन्य म्यूजिक चैनल सभक द्वारा कतेक कि सब रेकर्डिंग कराओल एखन धरि?

कुमकुम मिश्राः लगभग एखन धरि विभिन्न कैसेट आ चैनल केर माध्यम सँ हम ५०० सँ ६०० गीत गाबि चुकल छी। जाहि मे लगभग २०० गीतक गायन हम अपन ‘कुमकुम मिश्रा यूट्यूब चैनल’ तथा लगभग ४०० गीत अन्यान्य चैनल सँ रेकर्डिंग करौने छी।

हमः पारम्परिक गीतक अतिरिक्त सेहो अहाँ विभिन्न रचनाकार लोकनिक रचना केँ अपन स्वर सँ सजेलहुँ अछि। किनका-किनका मोन पाड़बनि?

कुमकुम मिश्राः पारम्परिक गीत त हमर हृदय केर करीब अछिये। शुरुआत मे हम नवीन मिश्रा एवं अशोक चंचल जीक रचित गीत गेने रही। बाबा विद्यापति सर्वोपरि रहबे कयलाह। पुनः मधुकर बाबा, बलभद्र झा ‘प्रेमी’, साजन खाँ, अजित आजाद, डा. चन्द्रमणि, रामसेवक ठाकुर संग बहुतो गीतकार लोकनिक गीत गेलहुँ। एक आर रचनाकार सुधीरजी के सेहो बाबाक नचारी गेलहुँ। सभक गीत एक पर एक छन्हि। बाबा मधुकर आ प्रेमीजीक गीत सब सँ साक्षात् भोलेबाबाक दर्शनक अनुभूति भेटैत अछि।

हमः ओना त अहाँक गायल हमरा सब गीत नीक लगैत अछि, कारण सबटा मे अहाँ एतेक शानदार भाव आ एहेन जबरदस्त आवाज जोड़ैत छियैक जे गायिकीक एहि अदाक जतेक प्रशंसा करू से कम होयत। तथापि, किछु एहेन गीत जेकर व्यूज आ चर्चा सर्वाधिक भेल हो से कोन-कोन गीत अछि?

कुमकुम मिश्राः भोरे-भोरे भांग पीबिकय – एहि गीत सँ हमरा पहचान भेटल। संगहि सोहर ‘एकटा धनी हो अंगिया के पातर’, विवाह गीत ‘मंगलमय दिन आजु हे’ जे ‘अनमोल दूल्हा’ सँ अछि, ‘राम लगिहें पहुनमा’ जे कुमकुम मिश्रा चैनल के माध्यम सँ, संगहि पराती ‘जागहु राम कृष्ण दोउ मूरत’ संग बहुत रास नचारी संग अन्य चीज सब खूब लोकप्रिय भेल। मुदा न्यूज आ व्यूज के दृष्टिकोण सँ बाबा के नचारी ‘बाबा लेने चलियौ हमरो अपन नगरी’ मिथिलांचलक सब गीत के रेकर्ड तोड़ि एखन धरि २६-२७ मिलियन बेर देखल जा चुकल अछि, ई मिथिलांचल मे गाओल नचारी मे यूट्यूब मे सर्वोपरि सिद्ध भेल अछि।

हमः मैथिल दर्शक सब सँ प्रत्यक्ष प्रस्तुतिक स्टेज प्रोग्राम सब मे एहि तरहक पारम्परिक गीत, भजन, नचारी आ लोकगीत सभ प्रति कतेक समर्थन आ स्वीकार्यता देखि रहल छी? खासकय नव पीढीक लोक मे?

कुमकुम मिश्राः हमर माननाय अछि जे मिथिलांचलक श्रोता अत्यन्त समझदार आ सम्मानित छथि। ई सुनि अपने केँ आश्चर्य होयत जे हम जखन मंचीय प्रस्तुतिक आरम्भ कएने रही तहिया हमरा पास बहुत बेसी गीतक कलेक्शन नहि छल, लेकिन भैर राति बैसलाक बाद मंच पर जखन हमरा उपस्थित आ प्रस्तुत करबाक मौका भेटैत छल त हम सिर्फ नचारी, सोहर, समदाउन आदि गबैत छलहुँ आर संस्थागत रूप सँ एतेक वाहवाही भेटैत छल कि समस्त राति मे जतेक कार्यक्रम भेल ताहि पर कुमकुम मिश्राक नचारी भारी पड़ि जाइत छल। कियैक त नचारी हमरा प्रिय छल, माँ सभक मुंह सँ सुनैत रहलहुँ, गबैत रहलहुँ… आर से श्रोता-दर्शक सभ केँ मनमोहक लगैत रहलनि अछि। एखनहुँ नवयुवक या बुजुर्ग या महिला श्रोता, जतेक भी श्रोता छथि मिथिलांचलक से सब हमर आवाज मे कजरी सहित विभिन्न पारम्परिक गीतक फरमाईश करैत छथि। ई सब गाबिकय हमहुँ खूब आह्लादित होइत छी जे हमर मिथिलाक श्रोता भक्तिभाव सँ ओतप्रोत छथि। सभक पसीन अछि कुमकुम मिश्राक आवाज मे मिथिलाक मौलिक आ पारम्परिक गीत सभक गायन, ई पूर्ण विश्वास अछि हमरा।

हमः आगामी समय मे कि सब रिलीज होयवला अछि हाल-फिलहाल मे?

कुमकुम मिश्राः आगामी बहुत नीक-नीक गीतक प्रस्तुति आबि रहल अछि, अपन ‘कुमकुम मिश्रा’ यूट्यूब चैनल सँ। जाहि मे बाबा मधुकरजीक संग प्रेमीजी आ बाबा विद्यापतिक रचना, महेन्द्रजीक रचना आ नवीनजीक लिखल कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित मार्मिक गीतक प्रस्तुति हमरा चैनलक माध्यम सँ रहत। आर विशेष अपने सब जेना हमरा सहयोग करब, गीत संकलन लेल अपनहुँ सब सँ हमर आग्रह जे किछु एहेन गीत हमरा गेबाक लेल दी जे हम अपन चैनल पर राखि सकी।

हमः मैथिली-मिथिलाक संस्था सभ द्वारा अहाँ केँ कतेक याद कयल जाइत अछि? कि गायक-कलाकार सब संग सेहो राजनीति आ गुटबाजी आदिक माहौल देखलहुँ कतहु? अपन अनुभव बताउ।

कुमकुम मिश्राः ओना त भारतवर्षक विभिन्न मैथिल संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम मे बहुतो ठाम सँ आमंत्रण भेटल अछि, जाहि मे अपन गायन सँ हम अपन श्रोता सभक हृदय मे अपन स्थान बना सकल छी। लेकिन एखनहुँ बहुत संस्था मे आमंत्रण सँ वंचित छी, संभवतः हमर गायन हुनका सब ऊपर छाप एखन धरि नहि छोड़ि सकल अछि। मुदा आशा अछि जे बहुत जल्द हमर आवाज हुनका सब लग पहुँचत और हम उपस्थित होयब। संगहि, जहाँ तक गुटबाजी के सवाल पर हम कहब जे संस्थाक आन्तरिक बात-विचार सब मे हम कतहु संलग्न नहि होइत छी, एकटा गायक-कलाकारक कर्तव्य अनुसार चाटुकारिता आदि सँ परहेज करैत अपन गायकी मे दिन-ब-दिन निखार अनबाक एकमेव लक्ष्यक पाछू निरन्तर बढैत रहैत छी, एतबे प्रयास रहैत अछि जे अपन आवाज मे गायकी केँ जतेक दूर सम्भव भऽ सकय ओतय धरि पहुँचाबी।

हमः अहाँक गायन यात्रा मे परिवारक प्रोत्साहन बहुत सराहनीय लागल। नवीन मिश्रा जीक लिखल गीत केँ सेहो बड नीक सँ अहाँ स्वर दय सजेलहुँ अछि। आर किनका-किनका अपन सफलताक सहयोगी मानैत छी?

कुमकुम मिश्राः सब सँ पहिने अपन माँ-बाबूजी, सासु-ससुर केँ प्रणाम करैत छी, ओहो लोकनि बहुत सहयोग कयलनि, हुनके लोकनि केँ सब सँ पहिने सफलताक श्रेय देबनि। ओकर बाद समस्त मिथिलावासी आ मिथिलांचलक श्रोता केँ श्रेय देब। नवीनजीक सवाल पर हम यैह कहब जे हुनका संगीत के प्रति एतेक आकर्षण छन्हि जे हुनका देखिकय हमहुँ प्रेरित छी। एकर अलावे अपन परिवारक सब सदस्य हमरा सपोर्ट करैत छथि, हमर बौआ सब सेहो एहि मे उल्लेखनीय भूमिका निभा रहल छथि। अहाँ सब केँ बता दी जे एखन धरि हमर ‘कुमकुम मिश्रा’ यूट्यूब चैनल केर एक लाख सँ बेसी सब्सक्राइबर छथि से आर्यन-आर्यब दुनू बेटहि केर योगदान सँ।

हमः मैथिली फिल्म सब मे सेहो पार्श्वगायिकाक रूप मे कतहु अवसर भेटल? कि हिन्दी फिल्म मे सेहो गेबाक अवसर भेटल?

कुमकुम मिश्राः मैथिली टीवी चैनल सौभाग्य मिथिला द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रम सब मे हम हिस्सा लेलहुँ, जाहि मे ‘दुर्गा कवच’ केर मैथिली रूपान्तरण नवीनजीक संग, राखी के विशेष कार्यक्रम अजित आजाद संग काफी लोकप्रिय भेल। मैथिली फिल्म ‘सिन्दुरदान’ मे गेबाक संग-संग अभिनय करबाक सेहो औफर भेटल छल, लेकिन ताहि समय पारिवारिक जिम्मेदारी मे बेसी उलझल रहबाक कारण हम ओहि अवसरक लाभ नहि उठा सकल छलहुँ। मुदा हार्दिक ईच्छा अछि जे नीक गायन के लेल जँ कोनो मैथिली फिल्म मे हमरा याद कयल जायत त निश्चितरूपेण गायन करब। एकटा मैथिली फिल्मक गीत एखन रेकर्ड भऽ चुकल अछि, से बहुत जल्द रिलीज होयत।

हमः दहेज मुक्त मिथिला पर अहाँक प्रस्तुति प्रति हजारों लोकक समर्थन सँ त हमरा एना लागल जे अहाँक प्रशंसक करोड़ों मैथिलीभाषी छथि। अहाँ अपन प्रशंसक सब केँ कि सन्देश दियए चाहब?

कुमकुम मिश्राः दहेज मुक्त मिथिला एकटा एहेन मंच अछि जाहि पर लाइव आबि हमहुँ गदगद भेलहुँ। एहि लेल समूह संचालिका वन्दना चौधरी केँ बहुत-बहुत धन्यवाद जे ओ हमरा सँ सम्पर्क कयलीह। हमरा एहि समूह के सम्बन्ध मे बहुत किछु नहि बुझल छल पहिने, लेकिन जखन पता चलल त हम जुड़य के प्रयास कयलहुँ। वन्दनाजी आ प्रवीणजी केँ बहुत धन्यवाद करब। बहुत खुशी भेल अहाँ सभक संग दहेज मुक्त मिथिला पर आबिकय। हमर सन्देश यैह रहत जे हमर जतेक भी श्रोता छथि से एहि बातक ध्यान राखथि जे अपन मिथिला केँ दहेजरूपी कूरीति सँ मुक्त राखी, एहि कूरीति केँ हम सब मिलिजुलि कय समाप्त करी। संगहि बेटी बचाउ बेटी पढाउ नारा केँ शिरोधार्य करैत लैंगिक विभेद केँ अन्त करी। कोनो कूरीति हमरा सभपर या हमरा लोकनिक समाज पर हावी नहि हो से विशेष ध्यान राखी। जय मिथिला – जय मैथिली – मैथिली जिन्दाबाद!!