विराटनगर, २१ जुलाई २०२१ । मैथिली जिन्दाबाद!!
भक्तिभाव आ भावुकता सँ भरल दर्जनों प्रस्तुति दैत श्रोता-दर्शकक मन मोहि लेलीह कुमकुम मिश्रा

‘जुनि लियऽ हमर प्राण यौ बाबू’ – कन्या भ्रूण हत्या केर जघन्य पाप विरूद्ध लोकजागरण लेल नवीन मिश्रा (कुमकुम मिश्राक पतिदेव) रचित एक अत्यन्त भावुक करयवला रचना केर गायन सहित अनेकों भावपूर्ण आ भक्तिपूर्ण गीत सभक प्रस्तुति कयलीह कुमकुम मिश्रा। हुनक एहि ३ घन्टाक प्रस्तुति मे गीत-संगीतक यात्रा कतय सँ कतय धरि पहुँचल ताहि पर अपन विचार सब सेहो रखलीह।
विदित हो जे कुमकुम जी बहुत कम समय मे काफी लोकप्रियता हासिल करैत सैकड़ों पारम्परिक गीत सभ केँ अपन स्वर दैत रेकर्डिंग करय मे सफल भेलीह। एहि सँ हुनकर गायकीक चर्चा त चारूकात अछिये, मिथिलाक हेराइत-भोथियाइत आ आधुनिकताक झमार सँ झमारल गेल मूल्यवान् गीत सब केँ सेहो संरक्षण-संवर्धन आ प्रवर्धन करबाक काज हुनका द्वारा भेल अछि सेहो बड पैघ महत्वपूर्ण बात थिक।
कुमकुम जीक अपन यूट्यूब चैनल केर लिंकः
एहि के अलावा विभिन्न म्यूजिक चैनल सब पर सेहो हिनकर अनेकों रेकर्डिंग गीत सब उपलब्ध अछि। भक्ति गीत मे पराती, सोहर, समदाउन, नचारी, निर्गुण संग लोकगीत एवं अन्य गीत सब हिनका द्वारा गायल गेल अछि। हिनकर गायकीक विशेषता नहि केवल मधुर स्वर आ सुर-ताल संग भावनापूर्ण ढंग सँ गायब अछि, बल्कि गेबाक शैली एहेन जे सीधे श्रोताक हृदय मे प्रवेश कय जाइछ, गीतक एक-एक बोल आ शब्द केर भाव केँ स्पष्ट करबाक अद्भुत कला छन्हि हिनका मे। करोड़ों आम मिथिलावासीक हृदय मे विराजैत छथि कुमकुम मिश्रा से केवल अपन विशिष्ट गायकी सँ।
कुमकुम जी हाल दिल्ली मे रहैत छथि। हिनक पतिदेव श्री नवीन मिश्रा एवं सम्पूर्ण परिवारक प्रोत्साहन सँ एहि मुकाम धरि पहुँचलीह सेहो ध्यातव्य अछि। विवाह उपरान्त पति आ सासुर परिवारक प्रोत्साहन भेटला सँ हिनकर कला मे निखार एबाक बात सेहो उपरोक्त कार्यक्रम मे बतेलीह। नवीन जी सेहो गीत लेखन मे रुचि रखैत छथि। हिनकर लिखल कतेको रास गीत केँ कुमकुम जी अपन आवाज दैत रेकर्डिंग करौने छथि, किछु आर रेकर्डिंग करेबाक क्रम मे अछि। नवीन जीक दुइ रचना, कन्या भ्रूण हत्या रोकबाक उद्देश्य सँ रचित एक विलक्षण रचना ‘जुनि लियऽ हमर प्राण यौ बाबू’ तथा हेराइत-भोथियाइत गाम केर विशिष्टता केँ मोन पाड़यवला एकटा गीत ‘कतय गेल चून तमाकू’ केर प्रस्तुति सेहो एहि कार्यक्रम मे कुमकुम जी द्वारा कयल गेल छल।
शीघ्रहि कुमकुम जी संग विस्तृत अन्तर्वार्ता सेहो मैथिली जिन्दाबाद पर अपने लोकनि पढि सकब। एक सँ बढिकय एक गीतकार केर गीत केँ स्वर देनिहाइर स्वर सम्राज्ञी कुमकुम मिश्रा प्रति दहेज मुक्त मिथिलाक संस्थापक सह मैथिली जिन्दाबादक सम्पादक आभार केर शब्द रखैत हुनकर भविष्यक सफलता लेल शुभकामना सेहो देलनि। समाज आ संस्थाक हरेक व्यक्ति सँ ओ अपील कयलनि जे एहि तरहक महान गायिका सब केँ प्रत्यक्ष सुनी आ आगामी पीढी मे मैथिली गीतक मौलिक स्वरूप केर दर्शन आ मिथिलाक मौलिक गायक परम्परा सँ परिचय करेबाक काज जरूर करी।