“सौजन”

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अखिलेश कुमार मिश्रा।                         
मिथिला तs सदा सँ आध्यात्मिक आ ज्ञानक केंद्र रहल अछि अछि। एतुका रहन-सहन आ खान-पान अपने आप में विलक्षण अछि। तहिना एतुका सामाजिक ताना-बाना भी बिल्कुले अलग अछि। चूँकि सभ गाँव में सभ वर्ण मिलि समाज कें निर्माण करै छैथि जे कि एक दोसर के निर्भरता कें सेहो द्योतक छैथि। तहन तs लोक गाम में हरेक ओतय सँ ऐन-गेन खान-पान कें सम्बन्ध नहि राखि सकैत अछि। तहन गामक किछु घर परिवार जिनका ओतय सँ आपस सभक खान-पीन ऐन-गेन चलैत रहैत छैन्ह ओ आपस कें सौजनियाँ कहाइत छैथि आ जाहि प्रक्रिया (विशेष व्यवस्था) कें द्वारा आपस में ई सम्बन्ध स्थापित होइत अछि से सौजन कहाइत अछि।
सभ सँ पहिले अहाँ सभक समक्ष सौजन शब्दक अर्थ बता दी। सौजन शब्द दू शब्द सँ अलग अलग लेल गेल अछि। पहिल शब्द अछि सुजन, मतलब नीक आदमी। दोसर शब्द अछि सौजन्य अर्थात मित्र। सौजन के वास्तविक भाव अछि ओ अहि दुनू कें योग अछि अर्थात नीक आदमी सँ मित्रता कायम केनाइ। आ मित्रता कायम करs लेल तs ऐन गेन खान पान आवश्यक अछि।
ओना हम तs एक्कर तेसर अर्थ से बुझैत छी सौजन शब्द स्वजन सँ ऎल अछि। स्वजन कें अर्थे भेल अप्पन आदमी। अर्थात जे गाम में अप्पन खास आदमी सभ भेलाह ओ सौजनियाँ में छैथि।
पहिले गाम सभ में जे सौजनियाँ में नै रहैथि तिनका ओतय सिद्ध अन्न खेनाइ निषेध छल। ओ हुनका ओतय मात्र असिद्ध खा सकैत छलैथि ओहो बिना नून कें। अर्थात बिना सौजनियाँ कें नून नै खा सकैत छलैथि। जाहि घर सँ सौजनियाँ कायम करs कें रहैत छल तs ओहि घरक मुख्य सदस्य कें भोजन पर आमंत्रित कs कs हुनका सत्कार सहित भोजन जाहि में सिद्ध अन्न आ नूनक प्रयोग भेल हो अर्थात छ नौ खुआ कs पाँचों टूक कपड़ा बिदाई समेत भेजल जाइत छल। ओहि दिनक बाद सँ ओहि दुनू घर परिवार आपस में सौजनियाँ भs जाइत छलैथि आ आपस भोजन-भात में कुनो निषेध नै छल। स्त्रीगण सेहो ओहि भोज या भोजन में हिस्सा लs सकैत छलीह।
मिथिला में तs बिना सौजन कें किनको ओतय नून बाला भोजन खेनाइ बुझु जे निषेध छल। बाराती में छ नौ तs बनैत छल मुदा बिना नून के ही। भोजन के लेल अलग सँ नून परसल जाइत छल।
जहन दू घर में वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित होइत छल तs समाधि आ किछु गणमान्य कें अलग सँ कुनो अवसर पर बजा कs हुनका सत्कार सहित भोजन करा आ विधिवत पाँचों टूक कपड़ा सँ बिदाई कैल जाइत छल। एकरे कनि अलग रूप में वर के सम्बन्धी या भाई सभक सँग आ कन्यापक्ष सँ हुनकर भाई सभक साथ भोजन कें सेहो सौजन कहल गेल अछि। अहि भोजन में अंत में एक दोसर के अपन आंइठ सेहो खुआ कs सम्बन्ध कें प्रगाढ़ता के परिचय देल जाइत अछि। मुदा कनि विभत्स भs गेल अछि में भोजन अंश फेंका फेंकी मैं बर्बाद भs जाइत अछि। किछु घटना तs एहेन सेहो देखल गेल अछि जाहि में दुनू पक्ष कें रिश्ता में खटास आबि गेल अहि भोजन फेका फेंकी में। तैं भोजन करै बेर में सौजन के नीक सँ निभाउ।
हम जेखन गाम में रही तs 1990 सँ 2002 तक हमर बैच कें सभ लड़का सभ गामक सौजनियाँ परिपाटी के लगभग खत्म ही कs देने रही। गाम में कतौ भोज होइ तs श्रम दै लेल पहुँच जाइ, आ अगर भोजन लेल कहल जाइत करs में कुनो हर्ज नै रहै। सभ युवावर्ग गामक कुनो विवाह में खुशी खुशी श्रमदान दै लेल पहुंच। जाइत छल।
खैर आब तs सौजन परिपाटी लगभग खत्म ही भs चुकल अछि।🙏🙏🙏