मिथिलाक जानकीस्वरूपा बेटी मंजूषा बहिन जेकाँ आगू आबथि – एक अपील

ध्यातब्य हो जे मिथिलाक माटि सँ स्वयं पराम्बा जानकी अवतरित भऽ एहि धराधाम मे विशेष गुण दय गेल छथि। एहि ठाम आइ धरि जे कोनो बेटी जन्म लेलीह अछि हुनका सब मे जानकीक थोड़-बहुत गुण अवश्य टा भेटैत अछि। एहि सार्थक आ सकारात्मक बौद्धिकताक उपयोग स्वयं लेल आ जँ फाजिल अछि त समाजहु लेल बाँटिकय अपन मानव जीवन केँ सफल बनेबाक उच्चभावक कार्य कयल जा सकैत छैक। मंजूषा जीक योगदान सँ बहुत पैघ परोपकार भऽ रहल अछि। काल्हि (हमर आदरणीया भाभीश्री) श्रीमती नीलम झा सेहो अपना पास रहल सीप (जीवनोपयोगी कला) चित्रकारिताक प्रशिक्षण दय वास्ते स्वयं केँ आगू अनलीह अछि। किछुए समय मे एहि तरहक आपसी कला व सीप केर प्रशिक्षण एतय बेस बढि जेबाक संभावना अछि। हम सब केँ नमन कय रहल छी।
सिर्फ बेटी वर्ग टा नहि, अपितु बेटा वर्ग मे सेहो कतेको रास सार्थक कला व सीप अछि। कियो चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट छी, किनको एकाउन्टेन्सी सिखा सकैत छी, सिखनिहार कतहु रहता आ ५ टा पार्टीक जीएसटी एसेसमेन्ट आदिक कार्य कय लेता र नीक रोजी-रोटी भेट जेतनि। कियो शिक्षक, कियो मार्केटिंग मैनेजर, कियो कमोडिटी मार्केटिंग, एजेन्सी आदि चलबैत छी। जिनका मे जे कला आ विद्या दोसर सँ बाँटय योग्य अछि से जरूर दोसर केँ दियौन। एहि सँ अपन कला-विद्या घटत नहि, दोसरहु के हित होयत, जीवन सफल बनत। हमर शुभकामना!!
हरिः हरः!!