कन्हा कुकूर माँड़हि तिरपित?

मंत्रीजी केँ ज्ञापन पत्र सौंपैत मिरानिसे उपाध्यक्ष श्री अमर नाथ झा व मिथिला मिरर संपादक ललित ना. झा संग अन्य
मंत्रीजी केँ ज्ञापन पत्र सौंपैत मिरानिसे उपाध्यक्ष श्री अमर नाथ झा व मिथिला मिरर संपादक ललित ना. झा संग अन्य
मंत्रीजी केँ ज्ञापन पत्र सौंपैत मिरानिसे उपाध्यक्ष श्री अमर नाथ झा व मिथिला मिरर संपादक ललित ना. झा संग अन्य

समाचार भेटल अछि जे मिथिला क्षेत्रक किछु जिला मे बिएसएनएल द्वारा टेलिफोनक अन्तर्संवाद लेल मैथिली भाषा यंत्र चालू कय देल गेल अछि। सामाजिक संजाल पर मैथिलीक मिठास मोबाइल द्वारा सुननिहार सब जानकारी करबैत हर्ष आ भारत सरकार प्रति धन्यवाद ज्ञापन करैत देखा रहला अछि। कतेको लोक एहि सुविधाक माँग सहित भारत सरकार समक्ष निवेदन सेहो केने छलाह, हुनका सब द्वारा श्रेय अपन नाम करबाक कलियुगी होड़ सेहो देखाय लागल अछि। निश्चित रूप सँ भारत मे संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त कुल २२ भाषा मे अन्तर्संवाद आ भाषाक उपयोगिताक हरेक क्षेत्र मे उपयोग बढबैत भाषा केँ पोषित रखबाक गूढ राज्य नीति छैक, एहि लेल मैथिली केँ बेसी सुविधा अहु लेल भेटि जाइत छैक जे ई हिन्दी जेकाँ देवनागरी लिपि केँ अपनौलक आ हिन्दीक समीप भाषा मानल जाइत अछि। हालहि संचारक क्षेत्र मे सेहो मैथिली केँ प्राथमिकता देबाक लेल पटना दूरदर्शन केँ निर्देशन सेहो देल गेल छलैक। माँग तऽ मैथिली मे अलगे दूरदर्शन चैनल खोलबाक सेहो कैल गेलैक अछि। मुदा राज्य केर राजभाषा तक मे मैथिली केँ स्थान नहि देबाक कारणे बिहार सँ मिथिलाक पृथक करबाक माँग जोर पकड़ैत रहल छैक आ पटना सँ कहियो न्याय पेबाक आशा राखब निराशाजनक मात्र छैक, ई विज्ञजनक राय भेटब आइ सामान्य बात भऽ गेलैक अछि।

भारत सरकार केर मैथिली प्रति ई पहल सार्थक छैक। मुदा प्रश्न उठैत छैक जे मैथिलीभाषी क्षेत्र केर निर्धारण लेल आधार कि मानल गेलैक? कि जनगणनाक आधार पर लोक जाहि भाषा केँ मातृभाषा रूप मे अंकित करौने अछि ताहि अनुरूपे ई सुविधा प्रदान कैल गेलैक? आ कि, राज्य सरकार द्वारा कैल गेल सिफारिश जाहि मे अक्सर दरिभंगा आ मधुबनी दुइ जिला केँ मिथिलाँचल कहि कूराजनीति करबाक लंबा इतिहास छैक ताहि अनुरूपे मात्र एहि दुइ जिला मे ई सुविधा प्रदान कैल गेलैक? प्रश्न बहुत रास छैक। श्रेय लूटनिहार एहि सब ध्यान दैथ जे भाषिक अधिकार लेल एकमात्र सरकारी आधार जनगणना मे लोक अपन भाषा सँ दूर नहि जाय। संविधान समेत मे प्रतिष्ठाक संग स्थान प्राप्त मैथिली प्रति विद्वेषक भावना भले राजनीति करनिहार अपन विभाजन नीति सँ समाज बाँटय लेल करैत हो, कम सँ कम एहि अभियान मे लागल लोक समाज निर्माण आ भाषिक सम्मान सँ जन-जन केँ अवगत करा सकय ताहि दिशा मे डेग उठबैथ। एहि क्षेत्रक संचार क्षेत्र मे कार्यरत पत्रकार व मिडियाकर्मी लेल सेहो ई दायित्व बनैत अछि जे ओ राज्य (सरकार, केन्द्र वा प्रादेशिक) सँ पूछैथ जे ई सुविधा फिलहाल कोन-कोन जिला मे आ कोन आधार पर देल गेलैक अछि।

पिछला किछु वर्ष मे मैथिली तथा मिथिला आन्दोलन केँ बहुत नजदीक सँ देखैत जाहि तरहक अनुभव समेटल जा सकल अछि ताहि गुणे मिथिला राज्य निर्माण सेना तथा मिथिला मिरर समाचार पत्रिका एहि लेल सराहना केर पात्र अछि। पिछला वर्ष नव सरकार बनिते सूचना तथा प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर सँ भेंट करैत हिनका लोकनि एकटा ज्ञापन सँ दूरभाष, दूरदर्शन, सिनेमा, संचार आदि मे मैथिली केँ प्राथमिकता देबाक माँग कएने छलाह। मिरानिसे सँ टूटि अलग संगठन ठाढ ‘मिथिला स्टुडेन्ट युनियन’ केर निरन्तर दबावमूलक कार्यक्रम भले अपरिपक्वता सँ कैल गेल वा कैल जा रहल अछि, तथापि मैथिली-मिथिलाक निरन्तर चिन्तन लेल सराहनीय भूमिका मे अछि।

ताहू सँ पूर्व विश्व मैथिल संग, मैथिल जनजागृति मंच, विद्यापति संस्थान आ सबहक संङोर अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समितिक समस्त कार्यक्रम एहि सब माँग केँ पूरा करेबाक लेल प्रतिक्षण संघर्ष करैत रहल अछि। गूढ सँ गूढतम विषय पर जानकारी जुटेबाक कार्य अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् आ डा. धनाकर ठाकुर द्वारा होइत रहल अछि।
 
विभिन्न गाम, शहर आ ठाम पर स्थापित एक सँ बढिकय एक विद्वान् जे मिथिला लेल निरन्तर चिन्तनशील छथि, ओ सब अपन विशिष्ट पहिचानक प्रतीक भाषा, संस्कृति, साहित्य, लिपि, धरोहर, समाज, सभ्यता आ समग्र विषय पर सुन्दर सोचक संग आगाँ बढैत अपन आगाँक पीढी मे सेहो उत्साह आ जोश देबाक महत्त्वपूर्ण कार्य कयला अछि। एना मे किनकर योगदान नहि अछि से कहब कनेक समस्या सँ भरल अछि, लेकिन एतेक स्पष्ट अछि जे ‘जनप्रतिनिधि’ मे एहि महत्त्पूर्ण पहिचान प्रति सजगताक घोर कमी अछि।
 
एकमात्र कीर्ति आजाद सीना ठोकिकय एहि लेल संसद सँ सड़क धरि आवाज उठबैत रहला अछि। रामचन्द्र पासवान, हुकुमदेव नारायण यादव, पप्पू यादव, डा. सी. पी. ठाकुर, भोला निषाद, रघुनाथ झा, राधा मोहन सिंह, व आरो किछु महत्त्वपूर्ण ओहदेदार व्यक्तित्व (नेतृत्वपक्षसँ) बेर पर जरुर समर्थन मे ठाढ भेला अछि। हिनको सबसँ पूर्व कमरेड भोगेन्द्र झा अपन प्रखर आवाज सँ मैथिली-मिथिलाक हित-पोषणक कार्य कएलनि।
 
डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजु केर नेतृत्व समग्र मे एतेक महत्त्वपूर्ण भूमिका खेलेलक अछि जेकरा प्रति प्रत्येक मिथिलावासी केँ नतमस्तक रहय पड़त। तहिना समाजिक संस्था चलबितो सदैव अपन भाषा, संस्कृति, समाज आ मूल्य तथा परंपरा लेल अखिल भारतीय मिथिला संघ व वर्तमान अध्यक्ष विजय चन्द्र झा केँ नहि बिसरल जा सकैत अछि।
 
दिल्ली मे अपन जीवन मैथिली तथा मिथिला केँ सौंपनिहार प्रो. अमरेन्द्र झा आ शिशिर कुमार झा सहित संग देनिहार सैकड़ों मैथिल धन्यवादक पात्र छथि। हमर ओकादि नहि पूरैत अछि जे किनकर नाम ली, किनकर नाम छोड़ी। हम सबकेँ प्रणाम करैत वर्तमान नेतृत्व पीढी अमरजी, संजीबजी, हेमन्तजी, विजय भाइ*, निरजजी, शरतजी, अनुप, रौशन, कमलेश, आनन्द, आदि सब केँ शुभकामना दैत छी जे स्वार्थ सँ बहुत ऊपर उठिकय मातृभूमिक सेवा कतहु रहैत करैत रहय। गूटबाजी आ चुगलखोरी सँ एकरा बचाकय राखय।
 
विदित हो जे उपरोक्त ज्ञापन पत्र मात्र पिछला वर्ष देल गेल छल, जखन कि २०१३ ई. मे अप्रील मास मे मिरानिसे केर गठन उपरान्त श्री विजय झा जेट केर संयोजकत्व मे विभिन्न माँग सहित ज्ञापन पत्र भारत सरकार केर सम्बन्धित मंत्रालय केँ सौंपल गेल छल – बाद मे कीर्ति आजाद जी ओकर बहुत माँग केँ समर्थन दैत सांसद भवन मे सेहो प्रश्न उठौलनि। जँ मिरानिसे केर एकता सूत्र पर सब एक रहैत तऽ आइ ई दूर्दिन मिथिला आन्दोलन केँ नहि देखय पड़ैत।
 
हम सँ ऊपर उठू, नहि तऽ खैर कहियो नहि होयत!! नहिये मैथिलीक खैर, नहिये मिथिलाक खैर!! ई तऽ विदेहक धरती सदा-सदा लेल रहल अछि, एतय अनावश्यक ममत्त्वक कोनो मूल्य कहियो नहि रहल अछि। न्याय, मीमांसा, सांख्य, आदि अनेको महत्त्वपूर्ण दर्शनक उद्गमविन्दु मिथिलाक पावन धरती केँ सदा आत्मविद्या सँ पोषण भेटल, एकरा निरंतरता देल जाय।
 
हरि: हर:!!