मैथिली साहित्य अभियान विराटनगरक १३म् मासिक कवि गोष्ठी वेबिनार प्रारूप मे सम्पन्न

विराटनगर, १६ मई २०२१ – मैथिली जिन्दाबाद!!

मैथिली साहित्य अभियान विराटनगर द्वारा १३म् मासिक कवि गोष्ठीक आयोजन वेबिनार प्रारूप मे काल्हि १५ मई शनि दिन सम्पन्न भेल। अभियान संयोजक कर्ण संजय एवं अध्यक्षता शिव नारायण पंडित सिंगल कयलनि, संचालन प्रवीण नारायण चौधरी कएने छलाह। कविक रूप मे कुमारी श्रेया, शान्ता कर्ण, कैलाश यादव, कुमार पृथु, प्रेम नारायण झा, कविता झा, प्रकाश प्रेमी सहित संचालक, संयोजक एवं अध्यक्ष सेहो अपन-अपन कविताक पाठ कयलनि। युवा कवि प्रमोद मंडल तकनीकी कारण सँ अपन कविता वाचन नहि कय सकलाह। एहि कार्यक्रमक लाइव प्रसारण फेसबुक पर सेहो कयल गेल छल। सौभाग्यवश एहि मे भारत (जमशेदपुर तथा मुम्बई) सँ श्यामल सुमन एवं राजकुमार झा सेहो जुड़लथि। विदित हो जे श्यामल सुमन एक जानल-मानल मैथिली एवं हिन्दीक कवि छथि जे अपन ३ गोट रचना एहि कवि गोष्ठी मे सुनौलनि, तहिना राजकुमार झा सेहो मैथिलीक विद्वान् लेखक एवं विचारक हेबाक संग काल्हि अपन कविता वाचन सेहो कयलनि।

कोरोना महामारी सँ पसरल त्रासक बीच अधिकांश कवि लोकनिक कवित मे कोरोना-कोरोना देखायल। कुमारी श्रेयाक रचना ‘काल रूप विकराल अछि, महामारीक नाम मानव संहार अछि’ केर खूब सराहना कयल गेल। शान्ता कर्ण, कैलाश यादव व प्रेम झा सेहो कोरोना महामारी आ आम जनमानस व जनजीवनक स्थिति पर आधारित कविता प्रस्तुत कएने रहथि। कुमार पृथु, प्रवीण नारायण चौधरी, कविता झा, कर्ण संजय एवं शिवनारायण पंडित सिंगल द्वारा समसामयिक विषय वस्तु पर रचना प्रस्तुत कयल गेल छल। आजुक कार्यक्रमक अध्यक्षीय संबोधन मे शिव नारायण पंडित सिंगल प्रसन्नता व्यक्त कयलनि जे भारत सँ दुइ गोट दिग्गज स्रष्टा सेहो जुड़ि पेलथि आ तकनीक केर युग मे दूरी निर्वाह करैत औनलाइन कविता वाचन भऽ सकल, ओ सभक स्वास्थ्य नीक रहबाक शुभकामना सेहो देलनि। संयोजक कर्ण संजय मैथिली साहित्य अभियानक स्थापना आ उद्देश्य पर संछिप्त प्रकाश देबाक संग आगामी समय मे हरेक सप्ताह एहि तरहक गोष्ठी हो ताहि पर विचारपूर्वक निर्णय लेबाक आश्वासन देलनि।

कुमारी श्रेयाक कविताक यथारूप (साभार हुनक फेसबुक पोस्ट) –

काल रूप विकराल अछि,
महामारीके नाम मानव संहार अछि।

लोक स लोक विरान अछि
ने कोनो जादु टोटका
आ ने कोनो वैद्य बुधियार अछि
एके विमारी स सब धयने विछान अछि
काल रूप विकराल अछि…..

दिन आ राति सब एक समान
नै कोनो भोर आ
नै कतहु अन्हार अछि
बस एक छरपटाहट आ
चौबिसो घन्टा जरैत श्मसान अछि
काल रूप विकराल अछि……..

गरिबहा घरे भरि,
धनिकाहा सब स भरल अस्पताल अछि
दबाइ-दारू अक्सिजन स ल क
प्लाज्मा सबटा अभावे अभाव अछि
नै कोनो उगहास
नै कतउ जोगार अछि
लोक स लोक विरान अछि
काल रूप विकराल अछि…

महामारीक नाम जनसंहार अछि!!