“किताबी ज्ञान साक्षर बना सकैयै, शिक्षित नै”

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प्रियम झा।                                       

# आधुनिक शिक्षा के नीक प्रभाव और दुष्प्रभाव की सब अछि #

शिक्षा मनुष्य के अपना आप सॅ परिचय करबाबति छइ, ओकरा भीतरक क्षमता के चिनह में मददगार होयत अछि। शिक्षाक अर्थ खाली किताबी ज्ञान नहि होयत छइ, किताबी ज्ञान आदमी के साक्षर त बना सकति अछि मुदा शिक्षित नहि।
ओना त शिक्षा के ज्यादातर नीके प्रभाव होयत अछि मुदा आधुनिकताक किछ प्रभाव आ दुष्प्रभाव शिक्षा के क्षेत्र में देखल जा सकति अछि।

🌼 आधुनिक शिक्षा के नीक प्रभाव :-

1. साधनक भरमार:- आधुनिक शिक्षा में साधनक कुनु कमी नहि अछि। कोरोना के इ विकट परिस्थिति में किनको स्कूल- काॅलेज नहि जाय परति अछि। घर बइसल – बइसल लोग ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त क रहल छति। खाली किताबी पढाई टा नहि, सब क्षेत्र के ज्ञान आसानी से ऑनलाइन भेंट जायत अछि।

2. नवीन प्रौद्योगिकी के ज्ञान:- आधुनिक शिक्षा में नया नया आविष्कार, नया प्रौद्योगिकी पर जोर देल जायत अछि। विद्यार्थी के बचपने सॅ साइंस के लैब में प्रयोग, अनुसंधान करौअल जायत अछि।

3. वोकेशनल आ प्रोफेशनल शिक्षा:- आधुनिक शिक्षा में वोकेशनल आ प्रोफेशनल ज्ञान देल जायत अछि जहि से आगू जा के रोजगार के सम्भावना बढि जायत अछि।

4. व्यवहारिक ज्ञान:- आधुनिक शिक्षा में व्यवहारिक ज्ञान के बेसी महत्व देल जायत अछि। अलग-अलग क्षेत्र में कोना काज होयत अछि तेकर शिक्षा औद्योगिक टूर, औन जौब प्रशिक्षण द्वारा देल जायत अछि।

🌼 आधुनिक शिक्षा के दुष्प्रभाव:-

1. शिक्षा व्यपार के प्रमुख जरिया:- शिक्षा आब ज्ञान सॅ बेसी व्यसाय बनि गेल अछि। शिक्षक कक्षा में कम आ नीजी कोचिंग आ ट्यूसन पर बेसी ध्यान दति छथि

2. अभिभावक आ विद्यार्थि के भावना सॅ खिलवार:- आधुनिक शिक्षा में किछ व्यवसायिक मानसिकता के लोग कम उम्र में नौकरी भेटबाक आ मोट कमाई के झाँसा द अभिभावक आ विद्यार्थि सॅ बढियाँ रकम अँठि लति अछि। जहि में वाईट हैट जूनियर आ बैजू एखन देखना में आयल अछि जे केवल नौ साल के बच्चा के कोडिंग सिखाब् आ गूगल एहन पइग कम्पनी में नौकरी दियाब् के दावा करति अछि।

3. चरित्र निर्मानक उपेक्षा:- आधुनिक शिक्षा में लोग पाइ कमाय पर बेसी आ चरित्र निर्मान पे कम ध्यान दति अछि। अध्यापक नैतिकता के ज्ञान नहि द खाली मशीनी ज्ञान द रहल छथि।

4. कर्तव्यक अभाव:- आधुनिक शिक्षा में गुरू आ शिष्य दुनू अप्पन-अप्पन कर्तव्य सॅ भटकि गेल छथि। आब नहि शिष्य अपना गुरू प्रति पहिले जेना आदर भाव राखति छथि आ नहि गुरू शिष्य के सम्पूर्न विकास लेल शिक्षा दति छथि।

5. बुनियादी ज्ञानक अभाव:- दिल्ली, बैंगलोर आदि महानगर में स्कूले सॅ आई.आई. टी, एन.आई. टी, मेडिकल के तैयारी करौअल जायत अछि जहि सॅ विद्यार्थि के प्रतियोगिता पास करबाक दवाब रहति छइ आ हुनकर बुनियादी ज्ञान के अभाव रहि जायत छइ।

🌸 समाधान:-

1. नैतिक शिक्षा:- आधुनिक शिक्षाक साथ-साथ सच्चाई, ईमानदारी, दया, धर्म नैतिकता के शिक्षा देनाय बहुत जरूरी अछि नहि त लोग अप्पन ज्ञान के गलत दिशा में ल जा सकति अछि।

2. सही क्षेत्र आ विषयक चुनाव:- बच्चा के मनोवैज्ञानिक दृष्टी सॅ आकलन क के हुनकर क्षेत्र निर्धारन करबाक चाही। जहि विषय में बच्चा के रूची होय ओ विषय चुनबाक स्वतंत्रता देल जाय

3. स्व – अध्ययन लेल समय:- आइ- काल्हि स्कूल आ कॉलेज नौकरी जेना 8-10 घंटा चलति अछि जहि सॅ विद्यार्थी स्कूल आ स्कूल में देल गेल गृह- कार्य में उलझि के रहि जायत अछि आ स्व – अध्ययन लेल समय नहि निकालि पाबति छथि। तहि लेल स्कूलक समय सीमा निर्धारित होबाक चाही।

✍प्रियम्बदा कुमारी