वरिष्ठ मिथिला-मैथिली अभियानीक नाम एक पत्र

जन्तर-मन्तर पर मिथिला राज्यक माँग पर धरना कार्यक्रम मे दरभंगा सांसद कीर्ति आजाद द्वारा २०१३ संसद मे राखल गेल प्राइवेट मेम्बर बिल द्वारा मिथिला राज्यक माँग प्रस्ताव पर संबोधन, संग मे बायाँ पाग पहिरने प्रो. उदय शंकर मिश्र आ दायाँ डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजु, ५ दिसम्बर, २०१३.

आदरणीय प्रोफेसर साहेब!

जन्तर-मन्तर पर मिथिला राज्यक माँग पर धरना कार्यक्रम मे दरभंगा सांसद कीर्ति आजाद द्वारा २०१३ संसद मे राखल गेल प्राइवेट मेम्बर बिल द्वारा मिथिला राज्यक माँग प्रस्ताव पर संबोधन, संग मे बायाँ पाग पहिरने प्रो. उदय शंकर मिश्र आ दायाँ डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजु, ५ दिसम्बर, २०१३.
जन्तर-मन्तर पर मिथिला राज्यक माँग पर धरना कार्यक्रम मे दरभंगा सांसद कीर्ति आजाद द्वारा २०१३ संसद मे राखल गेल प्राइवेट मेम्बर बिल द्वारा मिथिला राज्यक माँग प्रस्ताव पर संबोधन, संग मे बायाँ पाग पहिरने प्रो. उदय शंकर मिश्र आ दायाँ डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजु, ५ दिसम्बर, २०१३. फोटो: प्रवीण चौधरी

अपने अत्यन्त पुरान आ गंभीर मैथिली-मिथिला कार्यकर्ता आ नेतृत्वकर्ता थिकहुँ। अपने कोनो राजनीतिक शक्ति नहि, वरन् मिथिलाक एक सशक्त अभियानी थिकहुँ। भारतीय गणराज्य मे मिथिलाक पहिचान केँ संवैधानिक सम्मान हेतु संघर्ष १९८५ ई. यानि अपन विद्यार्थी जीवन सँ करैत आबि रहल छी। एहि संघर्ष हेतु कतेको रास बनैत-बिगड़ैत समीकरण आ संघर्ष समितिक स्वयं सदस्य, कार्यकर्ता आ सचिव आदि रहिकय भारत सरकार केँ अनेको बेर ज्ञापन पर्यन्त सौंपि चुकल छी। वर्तमान समय मे जाहि तरहें युवा सेनानी सब अपना हाथ मे बागडोर लय मिथिला राज्य ओ आर्थिक-सामाजिक-सांस्कृतिक विकास लेल संघर्ष कय रहला अछि, तेकर एकटा प्रेरक तत्त्व अपने स्वयं रहि चुकल छी। मिथिला राज्य निर्माण सेना द्वारा २०१३ ई. मे कैल गेल मिथिला राज्य निर्माण यात्राक ९ जिला मे सँ अधिकतम जिलाक अभियान मे अपनेक नेतृत्व रहल छल।

अपनहि केर सक्रियता सँ ‘मिथिला राज्य संयुक्त संघर्ष समिति’ – यानि सब दल, अभियानी समूह आ संघर्ष मोर्चा आदिक समुच्चय संगठन सेहो अपने द्वारा एकठाम आबि सकल छल। दरभंगा मे सर्वदलीय बैसार सँ राष्ट्रीय अध्यक्ष रूप मे डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजु समान संघर्षशील आ सक्षम नेतृत्वकर्ता केँ सेहो चुनाव कैल जेबा मे अपनेक भूमिका सराहनीय छल। डा. धनाकर ठाकुर समान असगरे सबटा कैल आ करब कहनिहार केँ पर्यन्त अपने द्वारा बुझाओल जेबाक गंभीर कार्य भेल, डा. सत्यनारायण महतो समान बुजुर्ग आ समर्पित अभियानी सहित डा. बुचरू पासवान, मो. रियाज खान, राम नारायण झा, डा. मिथिलेश पासवान, बुढाभाई, डा. अशोक यादव, डा. अरुण कुमार यादव, जोगी जनक कुशवाहा, सुधीर झा, आदि अनेको मिथिलावादी व्यक्तित्व सबकेँ जोड़बाक गंभीर कार्य अपने द्वारा भेल। नवगठित युवा समूह सँ लैत बड़-बुजुर्ग सबकेँ एकठाम करैत जेना अपने सक्रियतापूर्वक कार्य कैल ताहि मे एना ‘टिटहीपना’क भान होयब अतिश्योक्तिपूर्ण अछि। गंभीर आ सचेतनशील लोक केँ हल्लूक भाषा मे टीका आ टिप्पणी कदापि शोभा नहि पबैत अछि।

आवश्यकता एकर अछि जे आगामी समय लेल आरो समर्पण बढय। फैशन सँ ई आन्दोलन बाहर निकलि मिशन बनय आ मिशन लेल पैशन केर मात्रा बढय। अपनहि केर शब्द मे ई तिनू प्रकारक आन्दोलनकारीक संग लैत आगाँ कोना नीक कार्य होयत ताहि दिशा मे डेग बढय। खाली आपसी संदेह आ गारा-गरौवैल सँ ऊपर कोना उठब ताहि दिशा मे कार्य हो। ओकरा के पूछैत छैक, ओ बेकार लोक अछि… एहि तरहक हल्लूक बात सँ ऊपर उठबाक आवश्यकता छैक। जनसाधारण द्वारा जे अभियान २०१३ मे शुरु भेल, तेकरा निरन्तरता देबाक आवश्यकता अछि।

अस्तु!

अपनेक एक प्रशंसक,

प्रवीण

नोट: उपरोक्त पत्र प्रोफेसर साहेब द्वारा बेर-बेर ‘टिटहीपंथ’ सँ अपन कर्मठता केँ तूलना पर लिखल गेल अछि। एतेक हतोत्साह मिथिला लेल कार्यरत व्यक्ति मे उचित नहि, कारण नव पीढी सब एहि दिशा मे जोर-शोर सँ कार्य कय रहल अछि, ई निश्चित तौर पर पुरान पीढीक कठोर संघर्षक देन थीक। हरि: हर:!!