कथा
– प्रवीण नारायण चौधरी
(व्यंग्य प्रसंग)
काल्हिये सँ हुनका कहैत छलियैन जे “प्रिये! हमर सब संगीक कनियां जीन्स पहिरैत छैक। सबहक कनियां कनेकबो कनियां सनक बुझाइते नहि छैक। एखनहु जेना छौंड़िये-नौरी जेकाँ कमसिन जबान – फिल्मी हिरोईन समान! से प्रिये! अहाँ सेहो काल्हि हमरा संगे ईन्डिया गेट पर जे घूमय लेल चलब तऽ जीन्स वला सेट जे हम अहाँ लेल खास रूप सँ कीनकय अनने छी, वैह पहिरि के चलब।” मुदा ओ एकरा मजाक मे टारि देलनि। जखन कि हम सिरियस रही, राति एक बेर कान मे सेहो फुसफुसाइत-वार्ता काल सेहो मोन पारि देने रहियैन। “प्रिये! ओहि जीन्स केर खासियत छैक, जतेक तक झाँपब ओहू सँ जबानीक ओज छलकैत छैक, बुझू जे हमरा एकदम घायल कय दैत अछि।” ओ बस मुस्कुराइत हमर मुँह टा तकने छलीह, तऽ एना बुझायल जे ओ राजी छथि। मुदा फेर मोन मे शंका हुअय जे हमर कनियां तऽ निछछ देहाती लोक, दिल्लीक दिलवाली भूमि पर रहैत दिल्लगीक ढेरो रास इतिहास देखिते स्वयं सेहो दिलवाली दुलहनियां बनि गेल छलीह। तैँ, कनेकबो शंका नहि छल जे काल्हि जखन सप्ताहांत पर ओ अवश्य स्पेशल ड्रेस पहिरिकय हमरा संग घूमती। ओहो सप्ताहांत जेकरा विकेन्ड कहैत छैक आ जाहि दिन लोक कतहु घुमय लेल जाइत अछि आ पत्नीक संग फोटो खिचबैत फेसबुक पर सेहो अपडेट करैत अछि … ‘अन इन्डिया गेट – विद माइ डार्लिंग स्वीटी… अन विकेन्ड…’ आदि।
भोरे सँ हम मोने-मन अपन कनियां केँ जीन्स आ ओ टप जाहि सँ जबानीक शबाब कतेको ठाम सँ मुह बबैत फ्लाइंग किस पठबैत रहैत छैक, जेकर चलते हमरा अपने कतेको दिन गड़बड़ अवस्था बनि जाइत छल आन-आन केँ जीन्स आ टप पहिरने देखि… यैह सोचिकय कनियां लेल कीनकय अननहिये रही जे दोसर केँ कियैक देखब… बरू अपन कनियें केँ ओहने ड्रेस पहिरायब आ ओकरे भरपूर देखब। अपनो देखब आ लोको सब केँ देखायब। कनियां हमर ग्रामीण आ देहाती छलीह ताहि सँ कि… ओहो आब देशक राजधानी मे रहि रहल छथि… हुनको क-ट क-के अंग्रेजी बाजहो आबि गेलनि अछि आ फेसबुक पर ओहो अपन अपडेट लगा सकैत छथि। हम जखन ड्युटी पर चलि जाइत छी तऽ बेचारी हमरा संगे खिंचायल बियाहक फोटो सँ लैत मधुश्रावणी आ द्विरागमन-भरफोड़ी अन्य कतेको बेर स्टुडियो मे खिंचायल फोटो सबकेँ एन्ड्राइड मोबाइलक १२ मेगा-पिक्सेल कैमरा सँ रि-स्नैपिंग करैत लगबैत समय कटैत छथि। दिन भैर मे ओ ई गानिकय रखैत छथि जे कोन फोटो केँ कतेक लाइक भेटल, कतेक कमेन्ट आ कतेक लोक देखौंस सँ शेयरो केलक… सब सँ खास बात जे अपन लोक मे के सब लाइक नहि करैत अछि ताहि पर विशेष नजरि रखैते ओ अपनो आ हमरो लोक सब सँ यथार्थ जीवन मे व्यवहार करबाक लेल प्रेरित करैत रहैत छथि। निश्चित आइ ओ जखन अपन गौर-वर्ण शरीर पर टाइट जीन्स आ कटिंगदार टप पहिरती, ताहि मे जे फोटो सब आयत ओ जरुर एक दिन लाइक्स आ कमेन्टक ढेर हिनका देखाओत, ओ खूब प्रसन्न हेती… आदि कतेको रास बात दिमाग मे बेर-बेर आबय आ हम खूब उत्साहित रही। अपना लेल कौशलजी वला मैथिली खादी कमीज आ लेवी’ज जीन्स पर एडिडास केर स्पोर्ट शूज – आह, गज्जब भऽ जेतैक।
हमर सारि-सरहोजि सब खूब प्रसन्न हेती जे चौधरीजी ई फोटो सब अपडेट केला। मोछ पिजौने रही… मुदा ई कि… कनिया तैयारी करैत हमरा बजौली आ संतोला रंगक साड़ी देखबैत भैर-बहुआँ ब्लाउज देखबैत कहली जे “ई ड्रेस केहेन रहत… माँ एहि बेर बरसाइत मे पठौने छल… चलू यैह पहिरिकय चलैत छी इन्डिया गेट!” हम फेर कहलियैन जे देखू, हम बहुत प्रिप्लान्ड छी जे आइ अहाँ केँ जीन्स पहिरैये टा पड़त। कारण ओहि मे हमर लगानी सेहो नीके भेल अछि। एक प्राइवेट कंपनीक एकान्टेन्ट लेल कनियांक ओहि ड्रेस पर लगानी, नहि-नहि… अहाँकेँ… हमर मोन राखहे टा पड़त। कनियां फेर सँ हँसैत हमर बात जेना अनसुनी कय रहल छलीह… ओ कनखियाइते हमर मनोभावना केँ जेना सब तरहें बुझैतो जीन्स नहि पहिरबाक शप्पथ खेने बाथरूम मे साड़िये लेने प्रवेश कय गेलीह। हम दरबाजा पर ठाढ हुनका बेर-बेर कहैत रहलियैन आ ओ भीतर सँ बेर-बेर चुड़ी खनकबैत हमरा साड़ी-ब्लाउज पर चुड़ीक कम्बिनेशन मोन पारैत रहली। हम तैयो अपन जिद्द पर आ ओ अपन जिद्द पर… अन्त मे अपन सोचल कल्पना जे जीन्स मे कनियें केँ देखब, आन केँ नहि ओ पूरा नहि भेल आ झगड़ा सेहो भऽ गेल। जखन कि फोटो सब नीके खिंचायल… संतोला रंगक साड़ी आ हरियरका ब्लाउज पर हरियर चुड़ी आ केश मे इन्डिया गेट पर जे जास्मिन (चमेली) फूलक गजरा लगबा देलियैन ताहि सँ ओ आइसक्रीम खाइत काल जे फोटो हमरा संगे खिंचौली ओ जबरदस्त हिट भऽ गेल। एखन धरि ७००० लाइक्स आ ५००० कमेन्ट्स आबि चुकल अछि। सासु सेहो फोन पर धन्यवाद कहली। लेकिन झगड़ा तऽ हमरा भइये गेल जे हमर इच्छाक कतहु कोनो सम्मान नहि आ देहाती कनिया अपने जिद्द पर हमरा झुका देली।
हरि: हर:!!