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“प्रतिमूर्ति- त्याग और संघर्ष के”

– सुधा देवी।                                      

लेख गरीबक बेटी ❤️
एकटा गरीबक बेटी केंँ जीवन अभिशाप तेँ नही कैह सकैत छी पर हँ गरीबक बेटी भेनाई संघर्ष पूर्न जरूर रहैत ऐछ बेटी जन्म तँ लैत ऐछ गरीब घर मेँ पर ओ बेटी अपना लेल कहीयो नै जीबैत ऐछ हमेसा ओ अपन परिवार अपन कुल खनदान के लेल समर्पित रहैत ऐछ बेटी जखन बाल अवस्था मे रहैत ऐछ तँ बेटी स्वाभाव सेंँ चंचल स्वभाव के रहैत ऐछ और बहूत सारा ख्वाव पालैत ऐछ जे हम पढ़ब लिखब उचयशिक्षा प्राप्त करब पैढ़लिख केंँ किछ बनब पर जखन बेटी के ई मेहसुस होईत ऐछ जे हम एक गरीबक बेटी छी हमर जीवन अपन रूचि या हमर सपना सेंँ नही चलत हमरा अपन परिवार के आर्थिक स्थिती के हिसाब सेँ जीवन बितेनाई ऐछ तखन ओ गरीबक बेटी अपन सब रूचि सब सपना के ओ मन मे दफनादैत ऐछ और अपन परिवार अपन माँ अपन भाई बहीन सबमे खुशी ढ़ुढ़य लगैत ऐछ और परिवारे के खुःशी मे खुःश रहैय लगैत ऐछ और जीवन संघर्ष भरल बीतैत छै किछ दिन बाद ओही बेटी के विवाह होईत ऐछ पर गरीबक बेटी केँ नसीब नही बदलैत ऐछ फेर ओहे सपना ओहे ख्वाब ओहे रूचि पर किस्मत क कहा मंजुर जे ओही बेटी के अधुरा सपना पुरा हैत फेर ओही बेटी के बदकिस्मत दस्तक देलक और सब सपना ख्वाब रूचि धरा केंँ धरा रैह गेल और फेर जीवन मे बचपनो से बैरके संघर्ष सुरू भेल गरीबक बेटी केँ जीवन भैर संघर्ष करय परैत छैक कारण ओही बेटी के अपना सेँ ज्यादा अपन कुल खनदान केंँ बेसी चिंता रहैत छै तै ओ हमेसा ईहा सोचैत संघर्ष करैत ऐछ जे चाहे हमरा साथे किछ हूए हम हर परिस्थिती कें सामना कलेब पर हमरा पिता हमरा भाई और हमरा खनदान पर आँच नही आबय और जखन सासूर जाईत ऐछ तँ नैहर सासूर दुनु खनदान के मान सम्मान के चिंता रहैत छै तै गरीबक बेटी अपना लेल नैहर सासुर दुनु परिवार के लेल बेसी जीवैत ऐछ सबसे बेसी लड़की के जीवन मे तखन दुःख बेसी होईत अइछ जखन लड़की के जीवन साथी विपरित भेटजाई और दूनू के सोच मे जमी आँसमा के फर्क हूए कतबो जीवन मे दुःख होईत छै इन्सान बर्दास्त कलैत ऐछ पर दाम्पत्य जीवनक कष्ट असहनिए कष्ट होईत छै तै गरीबक बेटी केँ कहीयो सुःख शाःती नै बेटी के जीवन दुःख.से सुरू होईत ऐछ और जीवन भैर दुःखे लिखल रहैत ऐछ कोनो कोनो बेटी के नसीब अपना अपना इस्वर कर्म के हिसाब सेंँ दुःख या सुःख लिखैत छथिन और जकरा नसीब मे दुःख लिखैत छथिन ओही इन्सान के बजबुत सेहो बना दैत छथिन जे दुःख सैह सकै तैँ हम हर बेटी सेंँ कहैय चाहैत छी दुःख सुःख नसीबक लेख अइछ तै दुःख मे कखनो नै घबराई जहीना सुःख.के हँस के बितबै छी तहीना दुःख.के हँस के काईट लेब तँ दुःख बितेनाई आसान भजायत छै बस जीवन केँ दिल सेँ जीबी अपनो के खुःशी मे खुःश रही तँ अपन खुःशी केँ कमी मेहसुस नै हैत इ कोनो कहानी नै लिखलौ इ हमर आप बिती ऐछ बहुत निक टोपिंक देलौ वन्दना बहीन आहाँ दिल के छुगेल ई टोपिक दिल सेंँ आभार आहाँक ❤️💕💓🙏🙏

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