नेपाल मे संविधान बनेबाक प्रक्रिया मे पुन: राजनैतिक असहमति सँ अनिश्चितता

जितेन्द्र ठाकुर, सप्तरी (भारदह)। जुन १२, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!

bikas tewariविराटनगर मे विकास तिवारी केर नेतृत्व वला राजनीतिक दल नेपाल सद्भावना पार्टी ( गजेन्द्रवादी) संघीय स्वरुप बिना जारी भेल संविधान केँ जरेबाक चेतावनी देलनि अछि। बितलहबा जेठ २५ गते, मध्यरातिमे चारि दल बीच भेल आठ प्रदेश सहितकेर संविधान जारी करबाक सहमति भेलाक साथे तिवारी ओकरा जरेबाक चेतावनी देलनि। पार्टीक अध्यक्ष विकास तिवारी एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करैत संविधान निर्माणक मूल सवाल रहल राज्य पुर्नसंरचना केँ मुख्य पक्ष संघीय स्वरूप निर्धारण केने बिना संविधान जारी कैल जेबाक विरोध केलनि। ओ कहला — ‘संविधान सभा सँ संघीय प्रदेशक नाम तथा सीमा निर्धारण बिना जारी भेल संविधान जरायब आर ओही दिन अखण्ड मधेश सहितक दोसर संविधानक घोषणा करब।’

चारि शीर्ष दल केर सत्ता साझेदार नेपाली काँग्रेस, नेकपा(एमाले) आर प्रमुख प्रतिपक्ष मे रहल एनेकपा (माओवादी) तथा फोरम लोकतान्त्रिक बीच संघीय स्वरूपकेँ निर्धारण बिना केने आठ प्रदेश सहितक संघीय संविधान जारी करबाक सैद्धान्तिक सहमति भेल छल। नेपाल सद्भावना पार्टी (गजेन्द्रवादी) केर अध्यक्ष तिवारी द्वारा जारी कैल गेल विज्ञप्ति मे कहल गेल अछि — ‘सहमति प्रति गम्भीर ध्यानाकर्षण भेल, हम सब स्वीकार नहि करब। जारी भेलाक संगे एकरा जरायब।’

देशक वर्तमान राजनीतिक विकासक्रम केर आधारशीला जनआन्दोलन आर मधेश आन्दोलन थीक से उल्लेख कैल विज्ञप्ति मे जनआन्दोलन तथा मधेश आन्दोलनक प्रमुख जनादेश अनुरुप लोकतान्त्रिक मोल आ मान्यता सहितक अखण्ड मधेश सहित संघीय संविधान बिनाक संविधान मुलुककेँ राजनीतिक गतिरोध आरो बेसी गहिंर बनायत सेहो उल्लेख कैल गेल छैक। लोकतान्त्रिक मान्यता अनुरुप जनसंख्यात्मक प्रतिनिधित्वक सिद्धान्त बिपरीत प्रतिनिधि सभा आ राष्ट्रिय सभा मे होयवला प्रतिनिधित्वक सन्दर्भ मे भूगोलकेँ सेहो आधार बनाओल जाय तथा राष्ट्रीय सभाक प्रत्येक प्रदेश सँ समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करबाक व्यवस्था होयत तँ मुलुक मे वर्षों सँ अधिकार प्राप्ति आर समान प्रतिनिधित्वक लेल भऽ रहल द्वन्द्वक उचित आ दीर्घकालीन व्यवस्थापन होयबाक बात अध्यक्ष तिवारी बतौलनि। चारि दल बीच भेक सम्झौताक आधार मे निर्माण होमयवला संविधान द्वन्द्व आरो बढायत आ मुलुक गृह युद्ध मे फँसि जायत। समय मे सचेत होयबाक सब पक्ष सँ आग्र करैत तिवारी अपन भावना साझा केलनि। ओ चारि दल बीच भेल सहमति संघीयताविरोधी, मधेशविरोधी हेबाक आरोप लगबैत एकरा अलोकतान्त्रिक सम्झौताक संज्ञा सेहो देलनि। एहि आधार मे बनल संविधान केँ मधेश अमान्य करत बतौलनि। ओ कहलनि जे वर्तमान संकटक घड़ी मे सम्पूर्ण मधेश केन्द्रित राजनीतिकदल आर सम्पूर्ण मधेशी जनता केँ एकजुट भऽ कय संविधान मे अखण्ड मधेश सहितक संविधान उल्लेख करेबाक निर्णायक संघर्ष लेल तैयार होवय पड़त, जाहि लेल ओ सबसँ आग्रह सेहो केलनि।