पैघ सपना पूरा होयबाक दिन थिक ५ दिसम्बर २०२०
ग्लोबल मैथिल द्वारा महाकवि विद्यापतिक जन्मस्थली विस्फी मे राखल गेल कार्यक्रम जे काल्हि ५ दिसम्बर २०२० केँ आयोजित होयत से अनेकों कारण सँ नव इतिहास बनाओत। दशकों सँ लागि रहल एक स्वाभाविक कलंक जे महाकवि विद्यापतिक नाम पर सौंसे अनघोल होइत अछि, मैथिल केर समग्र पहिचान केर द्योतक प्रतीक ‘विद्यापति’ केर नाम पर स्मृति समारोह आ मैथिल एकजुटताक विलक्षण दृश्य राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय हर स्तर पर होइत अछि, देशक राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री सँ प्रदेशक मुख्यमंत्री व अनेकानेक महत्वपूर्ण प्रोफाइल व प्रोटोकोल केँ अपन व्यक्तित्व-कृतित्व सँ प्रकाशित कयनिहार महाकवि कोकिल विद्यापति केर ताहि स्मृति पर्व मे सहभागिता दैत छथि, आब त आरो कय तरहक ‘विभूति’ केँ समेटिकय स्मृति पर्व मनबैत मैथिली भाषाभाषी – विश्वक अत्यन्त प्राचीन आ सनातन सभ्यता ‘मिथिला’ केर जीवन्त रखनिहार ‘मैथिल’ अपन समृद्धि आ सामर्थ्यक प्रदर्शन करयवला हिसाबक कृति निर्माण सेहो देश-विदेश सब तरि कय रहला अछि – मुदा एहि सब स्थान मे एकटा स्वाभाविक कलंक ओहिना लगैत छल जेना पूर्णिमाक चन्द्रमा मे पर्यन्त छेद रहबाक स्थिति सँ लगैत छैक – ओ ई जे ‘विद्यापति जन्मस्थली विस्फी’ विरान अछि, विद्यापतिक डीह पर दिनहि मे अन्हार लगैत अछि, आदि। ताहि कलंक केँ धोबाक लेल ओना त स्थानीयवासी – विस्फी निवासी, बेनीपट्टी अनुमंडलवासी आ बिहार सरकार केर कतेको मंत्री, माननीय विधायक आ सरकारी पदाधिकारी लोकनि अपना भरि कतेको प्रयास करैत आबि रहबाक दृष्टान्त सेहो भेटैत अछि – तथापि उपरोक्त कथित कलंक केँ मेटेबाक हिसाब-किताब वला कृति निर्माण एतय एखन धरि बाकी अछि। ‘ग्लोबल मैथिल’ अर्थात् विश्व भरिक मैथिली-मिथिलाक संस्थाक पदाधिकारी लोकनि, अपन नेतृत्व सँ चिन्हल गेनिहार सैकड़ों व्यक्ति लोकनिक समूह द्वारा ई संकल्प करीब १ वर्ष पूर्व लेल गेल जे मैथिली-मिथिलाक आर सब काज सँ पहिने उपरोक्त कलंक केँ मेटायल जाय – विद्यापतिक जन्मस्थली यानि विद्यापति डीह पर एकटा राष्ट्रीय स्मारक स्थल केर निर्माण कयल जाय, एकर ब्लूप्रिन्ट (नक्शा, खाका, योजना, प्रोजेक्ट, आदि) सेहो बनाकय रेड्डी हालत मे राखल गेल अछि, कतेको राउन्ड एहि पर वर्चुअल चर्चा कयल गेल अछि, कोरोनाकाल केर कारण एकरा वेबिनार धरि मात्र सीमित राखल जा सकल – मुदा आब जखन बिहार मे विधानसभा चुनाव सम्पन्न भऽ नव सरकार गठन कय लेल गेल अछि, ताहि शुभ समय यानि ५ दिसम्बर २०२० केँ ‘ग्लोबल मैथिल मीट-२०२०’ केर आयोजन होबय जा रहल अछि। एहि मीट मे बिहार सरकारक नवनियुक्त मंत्री लोकनि, माननीय सांसद व विधायक लोकनि संग-संग ग्लोबल मैथिल परिवार केर अनेकों गणमान्य नेतृत्वकर्ता यथा चेतना समिति पटना, अखिल भारतीय मिथिला संघ दिल्ली, मैथिली एसोसिएशन विराटनगर (नेपाल), झारखंड मैथिली मंच राँची, मैथिल मंच कोलकाता, शाश्वत मिथिला अहमदाबाद, मैथिली साहित्य एवं संस्कृति परिषद् मधुबनी, विद्यापति सेवा संस्थान दरभंगा, मिथिला सांस्कृतिक एवं समन्वय समिति गुआहाटी आदिक अभूतपूर्व सहभागिता मे अत्यन्त महत्वपूर्ण सम्मेलन होबय जा रहल अछि जाहि मे विद्यापतिक जन्मस्थली मे ‘राष्ट्रीय स्मारक’ निर्माणार्थ तैयार ब्लूप्रिन्ट पर सारगर्भित चर्चा होयत आ दृढसंकल्प लैत एकरा यथाशीघ्र निर्माण कराओल जायत। एहि ऐतिहासिक कार्यक्रम मे सहभागी भेनिहार अपन-अपन भाग्यक सराहना आबयवला समय मे निश्चित करता। हमहुँ बड़भागी होयब जँ पहुँचि सकब। शेष जानकी जानथि!!
हँ, लगे हाथ, अपन एक छोट रचना महाकवि विद्यापति केँ सुमिरैत समर्पित करय चाहबः
चलैत चलू
सपना तँ बस सपने होइ छै
सपनो यद्यपि पूरा होइ छै!
अपनहि टा लेल कम्मो हो से
लोकक लेल तँ निश्चित होइ छै!
सोच मात्र सद्मार्ग चलय जँ
कर्मक पथ पर टिकय जँ लोक
तखनहि भेटय संग सभक आ
वैह पूराबय वांछित भोग!
एकटा लोभ जे अपनहि भेटय
सभक हिस्सा हमहीं खाय
दोसर सोचय भूखो रहिकय
लोकक असरा पूरय भाइ!
से निःस्वार्थ आ निश्छल निश्चल
राखय केवल अर्जुन दृष्टि
नहि चितबय अलाइ-बकच केँ
कीर्ति समर्पित ईशक सृष्टि!
चलिते रहलय चलिते रहतय
युग-युगान्तर धरि प्रकृति
जन्म-मृत्यु त आओत-जाओत
द्वंद्वहीन निरपेक्ष स्वीकृति!
चलू चलू ‘प्रवीण’ मार्ग पर
कि चिन्ता जँ ईश दहिन
बात बुझू बस हुनक भावसँ
जिनगी सफल होयत एक दिन!
हरिः हरः!!