१५ अक्टूबर २०२० – संतोषीक जन्मदिन विशेष
मैथिली भाषाक युवातुरक सिद्ध कवि संतोष कुमार संतोषी केर जन्मदिन पर प्रवीण शुभकामना


सिद्ध कवि कियैक कहलहुँ, कियैक त अहाँक लेखनी आ वाचन दुनू आम जन केर वास्ते श्रव्य आ शोष्य दुनू अछि। सीधे हृदयक तार केँ छुअय वला रचना! ‘धुत! पगली कहलों ने…’ – अरे कि अंदाज में लिखल करैत छी!
जिनका सुनय में हमरे टा नहि, लाखों करोड़ों श्रोता केँ निश्चित नीक लगतनि, सन्देश भेटतन्हि, भाषाक मिठास आ महत्व पता लगतनि, गर्व हेतनि जे हमर भाषा मैथिली कतेक समृद्ध अछि। नमन अहाँक सृजनयात्रा केँ, कम समय मे अहाँ सँ जतेक प्रेरणा भेटल मैथिल पाठक आ श्रोता केँ हास्यरस, वीररस, यथार्थ वर्णन आ आलोचना आदि में, बहुत कम लोक देखेला एतेक प्रभावशाली। बढैत चलू, बढैत चलू, लिखब धरि जारी राखू, प्रत्येक शनि केँ 1 घन्टा लाइव आयल करू।

हम त कहब जे ‘खचरैहि प्रसंग’ सेहो कहियो वाचन करू। गप देत भारी आ हगत बीच रोड पर तेहनो अपाटक केँ अहाँक रचना सँ जीवन सुधारबाक अवसर भेटत। जिवन्त साहित्य सेहो हम एकरे मानैत छियैक, कियैक त यैह सभक लेल उपयोगी अछि। छोट छोट हैंडी बुक्स केर रूप में अहाँक पोथी खूब बिकायत। एक बेर प्रयास कय के देखू। कविता, कथा, सब किछु जिवन्त आ वर्तमान समाज केँ आईना देखाबय वला लिखैत छी। अहाँक एक एकल कविता पाठ करेबाक लालसा अछि हमरा, जहिया समय दी विराटनगर!

पुनः शुभकामना!











हरि हर!!