मिथिला संस्कृति आर परम्परा सत्संग सम्पन्न

काठमाडौँ, १ भाद्र । मैथिली जिन्दाबाद!!

 
सहृदयता समाज नेपालक आयोजनामे मिथिला संस्कृति आर परम्परा विषयक सत्संग सम्पन्न भेल अछि । मिथिला संस्कृति आर परम्पराक मौलिक दर्शन तथा चिन्तन-धाराक लौकिक अभ्यास कयल जेबाक बात उजागर करैत सहभागी लोकनि एकर संरक्षण आर प्रवर्धन करबाक विन्दु पर जोर देने रहथि ।
 
कार्यक्रमक प्रमुख वक्ता मिथिला साहित्य कला परिषदक अध्यक्ष देवेन्द्र मिश्र कहलनि जे मिथिला मे शिक्षा, संस्कृति आर चिन्तन परम्पराक केन्द्रमे रहल गौरवमय इतिहास रहल अछि । ओ मिथिला संस्कृति वेदक विचारकेँ व्यवहार करबाक परम्परापर आधारित रहबाक विन्दु पर प्रकाश देलनि । मिथिला संस्कृति आस्तिक परम्परा रहल उल्लेख करैत छठि, जीतिया, जुड़िशीतल लगायतक पाबनि कृषि आधारित व प्रकृति मैत्री होयबाक बात बतेलनि । मिथिला संस्कृतिक प्रभाव सम्पूर्ण भारतवर्षमे रहबाक उल्लेख करैत ई विश्व निधि होयबाक उल्लेख सेहो कयलनि । मिथिला संस्कृति लोप होयबाक चिन्ता व्यक्त करैत मिश्रद्वारा मिथिला संस्कृति बचेबाक लेल एकर मर्मकेँ कायम करैत समय अनुकूल परिष्करण करैत आगू बढय पड़त ताहि पर जोर देलनि ।
 
आयोजक संस्था सहृदयता समाज नेपालक संरक्षक तथा जरो किलो महाअभियानक संकल्पकर्ता युगद्रष्टा डा. निर्मलमणि अधिकारी द्वारा विविधता होयब आर विविधता बीच सहृदयता कायम करब हमरा लोकनिक मौलिक पद्धति थिक कहलनि । मिथिला संस्कृति आ सभ्यता नेपालक प्रचीनतम् व अग्रणी संस्कृति होयबाक उल्लेख करैत एकर संरक्षण तथा प्रवर्धनसँ नेपालक मौलिकता मजबूत होयत ओ बतेलनि । मिथिला संस्कृतिक रक्षाक लेल मिथिला समुदाय केर लोककेँ प्राथमिक रूपमे जागरुक होबय पड़त आर जरो किलो महाअभियान एहि लेल सदिखन तत्पर रहत से वचनबद्धता जतेलनि ।
 
कार्यक्रमकेँ सम्बोधन करैत मैथिली एसोसिएशन नेपालक अध्यक्ष प्रवीण नारायण चौधरीद्वारा सांस्कृतिक पहिचानमे भोट बैंकक राजनीति हावी होयबाक कारण द्वन्द्वक अवस्था आयल कहलनि । मधेश मात्र मिथिला छी से भ्रम रहबाक चर्चा करैत हिमाल सँ गंगा धरि आर कोसी सँ गण्डकी धरि मिथिलाक विस्तारक शास्त्रीय प्रमाण रहल तथ्य उल्लेख कयलनि । मिथिला षड्दर्शनक उद्गगम स्थल रहल कहैत एहि भितर सब सम्प्रदाय आर समुदाय अँटल उल्लेख कयलनि । वर्तमान समयमे देखल जा रहल दहेज प्रथा भौतिकवादी सोचक उपज थिक उल्लेख करैत ओ कहलनि जे ई मौलिक मिथिला संस्कृति सम्मत नहि अछि ।
 

अन्तरराष्ट्रीय नेपाली साहित्य समाज कतारक विन्देश्वर ठाकुर युवा पीढीमे मौलिकता प्रति रुचि घटनाय आर विदेशी संस्कृति प्रति लगाव बढब चिन्ताजनक अवस्था छी कहलनि । समाजसेवी मीना झा द्वारा मिथिला सभ्यताक व्याप्ति आर एकर महत्व नव पुस्ताकेँ बतेबाक जरूरत पर जोर देलनि । याज्ञवल्क्य, गार्गी, अष्टावक्र, जनक, सीताक संग गौतम, जैमिनी, बुद्ध व विद्यापतिक भूमि होयबाक बात नव पुस्ताकेँ गर्व करबाक बोध करेबाक विन्दु पर सेहो ओ जोर देलनि । संस्थाक अध्यक्ष बलराम प्रजापतिक सभापतित्वमे सम्पन्न कार्यक्रममे अर्चना झा, शंकर ठाकुर आ सहृदयता समाज नेपालक प्रदेश नम्बर २ संयोजक राजिव शाह सेहो अपन मन्तव्य रखने छलथि । सहृदयता समाज नेपाल प्रदेश नं २ केर संयोजनमे भेल ई कार्यक्रम जुम प्रविधिमार्फत सञ्चालन कयल गेल छल ।