२८ जुलाई २०२०। मैथिली जिन्दाबाद!!
प्रो. डा. रत्नेश्वर मिश्र – इतिहासविद्

मिथिलाक किछु विद्वान् देश-विदेश सब ठाम नाम कमेलनि, अपन अकूत विद्याबल आ विद्वत कृतित्व सँ एहेन व्यक्तित्व बनौलनि जे प्रतिष्ठा हुनका संग-संग चललनि – एहेन महानायक लोकनिक जीवन आ आजीवन कयल गेल अभूतपूर्व योगदान सभक चर्चा हमरा लोकनि केँ करबाक चाही।
एहने एक नाम छथि प्राध्यापक डाक्टर (प्रो. डा.) रत्नेश्वर मिश्र – अपने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय मे इतिहास केर प्राध्यापक आ विभागाध्यक्ष रहलहुँ, अपनेक द्वारा इतिहास सहित कतेको महत्वपूर्ण विषय पर एक सँ बढिकय एक व्याख्यान आ शोधालेख सब लिखल गेल अछि। अपनेक सैकड़ों कीर्ति प्रकाशित आ पठनीय अछि। वर्तमान समय अवकाशप्राप्त रहितो अपनेक विद्वत् कार्य जारी अछि। पटना विश्वविद्यालय सँ इतिहास विषय केर पढाई कएने छलाह।
मिथिलाक महान समाजशास्त्री आ कल्याणी फाउन्डेशन (दरभंगा) केर एक ट्रस्टी पं. हेतुकर झा पर लिखल अपनेक व्याख्यान पढि रहल छलहुँ – https://tiss.edu/uploads/files/First_Hetukar_Jha_Memorial_Lecture_by_Prof._Ratneshwar_Mishra_Final.pdf – संगहि अपने जेहेन महान व्यक्तित्व पर सेहो ‘फरेबी विद्वानक गिरोह’ द्वारा कइएक तरहक मानसिक आ कुत्सित अत्याचार केर कथा-गाथा जे सुनने रही सेहो मोन पड़ि रहल छल।

लेकिन, विगत किछु समय सँ जे एकटा मुद्दा हम अपन पाठक वर्ग लेल उठेने छी – सोचू कि मिथिलाक महावीर सन्तान सब केँ उपद्रवी तत्त्व कोना-कोना फँसेबाक कुचेष्टा केलक आ प्रा. डा. रत्नेश्वर मिश्र समान सपूत केँ सेहो कोनो न कोनो आक्षेप मे – कानूनी पेंच मे फँसाकय आखिरकार पटका मारय सँ नहि चूकल ओ ‘बनावटी विद्वानक गिरोह’। हम एहि कथाक भीतर नहि जाय लेल चाहैत छी, लेकिन एतबे कहब जे मिथिलाक स्टालवार्ट – कद्दावर सपूत केँ बहुत लोक वर्दाश्त नहि कय पबैत अछि आर हुनका ऊपर थाल फेकबाक आ झूठे कलंकित करबाक प्रयास करैत अछि।
एहि प्रसंग मे ओ लोक बेसी देखल जाइछ जे नकली विद्वताक संजाल चलबैत अछि, नकल कयल गेल वस्तु मे मसाला मारिकय सोशल मीडिया सँ हल्ला-हंगामा करैत कोहुना सरकारी माल-खजाना सँ किछु भत्ता खेबाक क्षुद्र लोभ मे ओ ई बिसरि जाइत अछि जे विद्वता कखनहुँ बनावटी ज्ञान या दावी पर नहि सिद्ध कयल जा सकैछ, एहि लेल गम्भीर अध्ययन-मनन-चिन्तन केर विशेष आवश्यकता होइत छैक।
हमर मिथिलाक कतेको कद्दावर पदाधिकारी, राजनयिक, कूटनीतिज्ञ, प्रशासक, गवर्नर, वाइस चांसलर, विभागीय प्रमुख, निदेशक आदि एहेन भेला अछि जे अपन मौलिक संस्कार केर आधार पर लिक सँ हँटियोकय देशक हित करबाक लेल कड़ा-कठोर निर्णय सब कयलनि। हुनकर काज सँ सामान्यतया लोकप्रियता बढैत छन्हि, लेकिन ओत्तहि एकटा खास गिरोह टांग घिचय लेल आ चरित्र हत्या करय लेल आतुर सेहो रहैत अछि। दिन या राति, चौबीसो घन्टा ओकर दिमाग मे खुराफात टा चलैत छैक। किछु कारण सँ हम ओहि खुराफातक कथा आइ नहि लिखब… बस विषय केँ छुअबैत अपन मिथिलाक ओहेन-ओहेन सपूतक कथा-गाथा अपन पाठक धरि पहुँचायब। आगाँ अपन पीढी एहि सब लेल सजग रहत, यैह मूल ध्येय अछि।
रत्नेश्वर बाबू सनक प्रतिष्ठित सपूत पर मुकदमा
मिथिला युनिवर्सिटी ट्रेनिंग कालेज के इन्क्वायरी मे गेल रहथि। अपन रिपोर्ट देलखिन। हिनका ऊपर आरोप लगाओल गेलनि जे गलत इन्क्वायरी कयलाह। बीएड ट्रेनिंग कालेज मे कयल गेल बहाल व अन्य आवश्यक सुविधा आ पूर्वाधार आदिक मादे हिनकर रिपोर्ट पर चुगलखोरी आ ट्रैपिंग करा आखिर हिनका पटकय मे उपद्रवी समूह सफल भेल। शिकायतक बाद फेर सँ इन्क्वायरी भेल त हुनकर रिपोर्ट सँ जे सब बहाल भेल रहथि हुनका टर्मिनेट कयल गेल आर रत्नेश्वर जी केँ ओहि साल सस्पेन्ड कय देल गेलनि, रिटायरमेन्ट सँ किछु माह पूर्व हुनकर सस्पेन्सन रिवोक भेलनि आर केस एखनहुँ धरि चलि रहल छन्हि कोर्ट मे।
यैह दुर्भाग्य छैक हमरा बुझने! जे आगू बढय ओकरा कोहुना छिटकी मारिकय खसाउ!! आर, अपन अनाचार-कदाचार-भ्रष्टाचारक गिरोह केँ पल्लवित-पुष्पित राखू!!! शेष फेर बाद मे!!
हरिः हरः!!