२६ जुलाई २०२०, मैथिली जिन्दाबाद!!
बीतल शुक्र दिन विराटनगरक सर्वथा प्राचीन आ प्रसिद्ध मोरंग कैम्पस केर परिसर मे नवनिर्मित विज्ञान भवनक उद्घाटन कयल गेल अछि। ई भवन भारत सरकार केर सहयोग सँ बनायल गेल अछि। एकर उद्घाटन पर भारतीय राजदूतावास द्वारा जारी विज्ञप्ति अनुसार कहल गेल अछि जे एकर उद्घाटन राजदूतावास, जिला समन्वय समिति मोरंग एवं कैम्पस मैनेजमेन्ट कमिटी द्वारा संयुक्त रूप सँ वीडियो कन्फ्रेन्सिंग केर मार्फत सँ कयल गेल। नेपाली रुपैया ४.४३ करोड़ राशिक सहयोग जिला समन्वय समिति मोरंग केर मार्फत भारत सरकार केर तरफ सँ प्रदान कयल गेल अछि।
विदित हो जे उपरोक्त सहयोगक रकम High Impact Community Development Project (HICDPs), जे पूर्व मे Small Development Project केर नाम सँ जानल जाइत छल, भारत-नेपाल द्विपक्षीय पहल जे जमीनी स्तरक पूर्वाधार केँ विकसित करबाक लेल उपयोग होइत आयल अछि, एहि परियोजनाक तहत भारतीय राजदूतावास केर मार्फत जिला समन्वय समिति मोरंग केँ परियोजना लागू करयवला निकाय मानि देल गेल अछि। शिक्षा, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, पेयजल आ सफाई, स्वरोजगार प्रशिक्षण, मेडिकल कैम्पस आदिक क्षेत्र मे भारत द्वारा निरन्तर २००३ सँ काज होइत आबि रहल अछि। एखन धरि ४२२ HICDPs, कुल ७७ जिला मे लगभग ८०० करोड़ रुपयाक लगानी सँ कयल गेल अछि।
१९५५ ई. मे स्थापित मोरंग कैम्पस त्रिभुवन विश्वविद्यालय अन्तर्गत प्रदेश १ केर सब सँ पैघ शिक्षण संस्थानक रूप मे जानल जाइछ। एतय दुइ तल्ला विज्ञान भवन जाहि मे कुल १७ क्लासरूम, प्रयोगशाला, स्टोर्स आ छात्र एवं छात्रा सभक लेल अलग-अलग सैनिटेशन सुविधा दुनू तल्ला पर बनायल गेल अछि। एकर लाभ लगभग ७ हजार अन्तर-स्नातक छात्र सभ केँ भेटतैक। विदित हो जे एहि कैम्पस सँ बहुतो नामी-गिरामी व्यक्तित्व लोकनि पढाई कएने छथि जाहि मे वर्तमान राष्ट्रपति महामहिम विद्यादेवी भंडारी सेहो एक थिकीह।
कैम्पस प्रमुख बाबूराम तिमिल्सिना एहि भवनक उद्घाटन पर प्रशंसा करैत बजलाज जे फैकल्टी, छात्र-छात्रा आ ओ स्वयं विश्व परिवारक छात्र थिकाह आर भारतीय लोक केर एहि तरहक सहयोग नेपाल व भारतक केर ओहि प्रसिद्ध उक्ति ‘वसुधैवकुटुम्बकम्’ केँ सार्थक कय रहल अछि। एहि नव भवनक निर्माण सँ कैम्पस केर छात्र लोकनिक पठन-पाठन वातावरण मे उल्लेख्य लाभ भेटबाक अपेक्षा कयल जाइछ। भारतक लोक एवं सरकारक तरफ सँ राजदूतावास एहि परियोजना मे सहभागिताक अवसर पेबाक लेल प्रसन्नता व्यक्त कयलक। नेपाल सरकारक शिक्षा क्षेत्र मे पूर्वाधार निर्माण प्रति प्रतिबद्धताक संग भारत रहैत आयल अछि।