ई कोन नवका उपद्रव थिक अकादमीकः सन्दर्भ मैथिली भोजपुरी अकादमी दिल्ली

८ जुलाई २०२०। मैथिली जिन्दाबाद!!

वर्तमान कोरोनाकाल मे भाषा-साहित्यक अकादमिक कार्य सभा-समारोहक बदला आनलाइन वर्सन मे सम्पन्न कयल जा रहल अछि। विगत किछु समय मे नीक-नीक आयोजन आ अत्यन्त सक्रियतापूर्वक भाषा-संस्कृति-साहित्य केँ आगू बढेबाक लेल चिर-परिचित नाम “मैथिली भोजपुरी अकादमी, नई दिल्ली” द्वारा अचानक किछु घोषणा राजनीतिक स्वार्थ हित लेल कयल जेबाक आरोप मैथिली साहित्यकार लोकनि लगौलनि अछि। अकादमीक फेसबुक पेज द्वारा जारी कयल गेल एक सूचना पर ई विवाद काफी चर्चित भऽ रहल अछि।

मैथिली भोजपुरी अकादमीक फेसबुक पेज द्वारा जारी सूचनाः

लिंकः https://www.facebook.com/maithilibhojpuriacademy/posts/706638386566694

मैथिली-भोजपुरी अकादमी, दिल्ली सरकार के आदरणीय श्रोता/दर्शक/साहित्यकार/कलाकार/रंगकर्मी बंधुओं,

नमस्कार

जैसा कि आप सबको विदित है,  covid19 के इस सबसे दौर में उपजी परिस्थितियों में अकादमी के गतिविधियों को पूर्ववत चलाना फिलहाल असंभव दिख रहा है। इसलिए कार्यकारी समिति ने यह निर्णय लिया है कि अकादमी पूर्वांचल और बिहार के तमाम जनपदीय भाषाओं के साहित्यकारों, कलाकारों, संस्कृतिकर्मियों को अपना ऑनलाइन मंच प्रदान करेगी ताकि उन सभी जबानों में लिखने, सर्जना करने, कलाकर्म करने वाले सभी सम्मानितों को लाइव के जरिये व्यापक जनसमूह तक पहुँचाया जा सके। मैथिली-भोजपुरी के तमाम कार्यक्रम भी पूर्ववत चलते रहेंगे।

इस सम्बंध में आपके सार्थक सुझावों का स्वागत रहेगा ताकि हम अकादमी के कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों की बेहतरी के लिए सार्थक और रचनात्मक फेर-बदल कर सकें और इस वर्चुअल प्लेटफॉर्म का सकारात्मक ढंग से अत्यधिक विस्तार भी हो सके।

अपना स्नेह बनाये रखें ।

सादर
कार्यकारी समिति
मैथिली-भोजपुरी अकादमी
दिल्ली सरकार

उपरोक्त सूचना मे प्रयुक्त शब्द ‘पूर्वांचल और बिहार के तमाम जनपदीय भाषाओं’ सँ ई स्पष्ट भऽ रहल अछि जे दिल्ली मे विभिन्न राजनीतिक दल द्वारा अपनायल गेल वोटबैंक बनाबयवला गैर-संवैधानिक शब्द प्रयोग करैत केवल राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि लेल एकटा शिगूफा छोड़ल गेल अछि। संगहि अकादमीक निहित उद्देश्य अनुसार मैथिली आ भोजपुरी भाषा सँ इतर भाषाक तुष्टिकरण करैत भाषाक नाम पर एकटा राजनीति चलेबाक नव चाइल चलि रहल अछि। दिल्ली राज्य अन्तर्गत मैथिली भाषाभाषी एवं भोजपुरी भाषाभाषी लेल बनाओल गेल अकादमी केर तरफ सँ बिहार आ पूर्वांचल केर नाम पर विभिन्न जबान आ साहित्यकार-कलाकार केँ समेटबाक नियार वर्तमान कार्यसमिति कोन आधार पर कयलक ई पैघ सवाल सेहो उठि रहल अछि। बकौल विरोध कयनिहार साहित्यकार एवं भाषा अभियन्ता अकादमीक एहि तरहक राजनीतिक स्वार्थक मनसा सँ कयल गेल घोषणाक विरोध मे विभिन्न कार्यक्रम करबाक योजना बनायल जेबाक जानकारी सेहो स्रोत सँ प्राप्त भेल अछि। जानिबुझिकय मैथिली आ भोजपुरी भाषाभाषी मे विद्वेष भावना पसारबाक लेल तथा पहिने सँ विवादित अंगिका, बज्जिका आदि मैथिलीक बोली केँ मैथिलीक विरोध मे स्पेस देबाक काज जे अकादमी कय रहल अछि एहि लेल कियैक नहि उचित याचिका दाखिल कय मैथिली-भोजपुरी केँ टुकड़ा-टुकड़ा करबाक षड्यन्त्र बुझि बचेबाक कार्य कयल जाय ईहो जनतब विरोध कयनिहार मैथिली साहित्यकार लोकनि कहि रहला अछि।

मैथिली भोजपुरी अकादमीक वेबसाइट पर मौजूद उद्देश्य निम्न प्रकारक अछिः

लिंकः http://artandculture.delhigovt.nic.in/wps/wcm/connect/doit_art/Art+Culture+and+Language/Home/Maithili-Bhojpuri+Academy/objectives

  • दिल्ली की भाषाई संस्कृति के अनिवार्य अंग के रूप में मैथिली-भोजपुरी भाषा एवं साहित्य का परिरक्षण एवं अभिवृद्धि करना।
  • मैथिली-भोजपुरी के मौलिक साहित्यिक एवं शैक्षिक रचनाओं को प्रोत्साहित एवं प्रकाशित करना तथा बच्चों के लिए भी पुस्तकों का प्रकाशन करना,
  • जिन साहित्यिक वैयक्तिक एवं अन्य रचनाओं का अब तक मैथिली-भोजपुरी में अनुवाद नहीं किया गया है, उनके मैथिली-भोजपुरी में अनुवाद की व्यवस्था करना,
  • मैथिली-भोजपुरी के संदर्भ ग्रन्थों की रचना एवं उनका प्रकाशन करना,
  • पुराने मैथिली-भोजपुरी साहित्य की समुचित सम्पादित पाठ्य पुस्तकों का प्रकाशन करना,
  • अब तक प्रकाशित श्रेष्ठ रचनाओं को मैथिली-भोजपुरी में प्रकाशित करना,
  • मैथिली-भोजपुरी के सुयोग्य लेखकों को रचनाओं के प्रकाशन में सहायता करना,
  • पिछले एक वर्ष में मैथिली-भोजपुरी की प्रकाशित रचनाओं के लेखकों को पुरस्कृत करना,
  • मैथिली-भोजपुरी के बुजुर्ग एवं जरूरतमंद लेखकों को प्रतिमाह वित्तीय सहायता प्रदान करना,
  • मैथिली-भोजपुरी के अध्येताओं को उच्च अध्ययन के लिए विनिर्दिष्ट समय के लिये वित्तीय सहायता सहित अन्य सुविधायें प्रदान करना
  • व्याख्यान देने के लिऐ अग्रगण्य विद्वानों एवं अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों को आमंत्रित करना,
  • सेमिनार, विचार गोष्ठी, सम्मेलन एवं साहित्यिक बौद्धिक प्रकृति की अन्य सभाओं का आयोजन करना तथा अन्य बातों के साथ-साथ विष्व साहित्य की प्रवृत्तियों के परिप्रेक्ष्य में मैथिली-भोजपुरी से संबंधित समस्याओं पर चर्चा सहित मैथिली-भोजपुरी पढानें एवं उसके प्रयोग के लिये सुविधायें जुटाना तथा इसी प्रकार के कार्यो में संलग्न विभिन्न साहित्यिक एवं सांस्कृति संगठनों को ऐसे प्रत्येक मामले में अधिकतम पांच सौ रूपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए उपर्युक्त लक्ष्य के अनुसरण में सरकारी आदेशों का कार्यान्वयन करना,
  • मैथिली-भोजपुरी में उच्च स्तरीय पत्र पत्रिकाओं तथा इसी प्रकार के अन्य प्रकाशनों की व्यवस्था करना,
  • इन नियमों के अधीन प्रकाशित सामग्री की बिक्रि की व्यवस्था करना,
  • अकादमी के लिए चल एवं अचल सम्पति का अधिग्रहण करना बर्शते कि अचल सम्पत्ति के मामलों में अधिग्रहण के लिये दिल्ली सरकार का पूर्व अनुमोदन प्राप्त किया गया है,
  • सरकारी आदेशों के कार्यावयन की कठिनाइयों के साथ ही मैथिली-भोजपुरी की पढाई एवं उसके प्रयोग से संबंधित मैथिली-भोजपुरी भाषियों की मांग की ओर दिल्ली सरकार का ध्यान आकर्षित करना,
  • उपर्युक्त उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए इस प्रकार के समस्त वैधानिक कार्य करना एवं वैधानिक कदम उठाना,
  • सोसायटी की समस्त आय को सोसायटी के उद्देश्यों एवं लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये इस्तेमाल करना,
  • मैथिली-भोजपुरी अकादमी के प्रशासनिक विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किये जाने वाले आदेशों/निदेशों के अनुपालन को सुनिश्चत करना।

ध्यानपूर्वक देखल जाय तँ उपरोक्त निहित उद्देश्य मे सँ बामोस्किल १०% उद्देश्य केर पूर्ति ईमानदारीपूर्वक कयल जाइछ, बाकी सिर्फ आ सिर्फ दिल्ली सरकार केर संचालक सत्ताधारी राजनीतिक दल केर स्वार्थ कोन विन्दु पर काज कयला सँ पूरा होयत ताहि पर मात्र ध्यान रहैछ अकादमीक। हालांकि उपाध्यक्ष नीरज पाठकक ईमानदार प्रयास केर सराहना अवश्य होबक चाही जे हुनकर कार्यकाल मे अकादमी काफी लोकप्रियता हासिल करैत जन-जन संग सरोकार स्थापित करय मे सेहो सफल भेल। परञ्च वर्तमान सूचना-घोषणा सँ राजनीतिक षड्यन्त्रक बोध होयब ओतबा दुखद अछि। एहि तरहक भावना आ आक्रोश प्रकट कय रहला अछि मैथिली साहित्यकार लोकनि।