सुभाषचंद्र झा, सहरसा। जुन ७, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
सहरसा जिलाक महिषी गाम सँ उदित तारा मैथिली तथा हिन्दीक मुर्धन्य साहित्यकार – अपन रचना मे क्रान्तिकारी प्रयोग लेल सुप्रसिद्ध राजकमल चौधरीक ४८म पुण्य-तिथि पर १९ जुन, २०१५ केँ विशेष समारोहक संग स्मृति दिवस मनेबाक नियार कैल गेल अछि। पूर्वी मिथिलाक सजग-समृद्ध आ सांस्कृतिक तौर पर जाग्रत भूमि सहरसा मे साहित्यिक गतिविधि केँ रेख-देख आ संवर्धन करबाक उद्देश्य सँ गठित संस्था ‘साहित्य सरोकार’ द्वारा सहरसा जिला परिषद् स्थित रेनबो मैरेज रिसोर्ट परिसरमे राजकमल स्मृति उत्सवक आयोजन कयल जा रहल अछि।
एहि समारोह मे दिन भरिक आयोजन सब अछि। प्रथम सत्र मे भारत तथा नेपाल सँ आमंत्रित विशिष्ट वक्ता लोकनिक जमघट बीच विचार-गोष्ठीक आयोजन होयत। स्व. राजकमल चौधरी केँ केन्द्र मे राखि साहित्यिक धारा केँ अविरल रूप सँ पुष्ट रखबाक विषय पर राखल गेल चर्चा मे प्रसिद्ध नाटककार महेन्द्र मलंगिया मधुबनी सँ आ बेगुसराय सँ प्रदीप बिहारी तथा रुपम झा भाग लेता। तहिना मैथिली भाषा एवं साहित्यक संग मिथिलाक सांस्कृतिक मर्यादा लेल निरन्तर समर्पित आ भारत तथा नेपाल केर मैत्री केँ प्रगाढता लेल विशेष अभियानी विराटनगर सँ प्रवीण नारायण चौधरी, सहरसाक माटिक लाल तथा समाजसेवी विद्यापति धाम केर संरक्षक आ हालहि राजनीतिक पारीक शुरुआत कएनिहार हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चाक नेता विमलकांत झा नई दिल्ली सँ, सम्मानित साहित्यकार अरुणाभ सौरभ आ भारतीय जनता पार्टीक पुर्वांचल मोर्चाक मंत्री अमरनाथ झा एवं मैथिली गीतकार विमलजी मिश्र, पुर्णियाक रेणु भूमि सँ रेणुक पुनर्अवतार आ लघु प्रेम कथाक लेखनी सहित स्वतंत्र पत्रकारिता आदि सँ राष्ट्रक सेवा करैत किसानी लेल जीवन समर्पित कएनिहार गिरीन्द्रनाथ एवं चिन्मयानंद सिंह, जमशेद पुर सँ अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषदक अध्यक्ष आ युवा नेतृत्वकर्ता अमलेश झा, कोलकाता सँ सम्मानित साहित्यकार चंदनकुमार झा आदिक मुख्य उपस्थिति मे सेमिनार केर आयोजन होयत।
सभाक दोसर सत्र मे कवि गोष्ठीक आयोजन कैल जायत जाहि मे समस्त मिथिलाक्षेत्रक गानल-मानल कवि लोकनि केँ आमंत्रिक कैल गेल अछि। मुख्य प्रस्तोताक रूप मे मिथिलाक सर्वथा प्रसिद्ध हास्य कवि डा. जयप्रकाश जनक केर सहभागिता सुनिश्चित अछि। सभाक तेसर सत्र मे प्रदीप बिहारी लिखित नाटक ‘शक्ति रुपेण संस्थिता’ केर आयोजन होयत। सभाक अन्तिम सत्र सांस्कृतिक सांझ मे मिथिला प्रसिद्ध गायक पवन नारायण एवं किरण पाठक केर प्रस्तुति होयत। आयोजन समिति मे साहित्य सरोकार केर अध्यक्ष एवं जानल-मानल पत्रकार आ मातृसंस्कृतिक मूल्य केर प्रतिबद्ध संरक्षक स्तम्भकार कन्हैया जी केर संयोजन तथा सदा-सदा लेल समर्पित सहयोगी युवा पत्रकार कुमार आशीष आ सुभाषचंद्र झा, प्रो डीएन साह, अरविन्द मिश्र नीरज, रामकुमार सिंह, स्वाति शाकम्भरी, रश्मि सहित अनेको सक्रिय कार्यकर्ता तन-मन-धन सँ तैयारी मे लागल छथि। सह-संयोजन तथा सल्लाहकारक भूमिका मे मैथिली तथा मिथिलाक गतिविधिक संग-संग मैथिली सिनेमा, साहित्य आ पत्रकारिता क्षेत्र जानल-मानल स्तंभ आ मिथिला मंचक प्रसिद्ध उद्घोषक किसलय कृष्ण स्वयं एहि आयोजनक मुख्य प्रेरणादाता छथि।
स्व. राजकमल चौधरीक प्रसिद्धि केँ एहि तरहें वृहत् रूप मे मनेबाक निर्णय एकटा विशेष चर्चाक विषय अहु लेल अछि जे विद्यापति मात्र केर समारोह सँ ऊबाउ केँ समाप्त करबाक लेल हाल मे निरंतर अन्य-अन्य कवि व विभूति लोकनिक स्मृतिगान मे सहरसा माटिक अमर रत्न राजकमल केर स्मृति हैदराबादक कवि चन्दा केर स्मृति बाद दोसर महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम राखल गेल अछि। निश्चित रूप सँ आब एकटा नव संदेश मिथिला समाज मे जा रहल अछि जे अपन हीरा बेटा व बेटी केँ स्मृति अपनहि करब तखनहि राष्ट्रीय स्तर पर हमरा लोकनिक पहिचान मजगूती पाओत।