व्यक्तित्व विशेषः मैथिली युवा सर्जक विन्देश्वर ठाकुर केर जन्मदिनक उपलक्ष्य
– प्रवीण नारायण चौधरी
मैथिली स्रष्टा विन्देश्वर ठाकुर केर जन्मदिवस पर प्रवीण शुभकामना
पृथ्वी पर अवतारक बहुत खिस्सा-पिहानी हम सब सुनैत-पढैत छी। अपनहुँ चारूदिस ताकैत छी त एहेन बहुत अवतारी लोक केँ देखैत मंत्रमुग्ध भऽ जाइत छी। एहने एक मैथिलीपुत्र अवतारी सपूत देखाइत छथि विन्देश्वर ठाकुर मे। सदिखन अपन साहित्य सृजन सँ मातृभाषा ओ मातृभूमि प्रति ईमानदार कर्तव्य निर्वहन करब हिनकर विशेषता अछि। तहिना ई अपन राष्ट्रहु प्रति ओतबे ईमानदारी सँ योगदान दैत रहैत छथि। विरोध आ विद्रोह – एहि दुनू विधा केँ साहित्यक रसधारा मे राखैत छथि, नहि कि कुतर्क आ हिंसात्मक विचार-व्यवहार मे ई कहियो देखायल हिनका मे।
मैथिलीक मानक स्वरूप मे मात्र १ सँ २% कथित उच्च जाति-समुदायक लेखन-सृजनकर्मी अग्रसर छथि – ई बात कतेको विज्ञ-सुविज्ञ सेहो बजैत देखेला अछि। हालांकि ओ स्वयं वीरतापूर्वक मैथिलीक उत्कृष्ट लेखन कार्य मे सक्षम छथि, तथापि हुनकर ई आरोप कतेको मंच सँ अबैत देखलहुँ। एहि पंक्ति मे सेहो बहुत रास नाम अछि, हम कोनो एक अथवा दुइ नाम नहि लेबय चाहब। लेकिन ‘विन्देश्वर ठाकुर’ ओहि कथित उच्च जाति-समुदायक सदस्य भले मातृ-कोखिक आधार पर नहि होइथ, बल्कि हिनकर लेखन ताहि उच्च जातिक प्रतिनिधि लेखक लोकनि सँ कतहु कम नहि, भाव बल्कि बेसी ऊँचगर कहि सकैत छी।
विन्देश्वर ठाकुर नहि केवल साहित्य सृजन मे, बल्कि सामाजिक-साहित्यिक-सांस्कृतिक अभियानहु मे अपन श्रेष्ठ योगदान लेल जानल जाइत छथि। हमर स्मृति मे अबैत अछि – मैथिलीक अभियान संचालन मे कतहु याचना कय केँ आयोजन हम कहियो नहि कयलहुँ आर ताहि अयाची आयोजन मे स्वयं योगदान लेल आगू आबि कतार देश केर दोहा मे वैदेशिक रोजगार मे कार्यरत विन्देश्वर ठाकुर सहित हिनकर आरो किछु समर्पित मित्र-सृजनकर्मी-मैथिलीप्रेमी यथायोग्य आर्थिक योगदान सेहो करैत रहला अछि। एहि तरहक स्वस्फुर्त योगदान मात्र प्रवीणक आयोजनक सम्बल होइत रहल अछि। जानकी जीक एहि असीम अनुकम्पा केँ धरातल पर उतारनिहार विन्देश्वर जी सहित ओहि समस्त योगदानकर्ता केँ हम शब्द मे धन्यवाद करी से धृष्टता होयत, बस भाव बुझू आर अहाँक सम्मान हमरा लेल कतेक उच्च अछि से बुझू।
बाकी त एहि संसार मे सहयोग त दूर विरोध आ ईर्ष्या मे आकंठ डूबल लोक कतेको भेटल हमरा, तेकरो हिसाब भगवती स्वयं करैत छथिन। एखन हमर अत्यन्त स्नेही सज्जन-संत समान भाइ विन्देश्वर केर जन्मदिन पर प्रवीण शुभकामना मार्फत एहि तरहक आशीर्वाद जरूर देथि जाहि सँ ओहि कुटिल आ दुर्जन-कुपात्र मैथिली शत्रु केँ विन्देश्वर ठाकुर समान स्रष्टा सँ सद्बुद्धि प्राप्त होइन्ह। सदिखन अहाँ प्रसन्न रही। सपरिवार अपन गन्तव्यक दिशा मे बढैत रही। धियापुता खूब पढय-लिखय आ योग्य बनिकय समाजक हित लेल कार्य करय। प्रसन्न रहू, सब केँ प्रसन्न राखू!!
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी सदा सज्जनानन्द दाता पुरारी।
चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी॥
महेश्वर भगवान् सदैव प्रसन्न रहथि, समस्त मैथिली हितरक्षक केर प्रसन्नताक योगक्षेम वहन करथि।
हरिः हरः!!
पुनश्चः संलग्न तस्वीर ओहि ऐतिहासिक क्षण केर थिक जहिया विन्देश्वर जी केँ अन्तर्राष्ट्रीय सामाजिक अभियन्ता सम्मेलन २०१६ मे ११ हजार टका (कश्यप विद्यापीठ, इनरुवाक सौजन्य सँ) पुरस्कार राशिक संग सम्मान पत्र देल गेल छल। प्रमुख अतिथि श्री विनोद बन्धुक संग फोटो मे सम्माननीय अभिभावक श्री कमलाकान्त झा, अध्यक्ष, मैथिली सेवा समिति, इनरुवा आ हमहुँ देखा रहल छी सम्मानित स्रष्टा विन्देश्वर ठाकुर जी संग!! बधाई बेर-बेर!!