खतरा त आबि गेल अछि मानव अस्तित्व पर, बचाव कोना करब?

मानवीय संसार पर खतराक संकेत
 
सर्वविदिते अछि जे हिन्दू धर्मशास्त्र विभिन्न मानवीय युग केर चर्चा करैत अछि, सतयुग, त्रेता, द्वापर आ कलियुग। युगक आदि आ अन्त केर कथा-गाथा प्रचलित अछि। विभिन्न शास्त्र आ पुराण मे युगों-युगोंक बात-विचार समाहित कयल गेल अछि। मानव संसार सदिखन प्राचीन घटना आधारित अथवा ऐतिहासिक-पुरातात्विक विषय पर अध्ययन करैत रहैत अछि। कइएक बेर खुदाइ सँ हजारों मानवक अस्थि-कंकाल एक्के ठाम भेटल जाहि सँ एना बुझायल जे कहियो कोनो भीषण महामारी मे बड़ पैघ संख्या मे मानव अपन जान गमेलक आर ओकरा सब केँ सामूहिक कब्रगाह मे अन्तिम संस्कार कय देल गेलैक। जीवनक अन्त सदिखन दुखदायी होइत छैक। मृत्यु सर्वाधिक भयावह होइत छैक। ओना त जन्म सेहो प्रसव पीड़ा जेहेन दुःखक संग होइछ लेकिन जन्मोपरान्त एकटा अलग खुशी चारूकात पसैर जाइछ। हिन्दू जीवन पद्धति मे जन्माशौच सेहो लगैत अछि जाहि समय शौचकालक अवधि भरि कोनो तरहक देवता-पितरादिक पूजा-पाठ पर्यन्त वर्जित रहैछ, ठीक जेना मृत्योपरान्त – तथापि जन्म जहिना खुशियालीक परिचायक अछि, तहिना मृत्यु दुखदायक अछि। एखन जाहि तरहें कोरोना वायरस संक्रमण सँ विश्व भरिक कइएक देश मे कोहराम मचल अछि, जाहि तरहें दिन भरि हर विषय-वस्तु मे कोरोना संक्रमण सँ उत्पन्न अजीब माहौल देखि रहल छी, ताहि मे युगक अन्त होयत की – एहि तरहक डरावना भान होबय लागल अछि।
 
आइ कतेको समय सँ सुनैत होयब जे कलियुगक अन्त समीप अछि – कहियो भयंकर भूकम्प आबिकय छगबा-पटबा कय जाइछ, कहियो महाप्रलयंकारी बाढी सँ जीव-जन्तु दहा-भसिया जाइछ, एहेन आइग लगैत आ पसरैत अछि जे जन-धन केर अपार क्षति करैत अछि, अजीब-अजीब रहस्यमयी रोग सँ मृत्युक जहपटार लागि जाइछ, एहेन तूफान प्रलय मचबैत आबि जाइत अछि जे कतेको जान केँ असमय कालग्रसित बना दैछ, ज्वालामुखी विस्फोट सँ दावानल या फेर भूस्खलन सँ मौसमक कतेको प्रकारक मारि – भयावह स्थितिक अनेकों रूप देखय लेल भेटैत अछि। तखन विश्व जतेक पैघ अछि आर एहि मे जे-जेहेन घटना-दुर्घटना खुदरा-खुदरी घटैत रहैत अछि तेकर समग्र प्रभाव एक संग समस्त मानव समुदाय पर खतरा उत्पन्न करैत विरले कहियो देखायल – जे एखन कोरोना वायरस कोविड-१९ केर संक्रमण सँ विश्व भरिक लगभग समस्त देश प्रभावित होइत देखि रहल छी। एकरा सँ बचय लेल विज्ञान हाथ ठाढ कएने अछि – बस परहेज आ रोगनिरोधी क्षमताक उपयोग मात्र बचबाक उपाय देखबैत अछि। परहेज आ रोगनिरोधी क्षमताक बरकरार राखब त ओनाहू हर समय आवश्यक कहल गेल अछि, शौच आ मार्जन केर पद्धति एहि बात केँ निरूपण करैत अछि हिन्दू जीवन पद्धति मे – तखन विशेष परिस्थिति मे बचबाक लेल सेहो यज्ञ, विशेष अनुष्ठान, मंत्र जाप, नाम जाप, कीर्तन आदिक विधान एहि समय काफी उपयोगी अछि। निश्चित युग सँ युग केँ जोड़य लेल सेहो किछु सेतु समान जीवन बचबाक बात एहि हिन्दू शास्त्र पुराण मे कहल गेल अछि। क्वारेन्टाइन आ आइसोलेसन संग सोशल डिस्टैन्सिंग पोपुलर टर्म बनबा सँ पहिने हमरा सभक धर्म, वेद, कर्मकांड लगभग सब बात केँ नीक सँ व्याख्या कएने अछि। तेकरा सेहो आजुक युग मे मनुवादी आ पुरातनवादी आदि कहिकय लोक मखौल उड़बैत छल – आशा करब जे आबो नजरि खुजत ओहेन विरोधी आ फूसिक आलोचक सभक।
 
हरिः हरः!!