साभार – श्री भरत साह केर फेसबुक स्टेटस
हाल सिमरौनगढ (मिथिलाक पूर्वकालिक एक राजधानी) मे पुरातात्विक सर्वेक्षण पूर्वक किछु विशेष अध्ययन ब्रिटिश विज्ञजनक टोली द्वारा कयल जा रहल अछि। एहि अध्ययनक क्रम मे सामाजिक-सांस्कृतिक-पुरातात्विक अध्येता व अभियन्ता लोकनि विदेश सँ आयल विज्ञजनक टोलीक संग विभिन्न सहकार्य कय रहल छथि। हुनका लोकनि द्वारा सर्वेक्षण पूर्व अध्ययन करबाक कय गोट तकनीक व तेकर उपयोगिताक बारे विवरण देबाक संग-संग सिमरौनगढ केर विभिन्न स्थान पर खुदाइ सँ कि सब भेटल वा भेटि रहल अछि ताहि सब बातक छिटफूट व्योरा सामाजिक संजाल (फेसबुक) मे राखल जा रहल अछि, संभवतः समग्र प्रतिवेदन ओ लोकनि बाद मे प्रकाशित करथि।
एक अभियन्ता भरत साह द्वारा आइ देल गेल एक अपडेट मे ब्रिटिश विज्ञटोली केँ मिथिलाक कोन खाद्य-परिकारक स्वाद ओ रुचि प्रति केहेन प्रतिक्रिया अछि से शेयर कयल गेल अछि। विदिते अछि जे नेपाल मे मिथिला, भोजपुरा, अबध, थरुहट आदि विभिन्न संस्कृति केँ समेटयवला भूभाग जे भारतक सीमा सँ लगैत अछि एकरा ‘मधेश’ कहल जाइत छैक, आर अभियन्ता भरत साह ‘मधेश मुद्दा’ पर काफी समय सँ कार्य करैत आबि रहल छथि, समाजशास्त्रक अध्ययन सँ लैत नेपालदेश मे पहिचानक संघर्ष हिनकर सेहो किछु प्रस्ताव रहलनि अछि – देखी भरत साह कि कहि रहल छथि अपन स्टेटस (अंग्रेजी) मे –
Apart from GPR and Magnetic survey of Simroungarh, we did a little bit of food survey on our British guests by serving them with some authentic Madheshi cuisines. All our foods were prepared by experts at “Indo-Nepal Hotel Simroungarh”.
These are the conclusions of our survey :
1. British guests generally liked Roti sort of things, like they loved mashed potato filled Parautha, Dal filled pooris, Chhachharua pua, Dal pithi, Dudh pua, etc
2. They were not big fans of sweet dishes, they didn’t like much of famous “Balushahi” of Rajpur-Farhadawa of Rautahat.
3.They found “Lai”, that is prepared on Khichdi (Sankranti), cumbersome to eat as they are generally huge and sticky. Although cutting them into small pieces would possibly make them more palatable.
3. In Non-veg dishes we served them with Small fish fry (Taaral Machhri), “Paani khasi”, “Jhor wala Khasi ke mans”, they mostly enjoyed them.
4. They loved Pakodas, Taruas, Baris. We served them “Kadhi Bari”, and they ranked it better than average.
5. “Paan” is not made for general British people !!
हिनका लोकनिक सर्वेक्षण अनुरूप निष्कर्ष निकालैत कहल गेल अछि जे ब्रिटिश पाहुन लोकनि केँ रोटी बेसी नीक लगैत छन्हि, आलू परोठा, दैलपूड़ी, दैलपिट्ठी, दूध-पुआ आदि एहि रोटीक श्रेणी मे रखैत भरत साह जानकारी करौलनि अछि। तहिना मिठाई केर ओ सब बड पैघ शौकीन नहि होइत छथि, ओ कहलनि। लाय (मुरलाय, चुरलाय, तिलक लाय, आदि) खाय मे दिक्कत बुझेलनि हुनका सब केँ, कारण ओकर पैघ साइज आ गुड़क पाक मे बान्हल हेबाक कारण चिपचिपा टाइप होयब बुझेलनि। मांसाहारी भोजन मे तरल छोटकी माछ, झोरायल माछ, आदि खूब नीक लगलनि। पकौड़ी, तरुआ, बरी सेहो रुचिगर बुझेलनि। बरीक कढी सेहो आर सँ नीक बुझेलनि। पान हुनका सब लेल नहि अछि, भरत साह जानकारी करौलनि अछि।
एहि वर्ष २०२० ई. केँ नेपाल राष्ट्र मे बाहरी आगन्तुक केँ एबाक वर्षक रूप मे मनायल जा रहल अछि। आब नेपाल सिर्फ काठमान्डू टा मे नहि छैक, मिथिलाक ऐतिहासिक-धार्मिक आ पुरातात्विक महत्वक विभिन्न स्थान पर सेहो बाहरी (विदेशी अतिथि) लोकनि आबथि, पर्यटन उद्योग केँ बढावा भेटय आर एहि तरहें क्षेत्रक विकास, स्वरोजगारक विकास, पर्यटकीय पूर्वाधारक विकास सब बढय, एहि लेल ई वर्ष काफी महत्वपूर्ण अछि। तहिना महत्वपूर्ण अछि भरत साह द्वारा देल गेल ई सर्वेक्षण, आब ब्रिटेन सँ यदि अतिथि लोकनि आबि रहल छथि तऽ अहाँ हुनका केहेन भोजन करेबनि तेकर मोट आईडिया एहि सर्वेक्षण सँ लागि रहल अछि। बहुत धन्यवाद सिमरौनगढक अभियन्ता लोकनि केँ!
हरिः हरः!!