कतेक जिबैया मैथिली – अहमदाबाद आयोजनक विशेषता आरो स्थान पर अनुकरण हो

अहमदाबाद मे एहि 'कतेक जिबैया मैथिली' क्वीज प्रतियोगिता होयत २ फरवरी केँ
कतेक जिबैया मैथिली
 
संलग्न सूचना-पत्र (पोस्टर) मे आगामी २ फरवरी केँ आयोजित मिथिला विभूति स्मृति महोत्सव मे होमय वला एक अति विशेष आयोजन “कतेक जिबैया मैथिली” केर नियम प्रकाशित कयल गेल अछि। अहमदाबाद केर आयोजन सँ प्रत्येक वर्ष मैथिली-मिथिला लेल एकटा नव सूर्योदय देखबाक लेल भेटि रहल अछि। पैछला वर्ष एहि ठाम आयोजित “अन्तर्राष्ट्रीय मिथिला महोत्सव” मे “उद्यमिता विकास” लेल महत्वपूर्ण वक्ताक सङ्गोर मे सेमिनार करैत उद्यमशीलता सँ मैथिल पहिचान केँ जुड़बाक सन्देश देल गेल छल। तहिना एहि बेर प्रवास क्षेत्र मे छितरिकय बसोवास करयवला मैथिल पहिचान केँ अपन मौलिकता (भाषा, संस्कृति, भूगोल आदि) सँ जुड़ल सामान्य ज्ञानक प्रचार-प्रसार लेल “कतेक जिबैया मैथिली” शीर्षक मे एकटा विशेष सत्र राखल गेल अछि। आयोजक संस्था द्वारा जारी एहि पोस्टर मे एहि सत्रक लाभ कोना आमलोक (दर्शक व सहभागी) उठा सकैत छथि से जानकारी करायल गेल अछि।
 
कियैक आवश्यक अछि एहि तरहक आयोजन
 
रोजी-रोटी आ इज्जत केर जीवन वास्ते आइ मैथिल पहिचानधारी मैथिली भाषाभाषी सेहो आर विभिन्न प्रवासजीवी समुदाय (यथा मारवाड़ी, सिन्धी, आदि) जेकाँ अपन मूल स्थान (ग्राम) सँ कटिकय दूर-दूर प्रवासक्षेत्र मे बसय लेल बाध्य भऽ गेला अछि। बहुतो दशक धरि मैथिल समुदाय सिर्फ अपन श्रम आ शक्ति सँ आजीविका कमाकय भाड़ा आदिक घर (अस्थायी निवास) मे रहिकय अपन मूल धरातल “मिथिला” केर आर्थिक विकास लेल मुंह निहारैत रहला, मुदा राजनीतिक परिवेश जखन हुनका सभक आशा पर निराशाक पानि फेरि देलकनि तखन ओ लोकनि अपन मूल गाम-ठाम सँ मोहभंग करैत अपन स्थायी आशियाना मिथिला सँ बाहरे बनबय लगलाह। आब ओहि प्रवासी मैथिल केँ अपन भाषा, संस्कृति, परम्परा, मूल्य आ मान्यता आदि सँ बहुत बेसी मोह त नहि रहि गेल छन्हि तथापि मैथिलक विभिन्न संघ, संस्था, संगठन सब एहि प्रयास मे अछि जे प्रवासी मैथिल सब केँ एहि मौलिक महत्व संग जोड़िकय राखल जाय, एहि तरहें मैथिली आ मिथिलाक भविष्य नहि पूरा त थोड़-बहुत अवश्ये जोगायल जा सकैत छैक। यैह दृष्टि-विचार संग अहमदाबाद केर आयोजक-परिकल्पक लोकनि ई महत्वपूर्ण आयोजन करय जा रहला अछि, एकर जतेक प्रशंसा होयत से कम अछि। संगहि एहि तरहक अनुकरणीय आयोजन अन्य-अन्य आयोजक लोकनि सेहो जरूर करथि ई सन्देश देबाक लेल मैथिली जिन्दाबाद विशेष ध्यानाकर्षण कय रहल अछि।
 
हरिः हरः!!