कतेक जिबैया मैथिली

कियैक आवश्यक अछि एहि तरहक आयोजन
रोजी-रोटी आ इज्जत केर जीवन वास्ते आइ मैथिल पहिचानधारी मैथिली भाषाभाषी सेहो आर विभिन्न प्रवासजीवी समुदाय (यथा मारवाड़ी, सिन्धी, आदि) जेकाँ अपन मूल स्थान (ग्राम) सँ कटिकय दूर-दूर प्रवासक्षेत्र मे बसय लेल बाध्य भऽ गेला अछि। बहुतो दशक धरि मैथिल समुदाय सिर्फ अपन श्रम आ शक्ति सँ आजीविका कमाकय भाड़ा आदिक घर (अस्थायी निवास) मे रहिकय अपन मूल धरातल “मिथिला” केर आर्थिक विकास लेल मुंह निहारैत रहला, मुदा राजनीतिक परिवेश जखन हुनका सभक आशा पर निराशाक पानि फेरि देलकनि तखन ओ लोकनि अपन मूल गाम-ठाम सँ मोहभंग करैत अपन स्थायी आशियाना मिथिला सँ बाहरे बनबय लगलाह। आब ओहि प्रवासी मैथिल केँ अपन भाषा, संस्कृति, परम्परा, मूल्य आ मान्यता आदि सँ बहुत बेसी मोह त नहि रहि गेल छन्हि तथापि मैथिलक विभिन्न संघ, संस्था, संगठन सब एहि प्रयास मे अछि जे प्रवासी मैथिल सब केँ एहि मौलिक महत्व संग जोड़िकय राखल जाय, एहि तरहें मैथिली आ मिथिलाक भविष्य नहि पूरा त थोड़-बहुत अवश्ये जोगायल जा सकैत छैक। यैह दृष्टि-विचार संग अहमदाबाद केर आयोजक-परिकल्पक लोकनि ई महत्वपूर्ण आयोजन करय जा रहला अछि, एकर जतेक प्रशंसा होयत से कम अछि। संगहि एहि तरहक अनुकरणीय आयोजन अन्य-अन्य आयोजक लोकनि सेहो जरूर करथि ई सन्देश देबाक लेल मैथिली जिन्दाबाद विशेष ध्यानाकर्षण कय रहल अछि।
हरिः हरः!!