साभारः रोहित यादव केर फेसबुक अपडेट
एकटा संतुलित आयोजन। प्रथम प्रयास। प्रयास केर सार्थकता लोक तय करथि। एहिबातक जिम्मेदारी समाज पर छोड़ि रहल। कार्यक्रम केर शुरुआत जय-जय भैरवी सँ। रचना आ रचनाकार केँ सम्मान मे, सभागारमे उपस्थित लोक ठारह रहला। पछाति सलहेश’क छवि पर माल्यार्पण, दीप-प्रज्वलन आ कार्यक्रम केर विधिवत शुरुआत।
मंच संचालन हमरहिं करबाक रहए। मंच सँ पहिनहि एहिबातक उद्घोषणा काएल – हमरा लोकनि ई आयोजन मात्र मिथिला आंदोलनमे पिछडा आ दलित’क सहभागिता पर विमर्श करब। मिथिला आंदोलन केँ हमरा लोकनि “सांस्कृतिक, भाषायी आ क्षेत्रीय” तीनू रूप केँ जोड़िक’ देखबाक कोशिश काएल।
सभ सँ पहिने श्रीमान अभिषेक देव नारायण जी अपन बात रखलनि। अभिषेक जी अपना आधा घण्टा सँ बेसी के सम्बोधन सँ भाषा, संस्कृति, लोककला, व्यापार, आ नाट्य सँ सबंधित मुद्दा पर अपन सार्थक आ संतुलित वक्तव्य रखलनि। उपस्थित वक्ता आ मिथिलावासी हिनका सम्बोधन केँ खूम सराहना केलकनि।
दोसर सम्बोधन श्रीमान बीरबल यादव केलनि। बीरबल जी राजनीति आ मिथिला राज्य आंदोलन सँ सम्बंधित मुद्दा पर अपन बात रखलनि। बात रखैत काल बीरबल जी थोड़ेक आक्रोशित लगलाह। लोकमे हिनका सम्बोधन केँ लकए मिल-जुलल प्रतिक्रिया रहलनि। उपस्थित किछू व्यक्ति हिनका वक्तव्य पर अपन आक्रोश सेहो व्यक्त केलनि।
तेसर सम्बोधन डॉक्टर श्री चंदशेखर पासवान जी केँ रहनि। डॉक्टर पासवान सेहो लोक संस्कृति, भाषा, साहित्य आ जातीय रोजगार पर अपन बात संतुलित आ गम्भीरता पूर्वक रखलनि। उपस्थित लोक हिनका संबोधन केँ खूम सराहना कएलकनि।
चारिम सम्बोधन डॉक्टर मोहम्मद आयूब राइन जी के रहनि। डॉक्टर राइन मुख्यरूप सँ दलित मुस्लिम पर शोध कार्य आ लेखन लेल जानल जाइत छथि। अपना विषय अनुरूप बात रखलनि।
पांचम सम्बोधन श्रीमान ओम प्रकाश महतो जी केँ रहनि। श्रीमान महतो सेहो अपन बात थोड़ेक आक्रोशित भ रखलनि। आंदोलन सँ प्राप्त अनुभव व सामाजिक अनुभव केँ जोड़ि’क अपन बात रखलनि। हिनका सम्बोधन सँ सेहो किछू लोककेँ असहमति भेलनि।
अंतमे अध्यक्षीय सम्बोधन लेल डॉक्टर श्री महेंद्र नारायण राम जी एलाह। सम्पूर्ण आयोजन केँ निचोड़ पर अपन मत व्यक्त करैत, उपरोक्त मुद्दा पर अपन शोधपरक बात रखलनि। अपना सम्बोधन कालमे डॉक्टर राम “मैथिली के मानक” तय करबाक प्रक्रिया पर प्रश्न सेहो ठारह कएलनि।
अध्यक्षीय सम्बोधनकेँ पछाति आमंत्रित वक्ता लोकनि केँ धन्यवाद ज्ञापित करैत हमरा लोकनि मंच पर आमंत्रित कवि ओ कवियित्री केँ स-सम्मान बैठाओल।
कविता पाठ लेल सभ सँ पहिने मुन्नी कामतजी केँ आमंत्रित काएल गेलनि। मुन्नी जी तीनटा कविता पढ़लनि। तीनू कविता पर लोक’क जोड़दार थोपड़ी बटोरलनि। ताहिकेंबाद, श्रीमान बद्रीनाथ रॉय जी कविता पाठ केलनि। श्रीमान रॉय पंचायती राज व्यवस्था पर अपन कविता पाठ केलनि। लोक’क जबरदस्त समर्थन भेटलनि।
तेसरमे सुकृता झाजी मैथिली लिखल अपन पहिल रचना पढलनि। लोक’क जोरदार समर्थन भेटलनि। सुकृता जीकेँ एहि समर्थन सँ हिम्मति भेटलनि। अंतमे सुभाष कामत अपन तीनटा आ मुरारी मालाकार एकटा कविता पढलनि, हिनका लोकनिकेँ सेहो लोक’ सँ जोरदार समर्थन भेटलनि।
अंतमे, अखिल भारतीय मिथिला संघ केर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान विजय चन्द्र झा जी, नवोदित मैथिली गायक प्रवीण यादव, पिंकी मण्डल, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कराटेमे मिथिला’क नाम रौशन केनिहारि पूजा यादव, लोक नाट्य क्षेत्रमे मिथिला’क लोक कला केँ भारतभरि मे पसारनिहार कश्यप कलम, यदुवीर भारती, नीलेश दीपक, प्रशांत मण्डल, मिथिला राज्य आंदोलनमे सक्रिय भूमिका केँ निर्वाह केनिहार श्रीमान रणजीत लाल दास, शरत झा, राम बाबू सिंह, संजीव सिन्हा आ श्रीचंद कामत लगाति उपस्थित सैकड़ो मिथिलावासी हमरा लोकनिकेँ आह्लादित कएलनि।
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हम हिंदी भवनसँ बाजि रहल छी।
रामबाबू सिंह मधेपुर
काल्हि साँझ राष्ट्रीय राजधानी दिल्लीक हिंदी भवन “सुच्चा मैथिल”क सुंदर आ सार्थक आयोजनक साक्ष्य बनल। वरिष्ठ साहित्यकार आदरणीय Mahendra Narayan Ram जीक अध्यक्षतामे मंच संचालन एहि संस्थाक सक्रिय सदस्य Rohit Yadav आ कश्यप कमलक सँग कएलाह। “मिथिला आंदोलनमे पिछड़ा/ दलित के सहभागिता” विषय पर विचार मंथन कएल गेल। मंचस्थ छलाह अभिषेक देव नारायण, Birbal Yadav, Chandrashekhar Paswan, आयूब राईन आ ओम प्रकाश महतो।
“सुच्चा मैथिल” समूहक चर्चा लगभग 5 सालसँ देखल जा रहल अछि परञ्च डेढ़ दू सालसँ मुम्बईमे आ आन आन ठाम समाजिक काजमे सहयोगी होयबाक कारण बेसी चर्चामे देखल गेलाह। आयोजनक विचार गोष्ठीक किछु प्रमुख विंदु हम एतय राखय चाहब। ताहिसँ पहिने सोसल मीडियामे “सुच्चा मैथिल” नामकेँ लSक चलि रहल विवाद पर किछु कहबाक अछि! संस्थाक नाम सुच्चा मैथिल अछि एकर माने ई नहि जे बाकी सभ खिच्चा वा लुच्चा छथि। एहि संस्थाक नाममे मैथिलकेँ सुच्चा नामक अलंकारसँ अलंकृत कएल गेल छनि आ ई बेजाए नहि अपितु सम्मानक गप्प अछि।
पिछड़ा/दलित समाजक सहभागिता मिथिला मैथिलीक प्रमुख संस्था सभसँ तँ अछोपे देखल जाएत छथि। आ तेहनमे छिड़िआएल बहुसंख्यक लोककेँ एकठाम आनब एकटा पैघ चुनौती अछि। जँ समेटबामे सुच्चा मैथिल सक्षम भेलाह तँ वास्तवमे ऐतिहासिक काज कहाओत। संस्था जँ जाति पाति धर्मक फेरासँ बाहर आबि सकारत्मकताक सँग काज करैत रहलाह तँ मिथिलाक भविष्य लेल सुखद सिद्ध भS सकैए।
मंचस्थ किछु लोकक वक्तव्य कनि बेसी हल्लुक आ आक्रोशित सेहो देखल गेल। बीरबल यादव जी हम आ हमर जातिपर अपन पूरा वक्तव्यकेँ टँगने रहलाह। एहन तरहक वाद विवादसँ एखन बचबाक बेस खगता छनि। समाजिक समरसता लेल सभ वर्गक सहभागिता परमावश्यक अछि आ से अवश्य भान रहय।
महेंद्र नारायण राम जी कहलनि जे 93 प्रतिशत लोक मिथिलाक मूल धारासँ कटले सन छथि। एकटा स्वस्थ आ समृद्ध समाज लेल जा धरि सभक सहभागिता नहि हएत ता धरि सर्वांगीण विकास असंभव अछि। आ केवल दोसरकेँ विरोध मात्रसँ सेहो कोनो नीक परिणाम नहि भेटय बला अपितु निष्ठा ईमानदारी सँग सभकेँ जोड़िकS समुचित प्रयास कएलासँ समाजमे एकटा ठमकल लोकमे परिवर्तन आनल जा सकैए। एहि आयोजनकेँ संस्थाक नाम पर नाक मुह चढाएबसँ नीक संस्थाक सोच उद्देश्यक समीक्षा करबाक चाही।
अन्तमे हम निचोड़ यएह कहय चाहब जे संस्था अपन मूल उद्देश्य पर अंगद जकाँ पएर जमौने रहथि आ जतेक एमहर ओम्हर पिछड़ा दलित छिड़िआएल छथि हुनका सभकेँ अपन खुट्टा सँग खुटेसबाक प्रयास करैत रहथि। उदार प्रवृति राखब बेस खगता अछि। उलहन उपराग उकटापैंची सभसँ दूरहि रहब। समाजिक काज सभमे अनेरेकेँ कतेको तरहक आफ़द भेटत मुदा ओकरा अपन विवेक सँग निपटाएब से हमर सदिच्छा आ ताहि मंगलकामनाक सँग आयोजनक सफल समापन हेतु सुच्चा मैथिलक समस्त कार्यकर्ता लोकनिक हार्दिक बधाई