साभारः फेसबुक पर श्री कमल मोहन चुन्नूक पोस्ट
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान – अभियाने नहि आन्दोलन सेहो
सहरसा। आइ 17 नवम्बर 2019, तदनुसार रवि दिन। सहरसाक लेल एकटा महत्वपूर्ण दिन। मुदा पहिले काल्हिक विवरण। काल्हि कॉलेज सँ डेरा आयले छलहुँ कि मित्र किसलय कृष्ण जीक फोन आयल। होटल संगम विहार अयबाक आग्रह छलनि। मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानक अभियानी लोकनि आयल छथि। तिनके लोकनि सँ भेंट-घांट छल मुख्य प्रयोजन। मुदा पंडित अजय नाथ झा शास्त्री जीक नाम सूनि उत्सुकता बेसी भेल। होटल अयलहुँ। पंडित जी सँ भेंट भेल। गपशप भेल। से नीक सँ भेल। हुनक चर्चा आ सक्रियता बड़ सुनने छलहुँ। खास क’ एहि परिप्रेक्ष्य मे जे आजुक समय मे तिरहुता लिपि केँ पुनर्जीवित करबा मे आदरणीय विनय जीक बाद हिनक अवदान अप्रतिम अछि। हिनका लोकनिक एहि अवदानक चर्च तँ हम अपन वक्तव्य सभ मे बरोबरि करैत रहल छलहुँ। 5-7 वर्ष पूर्वहि विनय जी सँ तँ दू बेर भेंट सेहो भेल छल मुदा तेना भ’ क’ एहि विषय सभ पर गपशप नहि भ’ सकल छल। आ तहिये सँ पंडित अजय नाथ झा शास्त्री जी सँ भेंट करबाक इच्छा छल। तेँ हम होटल आबि गेल छलहुँ।
होटल मे हमरा संग मित्र शैलेन्द्र शैली आ अनुजवत राहुल सेहो छलाह। सभ गोटेक बीच पंडित जी सँ जे परिचय-पात भेल आ तत्काल जे किछु हम जानि सकल छलहुँ से हिनका प्रति हमर उद्वेग बढ़ाए देने छल। जाइत काल पंडित जी आग्रह कयने छलाह जे काल्हुक योजना मे हमरा लोकनि आबी। से निश्चिते आबी।
भोरे 10 बजे होटल संगम विहार सँ स्टेशन, डी बी रोड, कुँवर सिंह चौक होइत समाहरणालय धरि एकटा शोभायात्रा निकालल गेल। सय सँ बेसीए लोक सभ संग छलाह। मिथिलाक्षरक निमित्त एहि शहर मे प्रायः ई पहिल यात्रा छल। एहि मे सहरसाक अतिरिक्त मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, भागलपुर, पटना, जमशेदपुर, दिल्ली, मुम्बई सहित अन्य कतेको शहरक अभियानी लोकनि सम्मिलित भेल छलाह। एहि शोभायात्रा मे सदति मिथिला, मैथिली, मिथिलाक्षर आदिक जयकार होइत रहल से एकटा अद्भुत दृश्य लागि रहल छल। एकटा अद्भुत बात ईहो छल जे अपन लिपि ‘मिथिलाक्षर’ ( तिरहुता)क सरंक्षण, संवर्द्धन आ प्रचार-प्रसार लेल ई एकटा समर्पित यात्रा छल।
12:30 बजे सँ दू सत्र मे पुनः एकटा कार्यक्रम छल। उद्घाटन सत्रक अध्यक्ष छलाह मैथिलीक सुपरिचित लेखक डॉ योगानन्द झा मुख्य अतिथि मणिकांत झा। संगहि अन्य वक्ता लोकनि मे छलाह हमरा सहित रामकुमार सिंह, शशि भूषण झा लोकनि। संचालन कयल किसलय कृष्ण। एहि सत्र मे मिथिलाक्षर लेखन मे उत्तीर्ण प्रतिभागी लोकनि केँ प्रमाण-पत्र देल गेलनि। संगहि सहरसा मे मैथिली लेल काज कयनिहार किछु साहित्यिक-सांस्कृतिक व्यक्ति केँ सेहो सम्मानित कयल गेल जाहि मे डॉ निक्की प्रियदर्शिनी, संजय वशिष्ठ, आनन्द कुमार झा, राजेश रंजन लोकनि प्रमुख छलाह।
वस्तुतः मिथिला-मैथिलीक निमित्त बिना कोनो लाभ-लोभ केँ काज करब बड़ कठिन काज सिद्ध भ’ रहल अछि। बेसी काल तँ एकरा आन सँ बेसी अपने लोक सँ विरोधक सामना करय पड़ैत छैक। तेहेन मे मिथिलाक्षर साक्षरताक 100 बैच पूर्ण करब स्वयमेव एकटा अभिलेख सिद्ध होइत अछि। से काज कयल जा रहल अछि पंडित अजय नाथ झा शास्त्री जी आ हुनका संग लागल किछु समर्पित अभियानी लोकनिक सत्प्रयास सँ। निश्चये ई लोकनि वन्दनीय छथि। मिथिला केँ सदति हिनका लोकनि पर गर्व रहतैक। स्थानीय सहयोगी रूप मे किसलय कृष्ण आ आनन्द कुमार झाक सहयोग प्रशंसनीय लागल छल।
हम एही सँ कृतार्थ होइत रहैत छी जे आब सहरसा मे सेहो मैथिलीक लेल बहुत किछु होइत रहैत अछि। हम कखनो आयोजक तँ कखनो सहभागीए रूप मे बरू सही।
समस्त अभियानी लोकनिक श्रम आ संघर्ष केँ अभिनंदन।