मैथिल ब्राह्मण समुदायः विवाह सँ विध भारी
– स्नेहा प्रकाश ठाकुर
अपने सब केँ बहुत आभार हमर बियाह सिरीज केँ पसंद करय लेल । हम कोसीस करब जे जतेक भ सकत जानकारी उप्लब्ध करबी । एहि क्रम में आइ हम बात करब सिद्धांत लेखन केर ।
सिद्धान्त मैथिल ब्राह्मण व आरो अन्य गोटेक जातीय समुदायक विवाह केँ कानूनी रूप सँ मंजूर करबाक सब सँ पहिल और जरूरी प्रक्रिया अछि । एहि में वरक पिता और सम्बंधी सब और कन्याक पिता और सम्बंधी सब सौराठ मे एकत्रित होइत छथि । ओतय हुनकर पंजीकार होइत छथिन जे दुनू पक्ष केर पिता तरफ़ के सात और मातृक तरफ़ के पांच पीढ़ी के गणना कय केँ ई सुनीश्चीत करैत छथिन जे वर व कन्याक परिवार मे पहिने कोनो तरहक सीधा रक्त सम्बन्ध नहि छन्हि । एहि प्रक्रिया केँ ‘अधिकार निर्णय’ कहल जाइछ । जँ कोनो तरहक सीधा रक्त सम्बन्ध ठहरि जाय तऽ प्रस्तुत कथा-वार्ता ओत्तहि टूटि जायत, विवाहक अधिकार ओहि वर व कन्या केँ नहि भेटतनि ।
अधिकार निर्णय केर बाद ओ लड़का और लडकी केर सम्बन्ध केँ अपन पंजी में अंकित कय दुनू तरफ़ के एक टा कागज पर लिखि क होबय जा रहल विवाहक सम्बन्ध केँ वैध होयबाक घोषणा करैत छथि । तहन पंजीकार किछु शुभ मन्त्रक उच्चारण करैत वर आ कन्याक वंशावली पढैत ई प्रमाणित करैत छथि जे दुनू मे कोनो भाई-बहिनक अथवा विवाह हेतु प्रतिबन्धित कोनो आओर सम्बंध नहि ठहरैत अछि । तकरा बाद वैह पंजीकार दुनू मे विवाहक निश्चय भेलाक घोषणा करैत छथिन्ह । ई विध सम्पन्न भेला पर सभ कियो सौंफ, फलाहार आ अन्य भोज्य सामग्री पबैत छथि ।
विशेष बात ई छैक जे अमुक वरक विवाह अमुक कन्या सँ निश्चय हेबाक घोषणा करयवला एहि विधि मे सभ पुरुषगण तs रहैत छथि मुदा वर आ कन्याक दरस नहि होइत छैक । मात्र वर आ कन्याक परिजनक द्वारा कयल गेल घोषणा पूर्णत: बाध्यकारी होइत छैक जेकरा तोड़ि देनाइ गम्भीर सामाजिक अपराध मानल जाइत अछि । तहन वर पक्ष और कन्या पक्ष दुनू तरफ के पिता अपन-अपन घर जाइत छथि तथा विवाहक तैयारी शुरु होइत अछि । कन्या नव वस्त्र पहिरि और अपन माता पिता संग अपन कुल देवी केँ प्रणाम करैत छथि तथा पंजीकार द्वारा लिखिकय देल गेल सिद्धांत केर कागज भगवतीक सोझाँ राखि अपन आगामी दाम्पत्य जीवनक सफलता लेल आशीर्वादक याचना करैत छथि ।
वर पक्ष में सेहो ईहे प्रक्रिया कएल जाइत अछि । गाम घरक औरत जमा होइत छथि और भगवती और भगवान केर गीत गबैत छथि, संगहि कुमार केर गीत सेहो गबैत छथि । वैह दिन सँ विवाहक तैयारी और गीतनादक प्रक्रिया प्रारम्भ भ जाइत अछि ।
मिथिला में विवाह केर पंजीकरण केर प्रथा सदियों सँ चलल आबि रहल अछि जहन कि बाकी जगह बियाहक सर्टिफ़िकेट केर बारे में सोचलो तक नहि गेल छलय । भेल न अपन मिथिला सभ सँ ऐडवांस!!