मैथिल ब्राह्मण समुदाय मे बियाह स विध भारी

लेख

– स्नेहा प्रकाश ठाकुर

मैथिल ब्राह्मण समुदाय में बियाह बाकी सब प्रान्त केर विभिन्न समुदाय स अलग होइछ । बाकी सबके बियाह त एक दिन या दू दिन में निपटि जाइत अछि मुदा हमरा (मैथिल) सबमे त कम स कम 15 दिन लगैत अछि, तकर बादो भैर साल के पाबनि तिहार केर त अन्त नहि अछि । हमर आगामी किताब केर संदर्भ में हम मिथिलाक बियाह के विध व्यवहार और हर विध के बारे में ध्यान स पढ़लौं और शोध सेहो केलहुँ । हम अपन किछ आबयबला आलेख में सब विध व्यवहार के बारे में बताबय के कोशिस करब । आशा अछि जे अपने सब केँ नीक लागत और कोनो भूल चूक लागए त बतायब जरूर ।

आइ हम बात करब खानपियन केर –

हमरा सब ओतय जहन बियाह ठीक भ जाइछ, और बियाह के तारिख निश्चित भ जाइछ तहन लड़कीबला लड़काक ओतय खाना खाइत छथि । और लड़काबला अपन सामर्थ्य अनुसार विदाई करैत छथिन । ओकरे बोलचाल के भाषा में खानपियन कहल जाइत अछि ।

आब एहि विध केर मतलब –

पहिले के जमाना में एतेक fb और whatsapp या बियाह स पहिले भेट कर के रेबाज नहि रहैक । एखनहुँ बहुत जगह बियाह स पहिले भेंट नहि होइत छैक जेना कि हमरा बेर मे कोनो भेट पहिने नहि भेल । तेँ लड़की के घर के लोक जेना कि भाय, बाप, पित्ती खेनाय खाकय पता करैत रहथि जे लड़का के घर के आचार व्यवहार केहन छन्हि । मोट चाइल त नहि छथि, ताकी ओही मुताबिक अपन बेटी केँ तैयार कय सकथि । तहिना, ओहि मे जे बेसी होशियार लोक रहैत छथि से तरेतर ईहो भाँज लगा लेल करथि जे घरक आर स्त्रीगण लोकनि सब केहन छथि । और बेटी केँ जाकय चेता सेहो देल करथि जे बड़ होशियार माइ-पितियाइन । एहि सब विध सँ आपसी प्रेम और लगाव बढैत अछि ।
अजब मिथिला और गजब एकर विध व्यवहार!!