३० अगस्त २०१९. मैथिली जिन्दाबाद!!

मैथिली साहित्य मे एकटा भागिरथ प्रयास भ’ रहल अछि। संभवत: पहिल बेर एहन युवा कथाकारक साझा संग्रह प्रकाशित भ’ रहल अछि जाहि मे मैथिलीक व्यापक भूगोल आ व्यापक समाजक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कएल जा रहल अछि। ई काज मैथिली साहित्य सम्मेलन दिल्ली क’ रहल अछि।
मैथिली साहित्य सम्मेलन द्वारा कथासम्राट हरिमोहन झा जयंती अवसर पर 18 सितंबर 2019 कें नई दिल्ली स्थित हिंदी भवन मे ‘कथा कानन’ पोथी विमोचन समारोह आयोजित कएल जाएत।
एहि समारोह संबंध मे जानकारी दैत मैथिली साहित्य सम्मेलनक अध्यक्ष संजीव सिन्हा कहलनि जे गत बरख जुलाई मास मे घोषणा कएल गेल छल जे सम्मेलन कथा पर केंद्रित पोथी प्रकाशित करत। आब ई योजना साकार रूप ल’ रहल अछि।
सिन्हा पोथी पर प्रकाश डालैत कहलनि जे एहि पोथी मे 40 बरख सं कम उमेरक 30 टा युवा कथाकारक कथा संगृहीत अछि। उक्त योजना मे एक बरख लागि गेल, कारण जे मैथिली मे समकालीन युवा कथा कम आ कविता बेसी लिखि रहल छथि।
मैथिली साहित्यक वर्तमान परिदृश्य संबंध मे ओ कहलाह जे मैथिली भाषी लोकक संख्या 7 करोड़क करीब छै आ कुल 28 जिला मे ई बाजल जाइत अछि। मुदा आइ मैथिली साहित्य सक्रियता 4-5 जिला मे भ’ रहल छै। ई चिंताक बात थिक।
सिन्हा पोथीक विशेषता मादे कहलनि जे मैथिली कथाक विकास हो, से एहि पोथीक लक्ष्य थिक। मैथिलीक व्यापक भूगोल आ व्यापक समाजक प्रतिनिधित्व कें ध्यान मे रखैत एहि पोथी मे 11 जिलाक युवा कथाकारक कथा संगृहीत अछि आ ई लेखक सभ व्यापक समाजक प्रतिनिधित्व करैत छथि।
पोथी विमोचन समारोह मे दिल्ली मे रहनिहार मैथिलीक वरिष्ठ साहित्यकार सभ कें आमंत्रित कएल जा रहल छै। शीघ्रहि एकर विस्तृत विवरण मैथिलीजिंदाबाद पर प्रस्तुत होएत।
विदित हो जे एहि कथा-संग्रहक संपादक संजीव सिन्हा आ सह संपादक रामबाबू सिंह छथि। पूर्व मे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली मे मैथिली लेखक संघ आ मैथिली साहित्य सम्मेलनक तत्वावधान मे मैथिली लिटरेचर फेस्टिवलक आयोजन कएल गेल छल आ सीतामढ़ी मे मैथिली कवि सम्मेलनक आयोजन सेहो। सम्मेलन एहि बरखक अंत मे मुजफ्फरपुर मे मैथिली कवि सम्मेलन आयोजित करबाक योजना सेहो बनएने अछि।
मैथिली भाषा-साहित्यक व्यापकता केँ अनेकों बहन्ना आ छुद्र-कुत्सित सोच सँ जाहि तरहें किछेक जिलावासीक लोक लेल बंधक बनायल गेल तेकर जहरीला असरि केँ कम करबाक वास्ते मैथिली साहित्य सम्मेलनक उपरोक्त कार्यक्रमक सफलताक शुभकामना दैत मैथिली जिन्दाबादक संपादक प्रवीण नारायण चौधरी कहलनि कि एहि तरहक आयोजनक लाभ मैथिली केँ पुनः अपन पूर्वक वृहत् विस्तृत क्षेत्र प्रदान करत। हाल जे दरभंगा, मधुबनी आ सहरसा मे मात्र किछु-किछु भ’ रहल छैक से एहि तरहक आयोजनक उपरान्त भविष्य मे आरो-आरो ठाम (जिला सभमे) भाषा-साहित्य प्रति मैथिलीभाषी मे स्फूरणा जाग्रत होयत।
मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, समस्तीपुर, बेगूसराय, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, सीतामढ़ी, भागलपुर, खगड़िया आ जनकपुरक युवा कथाकार लोकनिक कथा सब केँ समेटल जेबाक जनतब भेटल अछि, आर संपादक सिन्हा स्वयं सीतामढ़ी जिला सं छथि। उल्लेखनीय गप ईहो अछि जे विषयवस्तु, कथ्य, शिल्प आ भाषा शैली पर ध्यान दैत कथा सभक चयन कएल गेल अछि।