१७म् अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन विराटनगर मे होयत

विराटनगर, २० जुलाई २०१९. मैथिली जिन्दाबाद!!
 
प्रतिवर्ष २२ आर २३ दिसम्बर केर दिन होयवला अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन एहि साल विराटनगर मे होयत। विराटनगरक विभिन्न मैथिली भाषा-साहित्य, संस्कृति, समाजसेवी संस्था मिलिकय ई आयोजन भव्यताक संग करबाक निर्णय कयलनि अछि। एहि सँ पूर्व नेपाल आर भारतक विभिन्न स्थान मे ई आयोजन होइत एबाक जानकारी विराटनगर आयोजन समितिक संयोजक प्रवीण नारायण चौधरी देलनि। नेपाल आर भारत वाहेक अन्य देशहु सब सँ प्रतिनिधि केँ जमावड़ा करैत दुइ दिवसीय आयोजन नेपालक प्रदेश १ केर राजधानी विराटनगर मे होयत जाहि मे मिथिलाक लोकसंस्कृति झलकाबय वला झाँकी-प्रदर्शनी, कला-संस्कृति प्रदर्शनी, खान-पान प्रदर्शनी, पुस्तक मेला, फैशन शो, नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रम, साहित्यिक परिचर्चा गोष्ठी, आदि कार्यक्रम करबाक योजना अछि।
 
नव संघीय नेपाल मे सब मातृभाषा केँ राष्ट्रीय भाषाक दर्जा देल गेल अछि, लेकिन नेपालीक बाद दोसर सबसँ बेसी बाजल जायवला भाषा मैथिलीक गौरवपूर्ण इतिहास तथा समृद्ध साहित्य रहितो एहि भाषाक वर्तमान दयनीय अवस्था मे अछि। तेँ नेपाल मे नव संविधान घोषणा पछाति लगातार तेसर बेरुक अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन नेपालहि केर ऐतिहासिक स्थल सभ मे करैत मैथिली भाषाक संरक्षण, संवर्धन आर प्रवर्धनक लेल राज्यक तीनू निकाय स्थानीय तह, प्रदेश व संघीय सरकार सँ एहि पर उचित ध्यान देबाक अपील करैत रहबाक जानकारी संयोजक चौधरी करौलनि।
 
प्रदेश १ मे सेहो दोसर सर्वाधिक बाजल जायवला भाषा मैथिली रहबाक तथ्यांक अन्तिम २०६८ विसं सालक जनगणना सँ स्पष्ट अछि, लेकिन एखन धरि एहि प्रदेश १ केर वर्तमान सरकार द्वारा दोसर कामकाजी भाषाक रूप मे मैथिली केँ मान्यता प्रदान नहि करब संवैधानिक प्रावधानक अवहेलना भऽ रहल जेकाँ अनुभूति दय रहल अछि, संगहि प्राथमिक शिक्षाक माध्यम भाषाक रूप मे सेहो मैथिली सहित विभिन्न मातृभाषाकेँ अधिकार दय शत-प्रतिशत साक्षरता बढेबाक दिश कोनो तैयारी प्रदेश अथवा स्थानीय तहक सरकार सँ नहि भऽ सकबाक शिकायत राखल गेल।
 
एखन धरि एकल भाषा नीति जेकाँ एकहि गोट भाषा केँ बढावा देल जेबाक नीति क्रियान्वयन होयबाक कारण समान राष्ट्रीय भावनाक विकास नहि भऽ सकल अछि, लोकसेवा आयोग मे सेहो नेपाली वाहेक आन भाषाक विकल्प संघीय सरकार अथवा प्रदेश सरकार सँ मान्यता नहि पाबि सकबाक अवस्था अछि। एहि सब मुद्दा मे आधारित रहैत आबयवला १७म् अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलनक आयोजन प्रदेश १ केर राजधानी विराटनगर मे राखल जेबाक जानकारी चौधरी द्वारा करायल गेल।
 
एहि सँ पूर्व १५म् व १६म् आयोजन नेपालहि केर राजविराज आ जनकपुर मे आयोजित भेल छल। पर्यटनक दृष्टिकोण सँ सेहो ई आयोजन महत्वपूर्ण होयत, संगहि मिथिलाक इतिहास मे मोरंग केर अनुपम स्थान रहबाक ऐतिहासिकता केँ फेरो स्थापित करैत नेपाल व भारतक मित्रता मे मिथिलाक भूमिका महत्वपूर्ण अछि से सन्देश सहभागी प्रतिनिधि लोकनिक मार्फत आमजन सोझाँ प्रकाशित करब आयोजनक मुख्य लक्ष्य रहल अछि। विजिट नेपाल २०२० केँ सेहो प्रचारित करैत नेपालक पर्यटन, विशेष रूप सँ प्रदेश १ केर पर्यटकीय स्थल सभक सम्बन्ध मे आयोजन सँ प्रकाशित कयल जायत।
 
अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन विराटनगर मे करबाक लेल विभिन्न संस्था प्रमुख लोकनि आइ उपरोक्त विषय पर विचार-विमर्श कयलनि। मैथिली सेवा समिति, मैथिली विकास अभियान, दहेज मुक्त मिथिला, अपन विराटगढ परोपकार समाज, चित्रगुप्त समाज कल्याण परिषद्, कायस्थ समाज मोरंग सहित अन्य संस्था सभक अगुआ सहभागी भेलाह। आजुक बैठक सँ आयोजन समितिक रूप मे एक गोट तदर्थ समिति गठन कयल गेल आर ऐगला सप्ताह वृहत् विचार-विमर्श पछाति अन्य निर्णय सभ करैत विभिन्न संयोजन उपसमिति गठन कयल जेबाक निर्णय भेल। आइ सहभागी महिला केन्द्रित संस्था सभ द्वारा हुनका लोकनिक संयोजन मे खानपान प्रदर्शनी, हस्तकला-चित्रकला प्रदर्शनी आर फैशन शो केर आयोजन कयल जेबाक निर्णय कयल जेबाक जानकारी सेहो सहभागी महिला लोकनि देलनि।
 
नेपाली भाषा मे…..
 
प्रतिवर्ष २२ र २३ दिसम्बर २०१९ का दिन हुने अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन यस वर्ष विराटनगरमा हुने। विराटनगरका विभिन्न मैथिली भाषा-साहित्य, संस्कृति, समाजमा सेवा गर्ने संस्थाहरू मिलेर सो आयोजन भव्यताका साथ गर्ने निर्णय गरे। यो भन्दा अगाडि नेपाल र भारतका विभिन्न स्थानमा यो आयोजन गर्दै आइ रहेको जानकारी विराटनगर आयोजन समितिका संयोजक प्रवीण नारायण चौधरी दिए। नेपाल र भारत वाहेक अन्य देशहरूवाट समेत प्रतिनिधिहरूलाई भेला गरेर २ दिवसीय आयोजन नेपालको प्रदेश १ को राजधानी विराटनगरमा हुन्छ जसमा मिथिलाको संस्कृति झलकाउने झाँकी-प्रदर्शनी, कला-संस्कृति प्रदर्शनी, खान-पान प्रदर्शनी, पुस्तक मेला, फैशन शो, नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रम, साहित्यिक परिचर्चा गोष्ठी, आदि आयोजित गर्ने योजना छ।
 
नयाँ संघीय नेपालमा सबै मातृभाषाहरूलाई राष्ट्रीय भाषाको दर्जा दिएकोछ, तर नेपाली पछि दोस्रो सर्वाधिक बोलिने भाषा मैथिलीको गौरवपूर्ण इतिहास र समृद्ध साहित्य भएता पनि यस भाषाको वर्तमान दयनीय अवस्थामा रहेको स्थिति छ। तसर्थ नेपालमा नया संविधान घोषणा पछि लगातार तेस्रो पटक यो अन्तर्राष्ट्रीय आयोजन नेपाल कै ऐतिहासिक ठाउंहरूमा आयोजन गर्दै मैथिली भाषाको संरक्षण, संवर्धन र प्रवर्धनका लागि राज्यको तीनै निकाय स्थानीय तह, प्रदेश र संघीय सरकारसंग अपील गर्दै आइरहेको जानकारी संयोजक चौधरीले गराए।
 
प्रदेश १ मा पनि दोस्रो सर्वाधिक बोलिने भाषा मैथिली रहेको तथ्यांक पछिल्लो जनगणनावाट प्रष्ट छ, तर अहिले सम्म प्रदेश १ को वर्तमान सरकारवाट दोस्रो कामकाजी भाषाको रूपमा मैथिलीलाई मान्यता प्रदान न गरिनु संवैधानिक प्रावधानको अवहेलना भइ रहेको अनुभूति दिइ रहेकोछ, साथै प्राथमिक शिक्षाको माध्यम भाषाको रूपमा पनि मैथिली सहित विभिन्न मातृभाषालाई अधिकार दिएर शत-प्रतिशत साक्षरता बढाउने कुनै तैयारी प्रदेश अथवा स्थानीय तहमा न भएको गुनासो चौधरीले पोखे।
 
अहिले पनि एकल भाषा नीति जस्तै एउटै भाषालाई बढावा दिइ रहेको नीति क्रियान्वयन गरेको कारण समान राष्ट्रीय भावनाको विकास हुन सकेको छैन र लोकसेवा आयोगमा पनि नेपाली वाहेक अन्य भाषाको विकल्प संघीय सरकार अथवा प्रदेश सरकारवाट मान्यता पाउन न सकेको अवस्था छ। यो सबै मुद्दामा आधारित रहेर आउने १७औं अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलनको आयोजन प्रदेश १ को राजधानी विराटनगरमा राखिएको जानकारी चौधरीले गराए।
 
यस भन्दा अगाडि १५औं र १६औं आयोजन नेपालकै राजविराज र जनकपुरमा आयोजित गरियो। पर्यटनको दृष्टिकोण ले पनि यो आयोजन महत्वपूर्ण हुने, साथै मिथिलाको इतिहासमा मोरंगको अनौठो स्थान रहेको ऐतिहासिकतालाई पुनः स्थापित गर्दै नेपाल र भारतको मित्रतामा मिथिलाको भूमिका महत्वपूर्ण छ यो सन्देश सहभागी प्रतिनिधिहरूमार्फत आमजन सामू प्रकाशित गर्नु आयोजनको मुख्य लक्ष्य रहेकोछ। विजिट नेपाल २०२० लाई पनि प्रचारित गरेर नेपालको पर्यटनलाई बढाउने कार्य यस आयोजनवाट गरिन्छ।
 
अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन विराटनगरमा गर्नका लागि विभिन्न संस्था प्रमुखहरू आज उपरोक्त विषय माथि छलफल गरे। मैथिली सेवा समिति, मैथिली विकास अभियान, दहेज मुक्त मिथिला, अपन विराटगढ परोपकार समाज, चित्रगुप्त समाज कल्याण परिषद्, कायस्थ समाज मोरंग सहित अन्य संस्थाहरूका अगुआ सहभागी रहेको थियो। आजको बैठकवाट आयोजन समितिको रूपमा एउटा तदर्थ समिति गठन गरियो र अर्को सप्ताह वृहत् विचार-विमर्श पछि अन्य निर्णयहरू गर्नका साथ विभिन्न संयोजन उपसमिति पनि गठन गर्ने निर्णय भएकोछ। आज सहभागी रहेका महिला केन्द्रित संस्थाहरूले पनि आफ्नो संयोजनमा खानपान प्रदर्शनी, हस्तकला-चित्रकला प्रदर्शनी र फैशन शोको आयोजन गर्ने निर्णय गरेको जानकारी पनि सहभागी महिलाहरूले बताए।
 
हरिः हरः!!