आइ कि सब भेल ‘मैथिली-मिथिला’ मे

मैथिली-मिथिलाक ‘दिन-भैर’

७ मई २०१९. मैथिली जिन्दाबाद!!

१. दिलीप कुमार झा, मधुबनी
रायपुर (छत्तीसगढ़) आयल छी किछु नीजी काज सँ।एतय मैथिलीक जोत जगाब’बला , अपन मातृभूमिक स्मृति के संजोगि क’ राखबला “मैथिली प्रवाहिका” वार्षिक पत्रिका के संपादक मनीष कुमार झा सँ भेट भेल।बहुत अह्लादकारी रहल भेट।हिनक पूर्वज बेनीपट्टीक डूमरा गाम सँ प्रवजन क’क’ आयल छलाह।हिनका डूमरा द देखबाक बहुत इच्छा छनि।बहुतरास साहित्यकार के चर्च करैत छलाह। सर्वश्री अशोक अविचल,प्रो. दमन कुमार झा,बुद्धिनाथ मिश्र आदिक।एहि शहरमे करीब चारि हजार परिवार जे चारि सय बर्ष पहिने मिथिला सँ आबि एतय बैसि गेलाह ,एखन धरि अपना मातृभूमिक संस्कार के सहेजने छथि।बहुतरास गप भेल, संस्कृतिक बहुत बात ई लोकनि बचौने छथि।एतय राजनंदगांव,जगदलपुर आदि शहर आर गाम सभमे सेहो हजारो परिवार बसल अछि।हँ ,भाषाक स्तरपर किछु कमजोर अवश्य भेल अछि जकरा एखनुक पीढ़ी आपस करबाक उद्यम मे लागल छथि। जे गोटे पहिल पीढ़ीमे पलायन क’ दिल्ली,पंजाब वा भारतक विभिन्न कोनमे वसि रहल छथि। अज्ञानतावस मिथिलाक कोनो शहरोमे अपन भाषा छोड़ि रहल छथि, ओ लोकनि चेतथि से हमर निवेदन। भाषा के बेवहारक स्तरपर एक पीढ़ी सँ दोसर पीढ़ीमे संचरण मात्र सँ बचाओल जा सकैछ।
भाषा हमर प्राण अछि
संस्कृति हमर शान अछि।
 
२. संजय चौधरी, दिल्ली
 
” मैथिल पुत्र, मैथिली भाषा एवं संस्कृति के संवाहक, निष्ठावान, ऊर्जावान, अनुशासित आदर्श पुरुष, मृदुभाषी, समाजसेवी, मैथिली, मैथिल आ मिथिला के लेल पूर्णतः समर्पित, सबहक लोकप्रिय ‘मिथिलांगन’ दिल्ली कें संस्थापक सचिव श्री अभय कुमार लाल दास जी, २७ बरख धरि अपन निर्बाध सेवा द’ १० अप्रैल २०१९ के ब्रम्हलीन भ’ गेलाह, ५ मई २०१९ के मिथिलांगन द्वारा हुनक याद मे श्रद्धांजलि सभा के आयोजन कैल गेल। जाहि मे मैलोरंग सहित दिल्ली आ दिल्ली सँ बाहर के बहुत रास संस्था सब भाग लेलैथि आ अपन श्रद्धांजलि सन्देश पठेलैथि ….. सब कियो द्वारा हुनका स्मरण करैत हुनक आत्मा के शांति के लेल प्रार्थना कैल गेल …… एवं हुनका द्वारा देखाओल मार्ग पर सतत चल’ के संकल्प लेल गेल….. ओहि महान आत्मा केँ हमर कोटि कोटि प्रणाम आ नमन।
 
३. अक्षय कुमार चौधरी, सहरसा
 
सनातन हिन्दू समाजकेँ 7मई 2019केँ परशुराम जयन्ती केर असीम शुभकामना। सहरसा जिला ब्राह्मण हिन्दू महासभाक सौजन्यसँ स्थानीय मत्स्यगंधा काली मंदिर प्रांगणसँ एहि शुभ अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकालल जायत से सुनि बड़ खुशी भेल। भगवान परशुराम भगवान नारायण केर दशावतार में एकटा विशेष अवतार मानल जाइत छथि जे भगवान श्रीराम केर अवतरण पुर्व दुष्कर्मी, दुराचारी आओर दुष्पापी राजाक संघार हेतु अवतरित भेल छलाह। भगवान परशुराम भगवान श्रीरामे नाहैत विधर्म पर धर्म केर प्रतीक अछि। सहरसा जिला ब्राह्मण महासभा द्वारा भगवान परशुरामकेँ अपन आदर्श देव स्वीकार क जतय एक दिश अधर्म पर धर्म केर स्थापना स्थापित करैत अछि ततहि शास्त्र अध्ययन संग पराक्रमक संस्थापना हेतु सेहो आदर्श स्थापित करैत अछि। क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल, आ पराक्रम केर सांस्कृतिक महापर्व परशुराम जयन्ती केँ अपनेलोकनिकेँ बेर बेर शुभकामना। पुनः पुनः मंगलकामना।
 
४. राजीव झा
 
आज का दिन बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा। इस गरीब परिबार की लड़की को इसके बैंक मैनेजर परिवार ने जिंदा जला दिया। इस घटना का जितना निंदा किया जाए उतना कम है। आप सभी मित्रों से अनुरोध है कि इस दुर्घटना को ज्यादा लोगो तक पहुचाये। मीडिया बिना पैसे का कोई काम नही करती है। पुलिस हमेशा केश दबाने की कोशिश करती है। अपराधी पैसे के दम पर बचना नही चाहिए मैं पूरी कोशिश करूंगा आपके मदद की जरूरत है। बिहार में महिला आयोग भी टरकाने वाला है।
 
गॉव बक्शी टोला। थाना कलुआही। जिला मधुबनी।। ससुर – शुभ नारायण झा। बैंक मैनेजर स्टेट बैंक गोड्डा जिला झारखंड। पति- राहुल झा। देवर – राकेश झा। सास- कविता देवी। सब ने मिलकर आग लगाकर मारा है और बच्चे को छिपाकर डरा धमका कर दबाब में बयान भी दिलवाया हैं।
 
५. मणिकान्त झा
 
भगवान परशुराम
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अजर अमर छथि परशुरामजी
शीष झूकाकय करी प्रणाम
अक्षय तृतीया जन्म दिवस छनि
जमदग्नि ऋषि पिता के नाम।
 
विष्णु देव के छठम स्वरूपे
भरि जग मे भेलनि विख्यात
तामस हिनकर कहल ने जाए
फरसा सदिखन राखथि हाथ।
 
सतयुग शुरू हिनकहि लग सँ
महादेव के परम प्रिये
मातु रेणुका हतलनि तैय्यो
हर तप कयने परशु लिये।
 
कृपा करी हे शिवक शिष्य
विनती हमर से बारंबार
मणिकांतक नैय्या डगमग छै
अपने आबि लगाबी पार ।।
 
-मणिकांत झा, दरभंगा, अक्षय तृतीया, ७-५-१९।
 
६. डा. चन्द्रमणि झा
 
सत्य कहि देबामे असौकर्य नहि।
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5 मइकेँ साँझमे हमरा वर्त्तमान मैथिली साहित्यक कोनो अभिभावक कहलनि जे लोकक संग ओहो हमर गीतसब गबैत छथि किंतु,गीतकेँ ओ साहित्य नहि मानैत छथि।हम कहलिअनि जे हमरहु नेंगड़ा कविता कविता-सन नहि लगैत अछि मुदा,लोकक संग हमहूँ लिखैत छी।बहुत बात लोक अनकहु हेतु करैए से अपनहु गीतकेँ साहित्य मानि ली।ओहि काल त जे गप भेल से भेल किंतु,दुःख अवश्य भेल।हिन्दी साहित्यक गीतकार डॉ.बुद्धिनाथ मिश्र आइ सिरमौर भेल छथि किन्तु,मैथिली गीतकेँ ओ व्यक्तित्व केवल तुकबंदी मानैत छथि जनिका गप्फामे एहि भाषाक घेंट अछि।ओना, क्षमापूर्वक हम एक टा बात कहि दी जे जौं खिस्सा आ कि उपन्यास लिखब टा साहित्य अछि त हम एखनहु अबाध लिखि सकैत छी किन्तु,मोन बसैए गीतहि पर…लिखैत त हम सब किछु छी।
 
७. शिवमोहन झा
 
90 क दसक से पहिने मैथिल सबमे जिनका सब के 45% या ओय स बेसी मैट्रिक म नंबर अबैत रहैक त नंबर क संग घटक ऐनाय सेहो सुरु भ जाइत रहैक आ इंटर क रिजल्ट या ओहि स पहिने वियाह भ जाइत रहैक, मतलब 45% क एतेक डिमांड रहैक । आब त नब्बे पंचानबे परसेंट स मैट्रिक वाला सब के सेहो MA, पीएचडी आदि इतियादी तक इंतजार करे परैत छैक तैयो न घटक अबैत छैक न वियाह होइत छैक । नै विश्वास हुये त तारक मेहता वाला पोपटलाल क देखियौक, तकरबाद मुंबई दिल्लीसेट मैथिल बबुआ सबसे पुछि लियौक, जे केना हर लगन म कोनो न कोनो बहाना क क गाम जाइत छैथ जे केम्हरो स किनको पैरबी पैगाम पर वियाह भ जाय । ओना हमरो वियाह लगभग 13 लगन म गाम गेलाक बाद कतेक रास घुसघास आ कतेको आदमी क मुंबई दर्शन करेलाक बादे भेल छल । #घोड़ाकघास
 
८. रमण दत्त झा
 
चारि वेद मे से शुक्ल यजुर्वेद (मंत्र द्रष्टा महर्षि याज्ञवल्क्य छलाह ) क महत्व सर्वाधिक अछि । लगभग 75 प्रतिशत मैथिल शुक्ल यजुर्वेद क समर्थक छैथ ।याज्ञवल्क्य द्वारा तैयार कएल गेल संहिता, ‘‘वाजसनेयी संहिता’’ क समर्थक अधिकांश मैथिल छैथ , ओहि मैथिल क ‘‘वाजसनेयी’’ कहल जाएत अछि । हुनकर जीवन संस्कार यथा जनेउ विवाह आदि क रीति अहि संहिता क प्रावधान क अनुरूप होयत अछि । विदित हो कि याज्ञवल्क्य वाजसनेय मुनि क संतान छलाह ।
ओकर बाद दोसर वेद जे मिथिला मे महत्व रखयत अछि वो सामवेद अछि । अहि वेद क मंत्रद्रष्टा ऋषि गौतम छैथ । सामवेद पर संकलित टीका क ‘‘छन्दोग्योपनिषद’’ कहयत छै तथा अहि उपनिषद क समर्थक क ‘‘छन्दोग’’ कहल जाएत अछि । लगभग 25 प्रतिशत मैथिल छन्दोग छैथ , तथा हिनकर जीवन संस्कार यथा जनेउ विवाह आदि क रीति अहि उपनिषद् क प्रावधान क अनुरूप होयत अछि । सम्पूर्ण मिथिला क लोग क जीवन उपर्युक्त वैदिक सिद्धान्त पर संचालित होयत आबि रहल अछि रीति रिवाज, सामाजिक व धार्मिक क्रिया कलाप यथा शादी, जनेउ, पूजा, पाठ, यज्ञ आदियो ओहि सिद्धानत क अनुरूप मिथिला क जीवन मे घुल मिल के परम्परागत रूप मे मान्यता लेने , सदियों से चलि आयब रहल अछि ।
 
९. विराटनगर राजधानी भेल प्रदेश १ केर – नेपालक प्रदेश १ केर राजधानीक नाम सर्वसम्मति सँ सत्तापक्ष द्वारा देल गेल प्रस्ताव अनुरूप काल्हि ६ मई प्रदेश सभा द्वारा पास कयल गेल अछि। एहि प्रस्ताव अन्तर्गत विराटनगर प्रदेश १ केर राजधानी रहितो एहि लेल पूर्वाधार विकास विराटनगर वाहेक इटहरी तथा सुन्दर हरैंचा क्षेत्र मे सेहो रखबाक नीति अवलम्बन कयल गेल अछि। 
 
१०. देसिल वयना द्वारा हैदराबाद मे साहित्यिक कार्यक्रम – देसिल बयना (मैथिली साहित्य मंच) हैदराबाद द्वारा रवि दिन ५ मई केँ राजकमल, ललित ओ मायानन्द केन्द्रित ‘मिथिला विभूति पर्व’ केर आयोजन संपन्न भेल। जाहि मे नवारम्भ द्वारा प्रकाशित कुल चारि गोट पुस्तक केर लोकार्पण सेहो कयल गेल। श्याम दरिहरे केर ‘हमर जनम किए भेलै हो रामा’, अजित आजाद केर ‘मृत्यु थिक विचार’, शारदा झा केर ‘बीति जयबाक क्रम मे’ तथा गुंजन श्री केर ‘तरहत्थी पर समय’।
 
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हरिः हरः!!