२६ अप्रैल २०१९. मैथिली जिन्दाबाद!!

एम्हर दोसर दिश राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन केर प्रमुख राजनीतिक दल केर बीच नीक समन्वय आ समझौताक संग चुनाव पूर्व सहमतिक आधार पर सब कियो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीक अगुवाई आर हुनकहि एकल नेतृत्व केँ सर्वोपरि मानिकय देश मे एक मजबूत सरकार देबाक बात करैत चुनाव अभियान मे लागल अछि। चुनावी वातावरण मे जाहि तरहक लोकभावना देखा रहल अछि ताहि मे राजग केर पलड़ा बहुत भारी आ सचमुच मोदी लहर टा नहि बल्कि सुनामी जेकाँ होयबाक बात सच देखाइत अछि। तखन त भारतीय लोकतंत्र मे अन्डर करेन्ट नामक एकटा जिन्न सेहो होइत छैक, ओ जिन्न केर कोनो खेला-वेला एहि बेर सेहो देखा जाय आ परिणाम मे उलट-फेर भऽ जाय ई एखन कहल नहि जा सकैत अछि। लेकिन भारतक सब भाग मे राजग केर स्थिति संप्रग केर स्थिति सँ बहुत मजबूत छैक।
एहि बीच बहुत दिन सँ अटकलबाजी चलि रहल छल जे वाराणसी सँ नरेन्द्र मोदीक विरुद्ध एहि बेर कांग्रेस पार्टीक उत्तर प्रदेश प्रभारी आ पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी चुनाव लड़ि सकैत छथि। पार्टीक आधिकारिक वक्तव्य भले कहियो कतहु पुख्ता तौर पर आयल वा नहि लेकिन मीडिया मे ई अटकल कतेको बेर लगायल गेल छल। पार्टी कैडर सभक सेहो यैह इच्छा छलैक जे वाराणसी सँ नरेन्द्र मोदी केँ टक्कर देबाक लेल कांग्रेस पार्टीक मजबूत उम्मीदवारी प्रियंका गांधीक बनैत छन्हि। लेकिन काल्हि २५ अप्रैल पार्टी द्वारा एहि बातक घोषणा जे वाराणसी संसदीय क्षेत्र सँ अजय राय चुनाव लड़ता, एकरा संगहि ई अटकल पर विराम लागि गेल। ई साफ कय देल गेल जे नरेन्द्र मोदीक विरुद्ध प्रियंका गांधी चुनाव नहि लड़ती।
आब राजनीतिक समीक्षक लोकनि एहि विन्दु पर अपन विचार आ समीक्षा शुरू कय देलनि जे प्रियंका गांधी केँ चुनाव लड़बाक लेल वाराणसी सँ सीट कियैक नहि देल गेलनि। केकरो कहब छैक जे नरेन्द्र मोदीक लहरि सँ कांग्रेस पार्टीक डर केर कारण प्रियंका गांधी केँ हुनका विरुद्ध नहि लड़ायल गेल। कियो एकरा कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रधानमंत्री समान उच्च कद केर उम्मीदवारी विरुद्ध जानि-बुझिकय वाक-ओवर देबाक बात कहि रहल अछि। केकरो मानब ईहो छैक जे अमेठी आ वायनाड सँ चुनाव लड़ि रहला राहुल गांधी केर जीत दुनू सीट पर हेबाक अवस्था मे प्रियंका गांधी केँ अमेठी सँ उपचुनाव लड़ायल जेतनि।
प्रियंका गांधी अपन लड़बाक फैसला पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी पर छोड़ि देने छलीह। ओ एहि लेल तैयार छलीह। लेकिन राहुल गांधी व पार्टीक हितचिन्तक एहि जोखिम मे नहि पड़य चाहलनि। प्रियंका गांधी सँ पार्टी केँ बहुत उम्मीद छैक। राहुल गांधी जे काज स्वयं नहि कय पाबि रहला अछि से संभावना कांग्रेस पार्टीक भीतर मे एकटा पैघ तवकाक राजनीतिज्ञ प्रियंका गांधी मे देखि रहला अछि। तेहेन स्थिति मे प्रियंका गांधी केँ पहिले चुनाव मे नरेन्द्र मोदीक लहैर मे फँसेबाक जोखिम कियो लेबय नहि चाहलनि। पार्टीक रणनीतिकार केँ ई स्पष्ट छन्हि जे चुनाव मे मोदी जेहेन कद्दावर नेता सँ सामना करब सहज काज नहि छैक। मोदी टीम सँ लैत कार्य अनुभव आ राजनीतिक दृष्टि – हर बात मे प्रियंका सँ बहुत बेसी मजबूत नेता छथि। जँ प्रियंका एतय सँ हारि जेती तऽ हुनकर राजनीतिक करियर शुरू होयबा सँ पहिनहि समाप्त भऽ जायत। एहि आन्तरिक भय केर कारण वाराणसी सँ प्रियंका केँ चुनाव नहि लड़ेबाक फैसला कांग्रेस पार्टी द्वारा कयल गेल अछि।