विशिष्ट व्यक्तित्व परिचय संग सम-सामयिक विमर्श
व्यक्तित्व मे संगीतकार राजकुमार यादव, सामयिक विषय मे नाम आ सम्मान या पुरस्कार लेल समावेशिकताक अभ्यास मे समस्याक मूल कारण
गायक आ गीतकार संग गीत केँ प्रसिद्धि देनिहार व्यक्तित्व होइत छथि ‘संगीतकार’। हालहि एक महत्वपूर्ण परिचय भेटल हमरा – ओ छथि संगीतकार राजकुमार यादव। हालांकि हिनका ई शिकायत छलन्हि जे मैथिली गीत-संगीत क्षेत्र मे जखन कियो कोनो तरहक ऊँच-नीच, उत्कृष्ट-निकृष्ट, कुशल-अकुशल, नीक-बेजा आदिक प्रमाणपत्र बाँटय लगैत छथि तखन सम्मान-नाम लेल प्रस्तावित नाम मे सभक नाम कियैक नहि समेटल जाइछ। हालहि ‘युग मीडिया’ केर संचालक कुणाल ठाकुर द्वारा कयल गेल एक पोस्ट पर गोटेक संगीतकारक नाम लय ‘एक नम्बर’, ‘दुइ नम्बर’ आदि कयल जा रहल छल ओतय राजकुमार यादव अपन असन्तुष्टि बड़ा खुलिकय प्रखर आवाज मे जतेलनि। हुनकर मानब छलन्हि जे एहि सम्मान बँटनिहार केर यदि ‘चमचागिरी’ करू तखन तुरन्त अहाँक नाम सँ ‘सर्वोत्कृष्ट-उत्कृष्ट-एकनम्बर’ आदिक प्रमाण-पत्र भेटि जायत। आर जे कियो अपन काज मे निरन्तर लागिकय मैथिली भाषा, गीत, संगीत, काव्य साहित्य आदि केँ निरन्तर सृजनसेवा सँ आगू बढा रहला अछि लेकिन गूटनिरपेक्ष छथि तखन हुनकर परिचिति जानि-बुझिकय दबायल जाइत अछि।
ई आरोप सिर्फ राजकुमार यादव केर मात्र नहि, लगभग हरेक क्षेत्र मे ‘मैथिली भाषा’ केर विशाल क्षेत्र मे कार्य कय रहल विभिन्न अभियान पर लगैत अछि। चाहे ओ साहित्यिक सम्मान हो, चाहे सामाजिक योगदान लेल सम्मान हो, कोनो सम्मानक क्षेत्रक दायरा सच मे संकुचित रहि जेबाक कारण ई आरोप लागब स्वाभाविक सेहो छैक। नेपाल मे हाल किछु लोक एहि तरहें दुःखी भऽ स्वयं केँ ‘मैथिलीभाषी’ मानय तक सँ सेहो इनकार करैत ‘मगही’ वा ‘बज्जिका’ भाषाभाषी हेबाक बात करब आरम्भ भऽ गेल अछि। ताहि पर सँ राजनीति मे लागल किछु लोक एहि असन्तोषक आगि मे भाषाविज्ञानक ‘भ’ तक सँ अपरिचित रहितो अपन स्वार्थ साधय लेल अन्टक-शन्ट किछु बाजिकय आरो घी ढारिकय नेपालक दोसर सर्वाधिक शक्तिशाली भाषा केँ कमजोर करबाक – तोड़बाक काज तक करय सँ नहि चुकि रहला अछि। जखन कि वास्तविकता ई छैक जे मैथिली भाषा राज्य द्वारा उपेक्षित छैक। मैथिली भाषा मे व्यक्तिगत स्तर पर आ कतहु-कतहु राज्य केर वित्तीय सम्पोषण पर आधारित मान-सम्मान-प्रोत्साहन आदिक काज होइत छैक। जेना भारत मे साहित्य अकादमी व विभिन्न अकादमी द्वारा मैथिली भाषा सृजन क्षेत्र केर योगदानदाता केँ विभिन्न विधा मे सम्मान देल जाइत छैक, तहिना नेपाल मे नेपाल सरकार द्वारा मैथिली भाषाक संरक्षण-संवर्धन-प्रवर्धन लेल बनल अक्षय कोष सँ विद्यापति पुरस्कार आ नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान केर अलग-अलग विभाग द्वारा भिन्न-भिन्न क्षेत्र यथा लोककला, लोक गीत-संगीत, रंगकर्म, चित्रकला, आदि मे कार्यक्रम आयोजित करैत भाषा-संस्कृति-कलाकर्म केँ बचेबाक लेल मैथिली केँ अधिकार भेटैत छैक।
परञ्च मैथिली भाषा मे सृजनक्षेत्र एतेक वृहत् आ व्यापक छैक जे कोनो एक आयोजन मे सब केँ समेटब संभव नहि भऽ पबैत छैक। सरकार सेहो ओतेक गंभीर नहि बनि पबैत अछि, नहिये जेकरा सरकार ई कार्यभार सौंपैत छैक वैह बेसी गंभीर बनिकय अपन कार्यभार केँ पूर्ण समावेशिकता आ गम्भीरता सँ पूरा कय पबैत अछि। आब, एहि गम्भीरताक कमी किंवा कार्य करबाक सामर्थ्यक सीमितताक कारण ई असन्तोष दिन-ब-दिन बढिते चलि जा रहलैक अछि। निजी स्तर पर कयल गेल आयोजन मे त सहजहि जेकरा जे मोन होइत छैक, जतेक दूर धरि पार लगैत छैक, ताहि अनुसारे अपन मातृभाषा ओ मातृसंस्कृति प्रति समर्पण भाव सँ कार्य करैत अछि। आर असन्तुष्टक तुष्टीकरण लेल विरले कतहु कोनो प्रयास होइत देखाइत अछि। गोटेक लोक जातीय ओ वर्गीय तुष्टीकरण लेल विभिन्न आवाज सेहो उठबैत छथि, परन्तु ओहो संयंत्र बहुत बेसी प्रभावी नहि भऽ सकल अछि। सोशल मीडिया केर भूमिका बेसी मुखर भेला सँ धीरे-धीरे चेतनशील समाज भाषा, साहित्य, संस्कृति, कला आ सृजनकर्मक महत्व सँ बेसी परिचित बनिकय स्वस्फूर्त समाधानक दिशा मे आगू बढि रहल देखाइछ, ई नीक संकेत थिक।
आब आउ, आइ संछेप मे परिचित होइत छी राजकुमार यादव – संगीत गुरु सँः
*एखन मुम्बई मे संगीत क्षेत्र मे कार्यरत छथि।
*पूर्व मे भारतीय राजदूतावास काठमांडू मे संगीत प्रशिक्षक केर तौर पर १० वर्ष कार्य कयलनि।
*मैथिली सहित नेपाली, हिन्दी, भोजपुरी व अन्य भाषाक कइएक गीत मे संगीत देने छथि, दय रहल छथि।
*हिनकर कृत्तिक प्रकाशन अपन युट्यूब चैनल सँ होइत अछि।
*एक स्थापित संगीतज्ञक रूप मे हिनक परिचिति श्री धीरेन्द्र प्रेमर्षि द्वारा हेलो मिथिला सँ सेहो करायल गेल अछि।
*मैथिली फिल्म केर निर्माण मे विशेष रुचि छन्हि।
*हिनक विभिन्न कृत्तित्वक लाखों प्रशंसक छन्हि।
*सदिखन कला-संगीत केर सेवा मे लागल हिनका चमचागिरी करय सँ सख्त घृणा छन्हि।
*गूटबाजी केर ई मुखर विरोधी लोक आ प्रतिभा केर सम्मान मे सदिखन आगाँ छथि।
*फेसबुक पर सेहो उपलब्ध छथिः Rajkumar Yadav
विशेष बाद मे….!
हरिः हरः!!