राजनीति केर सब खेला-वेला सँ भरल अछि २०१९ केर ई भारतीय आम निर्वाचन

भारत मे मजबूत सरकार गठन लेल मतदान करबाक अपील नरेन्द्र मोदी कयलनि

१८ अप्रैल २०१९. मैथिली जिन्दाबाद!!

भारत मे संघीय सरकारक गठन हेतु २०१९ केर आम निर्वाचन चलि रहल अछि। एहि बीच एक चरण केर मतदान ११ अप्रैल केँ ९१ सीट पर सम्पन्न भेल। आइ १८ अप्रैल दोसर चरण केर चुनाव कुल ९५ सीट लेल ११ राज्य एवं १ केन्द्रीय शासित राज्य मे भऽ रहल अछि। एहि बीच सत्ताधारी राजग, विपक्ष संप्रग आ विभिन्न मोर्चा चुनाव मे अपन प्रचार-प्रसार काफी जोर-शोर सँ कय रहल अछि। भारतीय लोकतंत्र मे जाहि तरहक निर्वाचन प्रणाली निर्धारित कयल गेल तेकर चरम स्थिति आसन्न चुनाव मे देखा रहल अछि। सत्ता प्राप्तिक वास्ते मतदाता केँ अपना दिश झुकेबाक लेल धर्म, जाति, वर्ग, आदिक बातक संग जनकल्याण लेल तरह-तरह केर प्रलोभन संग चुनाव मे पैसा आ बाहुबल केर प्रयोग सब किछु अपना-अपना सामर्थ्य सँ चुनाव लड़निहार विभिन्न पक्ष द्वारा कयल जा रहल अछि। एहि बीच निष्पक्ष चुनाव करेबाक लेल स्वायत्त संस्था (निकाय) निर्वाचन आयोग एवं अन्य सरकारी संयंत्र सेहो बिना कोनो विवाद, हिंसा आ भ्रष्ट व्यवहारक स्वच्छ चुनाव करेबाक वास्ते एंड़ी-चोटी एक कएने अछि। तरह-तरह केर जाँच, छापामारी, नगदी जब्त, चुस्त प्रशासनक इन्तजाम, स्वतंत्र पर्यवेक्षण – सब किछु अपना-अपना गति सँ कार्य कय रहल अछि। प्रचार-प्रसार मे लागल सत्तापक्ष या विपक्ष एक-दोसर पर आरोप-प्रत्यारोपक झड़ी लगौने अछि। मतदाता केँ अपना पक्ष मे अनबाक तरह-तरह केर नारा एखन सब तैर चलैत देखाइत अछि।

भारत मे सब सँ बेसी मत पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित, जनजाति, आदिक हेबाक कारण खुलेआम जाति-आधारित नारा देनाय आ स्वयं केँ सत्ता मे पहुँचेनाय – ई नियति बनि गेल देखाइत अछि। ताहि पर सँ जातीय आधारित आरक्षण एहि आगि मे घी ढारबाक काज करैत अछि। सत्ता मे दोसर मुद्दा जे मतदाता केँ सब सँ बेसी प्रभावित करैत अछि ओ होइत छैक लोकलुभावना वादा – गरीबी दूर करबाक ढोल पीटब। आइ कतेको दशक सँ भारतीय राजनीति मे सब सँ आगाँ आ सत्ता संचालन मे सब सँ बेसी समय रहल पार्टी भारतीय कांग्रेस पुनः २०१९ मे एक गोट नव वादा प्रति परिवार न्युनतम आय केर भरोसा दैत ‘न्याय’ योजना मार्फत देशक २०% गरीब परिवार केँ ७२ हजार टका सालाना देबाक वादा कय केँ कतेको दशक सँ गरीबी दूर करबाक नारा केँ फेरो दोहरबैत देखाइत अछि। तहिना भारतीय जनता पार्टी द्वारा पिछला ५ वर्ष मे सिर्फ गरीब परिवार केँ आगू बढेबाक लेल आयुष्मान भारत (स्वास्थ्य), श्रमजीवी योजना (आर्थिक विकास), उज्वला (गैस चुल्हा सब परिवार लेल), जनधन योजना (सभक लेल बैंक खाता आ सरकारी लाभ सीधे खाता मे देबाक बात) सहित कतेको अन्य योजना मे किसान लेल पेन्शन, व्यवसायी लेल पेन्शन, वृद्ध लेल पेन्शन आदिक संकल्प पत्र जारी कयल गेल अछि। सभक यैह दावी जे हमर सरकार आओत त हम सब देश केँ एना आगू लय चलब, जनता केँ एना सुखी बनायब, यैह वादा आ नाराक स्थिति सगरो देखाइत अछि।

एहि बीच देश मे जम्मू-काश्मीर, सीमा पार सँ आतंकवाद, मुस्लिम तुष्टीकरण, हिन्दू धर्म विरुद्ध कतेको रास बात सँ भावनात्मक तौर पर मतदाता केँ प्रभावित करबाक नीति बनेनाय, धर्मनिरपेक्षता रहितो धर्महि केर नाम पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण आ वोट ध्रुवीकरण सहित आरो कतेको रास मुद्दा अछि जे आसन्न निर्वाचन मे मतदाताक दिमाग मे बेर-बेर घुमरैत य। हालहि पुलवामा मे भेल एक आतंकवादी हमला मे लगभग ४० गोट सीआरपीएफ जवान शहीद भेल छल, एहि हमलाक जिम्मेवारी सीमा पार पाकिस्तान सँ अजहर मशुदक अगुवाई मे कार्यरत एक धार्मिक जेहादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद लेने छल। एकर प्रत्युत्तर मे भारत सरकार द्वारा अपन तीनू जल-थल-नभ सेना केँ जबाबी कार्रबाई लेल खुला छूट देल गेल छलैक। सेना द्वारा पाकिस्तानक बालाकोट स्थित कथित आतंकी कैम्प पर एयर स्ट्राइक कय एक कड़ा जबाब देल गेलैक। पाकिस्तान आ भारत बीच युद्ध जेहेन स्थिति बनि गेलैक। पाकिस्तान सेहो प्रत्युत्तर मे अपन वायुसेनाक प्रयोग केलक। पुनः भारतीय वायुसेना ओकरा जबाब देलकैक। एहि घुड़दौड़ मे भारतक एक अभिनन्दन वर्तमान नाम्ना फाइटर पायलट पाकिस्तानक सीमा मे अपन क्षतिग्रस्त युद्धक विमान सँ बाहर होइत चलि गेल छल। बाद मे पाकिस्तान सरकार भारत सरकारक कड़ा चेतावनी आ युद्ध सँ बचबाक लेल ओकरा अपन दिश सँ शान्ति प्रस्ताव केर रूप मे रिहा कय देलकैक। ई सब घटनाक्रम ऐन चुनाव सँ पहिने होयब भारतीय मतदाता मे एकटा नव मुद्दाक जन्म देलकैक जे आखिर भारत मे सरकार केहेन हो आ आतंकवाद केँ बढावा देनिहार देश केँ केना जबाब दियए। एहि सब मे सत्तासीन एनडीए सरकार केर पूर्वक वादा मुताबिक कयल गेल कार्रबाई सँ बहुल्य मतदाता प्रेरित सेहो भेल। जाहि कारण विपक्ष केँ ई शंका भेलैक जे कहीं ई सारा घटना जानि-बुझिकय सत्ता लेल त नहि करायल गेल। एहि सब पर सेहो आरोप-प्रत्यारोप भऽ रहल अछि। भारतक भितरे विपक्ष आ कतेको नेता सेनाक कार्रबाई पर सवाल उठबैत सबूत केर मांग केलक। लेकिन सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी आ विशेष रूप सँ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओ पार्टी प्रेसीडेन्ट अमित शाह व अन्य नेतागण द्वारा एहि मुद्दा पर विपक्ष केँ मुंहतोड़ जबाब दैत सेना पर सवाल उठेबाक बात केँ सेहो एकटा मुद्दा बना देल गेल अछि।

Photo & News Courtesy: Economic Times

काल्हि महाराष्ट्रक सोलापुर मे जनसभा केँ संबोधित करैत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनता सँ भारत मे एक मजबूत सरकार केँ चुनबाक (मतदान करबाक) आह्वान कयलनि। एहि क्रम मे ओ विगत केर सरकारक कमजोरी केँ स्पष्ट करैत मजबूत सरकार केर विकल्प लेल भाजपा नीत राजग केँ सक्षम मानैत राजग (एनडीए) केर पक्ष मे मतदान करबाक आह्वान कयलनि। ओ दावी कयलनि जे हुनकर सरकार भारत केँ मजबूत स्थिति मे अनलक, आगामी समय मे भारत केँ शक्तिशाली राष्ट्रक रूप मे निश्चितप्राय स्थापित करत। “पैछला बेर (२०१४ मे) अहाँ सब पूरा बहुमत देलहुँ तैँ हम पूरा शक्ति सँ काज कय सकलहुँ, जनकल्याण लेल दृढ निर्णय लय सकलहुँ। अहाँ सब देखलहुँ जे हम कोना ५ वर्ष देश केँ चलेलहुँ।” एना बजैत ओ आगू ईहो बजलाह जे भारत केँ शक्तिशाली राष्ट्र (सुपरपावर) बनेबाक लेल एक गोट मजबूत सरकार चाही, नहि कि मजबूर सरकार, आर मजबूत निर्णय सिर्फ एनडीए लय सकैत अछि नहि कि कांग्रेस आ कि एनसीपी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगभग प्रत्येक जनसभा मे विकासक मुद्दा, किसानक मुद्दा संग देशक सुरक्षा आ पाकिस्तान ओ काश्मीर पर कड़ा नीति अवलम्बन करबाक बात करैत छथि। हुनकर मानब छन्हि जे जहिना किसानक मुद्दा छैक, तहिना सेनाक मुद्दा सेहो छैक। देशक सीमा पर सुरक्षा लेल कार्यरत सेना केँ जँ कियो बाहरी लोक हमला करैत अछि तऽ सरकार केँ कड़ा निर्णय लेबाक चाही। दुश्मन राष्ट्र केँ कड़ा सन्देश देबाक लेल भारत केँ मजबूत सुरक्षा व्यवस्था चाही। एहि दिशा मे हुनकर सरकार बहुत तरहक कड़ा कदम उठेलक आ आगुओ उठायत। देश मे एहि बेरुक चुनाव मे वास्तव मे ईहो मुद्दा एक गोट महत्वपूर्ण निर्णय करत, एहि मे दुइ मत नहि।