मोदी जीक ५ वर्ष आ जनसामान्य मे राजनीतिक साक्षरता
सोशल मीडिया मे एखन भारतीय आम चुनाव यत्र-तत्र-सर्वत्र नजरि पड़ैत अछि। फ्रान्स केर पेपर हो आ कि अमेरिका आ कि पाकिस्तान कि श्रीलंका कि नेपाल – हर जगह पर एक्के गो चर्चा “भारत मे आम निर्वाचन २०१९” जेकर केन्द्र मे छथि भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। राजनीति मे मनमोहन सिंह केँ मौन-मोहन कहब, सोनिया गाँधी केँ विदेशी बार डान्सर कहब, राहुल गांधी केँ पप्पू, नरेन्द्र मोदी केँ फेकू – ईहो सब ठट्ठा आ व्यंग्य खूब चलि रहल देखल जाइछ। चायवाला, चौकीदार, आदि अनेकों प्रहार आ श्रृंगार-अलंकार वला शब्द सँ नेता लोकनिक चर्चा करब एकटा नव फैशन बनि गेल अछि। विदेश-देश स्तर पर चर्चा त जे-से, जन-जन केर हाथ मे मोबाईल आ इन्टरनेट केर प्रयोग प्रचलित भेला सँ सोशल मीडिया पर राजनीतिक जनजागरण एखन सब सँ बेसी बढि गेल देखाइत अछि। पैछला ३-४ दशक सँ टेलिविजन मार्फत लोक केँ जागरुकताक स्तर बढल रहय, ताहि सँ पूर्व रेडियो आ समाचार पत्र केर जमाना छल। आब मोबाईल केर क्रान्ति एहेन अछि जे बच्चा-बच्चा तक सब बात बुझय लागल अछि।
नरेन्द्र मोदी सेहो मेट्रो मे सफर करैत आमजन केँ अपना संग फोटो खींचबाक अवसर देलनि, कहियो अपने विश्वक पैघ राजनेता संग सेल्फी खींचिकय सामाजिक संजाल पर पोस्ट कय देलनि, अपन एक-एक पल, एक-एक काज, एक-एक विचार सब किछु फेसबुक, ट्विटर, यूट्युब आदि सँ सदिखन चलायमान रखलनि। जन-जन केँ पता होइत रहलैक जे प्रधानमंत्री अर्थात् प्रधानसेवक एखन कि कय रहला अछि। सरकारक कामकाज, नीति, नव-नव पूर्वाधार निर्माण ओ उद्घाटन – सब बातक जानकारी नरेन्द्र मोदी अपन नाम केर पेज सँ जनता धरि बँटैत रहलाह। एक त सोशल मीडिया अपना आप मे पैघ क्रान्ति आर ताहि पर सँ कोनो देशक मुखिया जखन करोड़ों सोशल मीडिया यूजर्स धरि सब बात-विचार सम्प्रेषण करथि त एकर सकारात्मक प्रभाव कोन क्रान्ति आनत ई स्वतः बुझय योग्य विषय थिक। आइ १३० करोड़ भारतवासी मात्र नहि, बल्कि दुनिया भरि मे जतेक जागरुक आ भारतक विषय मे रुचि लेनिहार लोक अछि से सब एहि निरन्तर सम्प्रेषणक लाभ उठा रहल अछि। एकर सब सँ पैघ लाभ ई भेलैक जे आब भारतक मतदाता केँ कियो धर्म, जाति, वा कोनो अन्य उन्माद या झूठ अफवाह आदि पसारिकय बेवकूफ नहि बना सकैत अछि। यैह कारण छैक जे लगभग ३ दशक धरि जाहि देश मे कोनो एक दल केँ स्पष्ट बहुमत तक नहि भेटि रहल छलैक, ताहिठाम स्पष्ट बहुमत पाबिकय सरकार गठन संभव भेलैक २०१४ मे, आर तदोपरान्त जे ई ५ वर्षक शासनकाल भेलैक से जन-जन केँ सरकार कोना काज करैत छैक, जनकल्याणकारी योजना केना विकसित कयल जाइत छैक, विपक्ष द्वारा केना झूठक मुद्दा आ आरोप-प्रत्यारोप लगायल जाइत छैक, एहि सब बात मे जन-जन केँ समेटि लेल गेल, जोड़ि लेल गेल अछि।
एहि बेर जतय कतहु घुमय लेल गेलहुँ, हर जगह लोक मे पोलिटिकल लिटरेसी बढल नजरि पड़ल। आब समाचार सम्प्रेषणक गति एतेक तेजी सँ बढि गेल छैक जे पैघ सँ पैघ आ छोट सँ छोट बातक जानकारी साधारण पढल-लिखल किंवा अनपढ लोक सेहो बुझैत देखायल। राफेल-राफेल ततेक न हल्ला भेल जे राफेल मे चोरीक महीन-महीन बात गामक हाट पर जनसाधारण सेहो चर्चा करैत देखायल। “चौकीदार चोर है?” ई सच अछि कि झूठ ताहि पर साधारण लोक सब प्रतिक्रिया देलक जे “चौकीदार चोर नहीं है, चोरों को चोरी करने का मौका नहीं दे रहा है चौकीदार तो चोर लोग ही चौकीदार पर चोरी का झूठा इल्जाम लगा रहा है”। जी, एहेन-एहेन प्रतिक्रिया गामक चाह दोकान चला रहल आमजन केर मुंह सँ सुनल। ‘महागठबंधन’ आ पुरान जाति-पाति केर आधार पर वोट ध्रुवीकरण पर सेहो बड़ा संतुलित आ सटीक उत्तर लोक सब सँ भेटल। कुल मिलाकय ई कहय मे कतहु गलत नहि होयत जे ५ वर्षक मोदी सरकार केर पारदर्शिताक संग सुशासन आ विकास केर बात सँ लैत आमजन लेल आयुष्मान भारत योजना, उज्वला योजना, श्रमजिवी लेल ऋण उपलब्ध करेनाय, सब नीतिगत बात सब कियो जनैत अछि। नरेन्द्र मोदी द्वारा आरम्भ कयल गेल ‘मन की बात’ केर बड पैघ सार्थक प्रभाव जन-जन मे स्पष्ट देखायल। आर, लोकतंत्र मे जखन लोकक सरकार लोक संग हरेक काज मे जुड़ि गेल, तखन भला ओहेन सरकार पर झूठ आरोप आ गलत दुष्प्रचारक कोन मोजर होयत, एहि तरहक उच्च क्रान्ति सरेआम जमीन पर नजरि आयल। यैह आधार पर कहि सकैत छी जे भारत आब बहुत आगाँ जायत, सरकार कोनो आबय, लेकिन जनताक नजरि खुलि गेलाक कारण परिवर्तन प्रगतिगामी अवश्य होयत।
लोकतंत्र केर सरकार लोक लेल लोके संग जुड़िकय काज करैछ तखन लोकक नजरि मे अजेय बनि जाइछ। नरेन्द्र मोदी आइ विश्वव्यापी आ सर्वप्रिय नेता बनि गेला। कारण हुनकर पारदर्शिता आ कोनो काजक बात केँ सरेआम स्पष्ट भाषा मे रखबाक शैली केँ सेहो मानल जाइछ। सब सँ पैघ लाभ यैह भेल जे आइ हुनकर नीतिक कारण १३० करोड़ भारतवासी राजनीतिक तौर पर जाग्रत भेल आर आइयो बेसी लोक हुनके ऐगला प्रधानमंत्रीक रूप मे देखय चाहि रहल अछि। विपक्ष ओतेक मजबूत स्थिति मे नहि देखाइछ। नरेन्द्र मोदी अजेय देखाइत छथि।
हरिः हरः!!